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हॉस्पिटल में एडमिट मरीज की डेडबॉडी छत पर मिली:परिजन बोले- पड़ोस की बिल्डिंग पर कैसे पहुंचा; हंगामा-प्रदर्शन हुआ


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हॉस्पिटल में एडमिट मरीज की डेडबॉडी छत पर मिली:परिजन बोले- पड़ोस की बिल्डिंग पर कैसे पहुंचा; हंगामा-प्रदर्शन हुआ

हॉस्पिटल में एडमिट मरीज की डेडबॉडी छत पर मिली:परिजन बोले- पड़ोस की बिल्डिंग पर कैसे पहुंचा; हंगामा-प्रदर्शन हुआ

झुंझुनूं : शहर के हाउसिंग बोर्ड स्थित आरूणि अस्पताल में भर्ती हेतमसर गांव के एक मरीज का शव अस्पताल के पीछे बनी बिल्डिंग की छत पर मिला है। लीवर में तकलीफ होने पर मरीज 23 जनवरी को अस्पताल में भर्ती हुआ था। सोमवार तड़के वह करीब चार-पांच बजे अस्पताल के बेड से गायब हो गया। मरीज के गायब होने की सूचना पर उसको तलाश किया तो उसका शव पड़ोस की बिल्डिंग की छत पर मिला।

परिजनों ने अस्पताल के बाहर शुरू किया धरना
परिजनों ने अस्पताल के बाहर शुरू किया धरना

पुलिस उपाधीक्षक वीरेंद्र शर्मा ने बताया मंडावा मोड़ क्षेत्र के आरूणि अस्पताल में 23 जनवरी को हेतमसर निवासी संजीव जाट (45) का इलाज चल रहा था। सूचना मिली कि सोमवार तड़के अस्पताल में अपने बेड से गायब हो गया। परिजन व अस्पताल के कर्मचारियों ने उसकी तलाश की तो सोमवार रात उसका शव पीछे बनी बिल्डिंग की छत पर गिरा हुआ मिला। मृतक के भतीजे ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही की वजह से संजीव की मौत होने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

समझाइश के बाद सुबह 4 बजे BDK हॉस्पिटल भेजा
समझाइश के बाद सुबह 4 बजे BDK हॉस्पिटल भेजा

नहीं लिया शव, धरने पर बैठे ग्रामीण व परिजन

अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजन व ग्रामीण अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गए। देर रात तक परिजन व ग्रामीणों का अस्पताल के बाहर चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई और अस्पताल को बंद करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे रहे। पुरी रात प्रशासन और पुलिस के अधिकारी परिजनों को समझाइस करते रहे, मंगलवार सुबह 4 बजे पोस्टमार्टम के लिए BDK हॉस्पिटल में शव ले जाया गया।

मृतक के चचेरे भाई होशियारसिंह ने आरोप लगाया है रविवार रात से उसका भाई गायब था। अस्पताल प्रबंधन ने ना तो इसकी पुलिस में रिपोर्ट दी और ना ही उन्हें सूचना दी। हमारी ओर से तलाश करने पर सोमवार शाम को पता चला कि वह अस्पताल के पीछे बनी बिल्डिंग पर मरा हुआ पड़ा है। जब तक अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तब तक शव नहीं लिया जाएगा।

जब अस्पताल प्रबंधन से बात की गई तो उनका कहना है कब गिरा और क्यों गिरा, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। वह खुद गिरा है या किसी और कारण से गिरा है, इसकी जांच होनी चाहिए।

कई बार की वार्ता, असफल रही

डीवाइएसपी वीरेंद्र शर्मा, कोतवाली थानाधिकारी नारायणसिंह समेत अन्य ने धरने पर बैठे परिजन व ग्रामीणों से वार्ता की। लेकिन वार्ता असफल रही। सुबह 4 बजे परिजन शव को बीड़ीके अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए सहमत हुए।

अस्पताल की व्यवस्थाओं, चिकित्सा सुविधाओं की जांच की मांग की। परिजन के शव नहीं लेने और आक्रोश को देखते हुए देर रात अस्पताल की सुरक्षा के लिए आरएसी के जवानों को तैनात किया गया कर दिया गया था।

खुद ही छत पर गया है मरीज, कोई झगड़ा नहीं हुआ

आरूणि अस्पताल के संचालक डॉ. सुनील पूनियां ने बताया कि मरीज शराब का आदी था। लीवर खराब होने पर 23 जनवरी को भर्ती हुआ था। दो-तीन दिन उसे आइसीयू में रखा गया और फिर जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया। सुबह अपने बेड पर नहीं मिला तो उसके घरवालों को सूचना दी गई। घरवाले आए और उसे फोन किया तो फोन नहीं उठा। जब फोन की लोकेशन पता कर तलाश की तो अस्पताल के पीछे वाली छत पर पड़ा हुआ मिला। उसे अस्पताल लाकर जांच की तो मृत पाया गया। अस्पताल में उसके साथ-किसी प्रकार का कोई झगड़ा फसाद नहीं हुआ। वीडियो रिकॉर्डिंग है, जिसमें वह खुद ही छत पर गया है और वहां से गिरा है। परिजन की ओर से लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं।

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