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शेखावाटी का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट अभी कागजों में


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शेखावाटी का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट अभी कागजों में

ईआरसीपी: इस माह शिलान्यास की तैयारी, यमुना के पानी के लिए करना होगा इंतजार

झुंझुनूं : राजस्थान में सिंचाई व पेयजल के लिए दो बड़ी परियोजनाएं चल रही है। एक है ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) और दूसरी है यमुना जल समझौता। एक योजना से पूर्वी राजस्थान के 21 जिलों में सिंचाई व पेयजल के लिए पानी मिलेगा, जबकि यमुना जल समझौते से शेखावाटी के चार जिलों को पानी मिलना है। लेकिन ईआरसीपी का कार्य तेज गति से चल रहा है। एक बांध की तो पहली टेस्टिंग तक हो चुकी। इसी माह इसके शिलान्यास की तैयारी भी है, जबकि दूसरी योजना यमुना जल समझौते की फाइल लाल फीते से बाहर नहीं आ रही। जनप्रतिनिधि भी इसके लिए ठोस तरीके से आवाज नहीं उठा रहे। नजीजा खेत सूख रहे हैं और पानी पाताल में जा रहा है। किसान खेती करना छोड़ रहे हैं।

जानें ईआरसीपी की प्रगति रिपोर्ट: एमओयू 28 जनवरी 2024, जिले 21

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बहुप्रतिक्षित पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (पीकेसी-ईआरसीपी) का राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ पर 17 दिसबर को होने वाले समारोह के दौरान शिलान्यास करेंगे। इस दौरान नवनेरा बैराज और ईसरदा बांध का लोकार्पण भी किया जाएगा। ईआरसीपी पर राजस्थान, मध्यप्रदेश और केन्द्र सरकार के बीच 28 जनवरी 2024 को दिल्ली में एमओयू हुआ। इससे 21 जिलों में पानी पहुंच सकेगा। इस परियोजना से करीब 2.82 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की संभावना है। इस योजना पर 40 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। योजना से अलवर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, सवाई माधोपुर, बूंदी, कोटा, बारां, झालावाड़, भरतपुर, धौलपुर और करौली सहित 21जिलों को फायदा होगा। योजना का पहला बांध नवनेरा बनकर तैयार है। सितंबर में इस बांध की भराव क्षमता की टेस्टिंग हो चुकी। वहीं इसी का हिस्सा ईसरदा बांध का कार्य भी चल रहा है।

जानें यमुना जल समझौता की प्रगति रिपोर्ट: एमओयू 17 फ़रवरी, 2024, जिले 4

यमुना नदी के पानी के बंटवारे को लेकर राजस्थान और हरियाणा के बीच 17 फ़रवरी, 2024 को समझौता ज्ञापन एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इस समझौते के तहत, हरियाणा के हथिनीकुंड के ताजे वाला हैड से भूमिगत पाइपलाइनों के ज़रिए झुंझुनूं, सीकर, चूरू और नीमकाथाना जिले में पानी लाया जाएगा। समझौते पर हस्ताक्षर मुयमंत्री भजनलाल शर्मा व हरियाणा के तत्कालीन मुयमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के सामने किए। इसके बाद डीपीआर का बजट आ गया। लोकसभा चुनाव के दौरान विभागों की टीमों ने कई जगह सर्वे किया। योजना के तहत पहला बांध चूरू के हांसियावास व ताबाखेड़ी गांव के बीच में बनेगा। लेकिन हकीकत में अभी धरातल पर कुछ नहीं हुआ।

इनका कहना है

यमुना जल समझौते के बाद अभी धरातल पर कुछ नहीं हो रहा। इसका मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। सरकार को इस पर मजबूती से कार्य करना चाहिए। शेखावाटी के हित के लिए समिति संषर्घ करती रहेगी।

यशवर्धन सिंह शेखावत, संयोजक, यमुना जल संघर्ष समिति

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