बहुचर्चित दानसिंह हत्याकांड:कोर्ट ने 50-50 हजार का अर्थदंड भी लगाया, गुड्डी को बरी करने पर खफा दिखे मृतक के परिजन
बहुचर्चित दानसिंह हत्याकांड:कोर्ट ने 50-50 हजार का अर्थदंड भी लगाया, गुड्डी को बरी करने पर खफा दिखे मृतक के परिजन

भरतपुर : पति को घेरकर गोलियां बरसाईं, वो पल हमारे परिवार की खुशियां ले गया। आज याद कर आंखें भर आती हैं। आखिर ऐसा क्यूं हुआ। यह कहना है साबौरा कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष दानसिंह की पत्नी का। ग्राम पंचायत साबौरा निवासी दान सिंह की 11 सितंबर 2017 की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में गुरूवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-02 ने फैसला सुनाया। न्यायाधीश सीताराम मीणा ने इस मामले में पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। वहीं एक महिला को बरी किया है। यह फैसला घटना के सात साल बाद आया है।
उल्लेखनीय है कि 11 सितंबर 2017 को दान सिंह अपने बेटे गजेंद्र सिंह के साथ साबौरा गांव से भरतपुर स्थित सिविल लाइन के घर लौट रहे थे। जैसे ही वे घर पहुंचे, बाइक पर आए 4-5 हमलावरों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस हमले में दान सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके बेटे गजेंद्र सिंह बदमाशों से लड़ते हुए गंभीर रूप से घायल हो गए। बदमाश दो कट्टे व बाइक मौके पर ही छोड़कर भागने में सफल हो गए। बेटे गजेंद्र ने बताया कि रत्न सिंह के परिवार से चुनावी रंजिश होने के कारण उसके पिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
एक आरोपी की कोराेनाकाल में हुई मौत, 43 गवाहों की मौजूदगी में सुनाया फैसला
इस मामले में 7 मुल्जिमों के खिलाफ चालान पेश हुआ था। जिसमें रत्न सिंह की मौत सेवर जेल में कोरोना काल में हो गई। बचे 6 मुल्जिमों में पांच को कोर्ट ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा के साथ ही प्रत्येक पर 50 हजार रुपये का आर्थिक दंड का फैसला सुनाया है, जबकि एक महिला गुड्डी को बरी किया है।
कारावास की सजा मिलने वाले दोषियों में ओमवती पत्नी स्व. रत्न सिंह (55), अनेक सिंह पुत्र स्व. रत्न सिंह,तीन शार्प शूटर्स में प्रहलाद (31) निवासी एलवारा थाना कोसी मथुरा, रविंद्र (31) निवासी चौकी बांगर कोसी मथुरा एवं शाकिर निवासी चौकी बांगर कोसी मथुरा शामिल हैं।
अभियुक्तगण अनेक सिंह,ओमवती एवं रविंद्र को आरोप के अंतर्गत 302/120 बी भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए दोषसिद्ध घोषित किया गया ,जबकि प्रहलाद एवं शाकिर को आरोपित अपराध के अंतर्गत धारा 323,341,302/120 बी भारतीय दंड संहिता एवं धारा 3/25 आयुध अधिनियम के अपराध के लिए दोषसिद्ध घोषित किया। वहीं आरोपी गुड्डी को बरी कर दिया गया है।
बेटे गजेंद्र सिंह ने बताया कि इस हमले के पीछे गांव के ही रतन सिंह का हाथ था, जो उनके पिता से राजनीतिक रंजिश रखता था। रतन सिंह ने शूटरों को हायर कर इस घटना को अंजाम दिया। मामले की सुनवाई के दौरान रतन सिंह की 2020 में सेवर जेल में मौत हो गई थी।
न्याय की लड़ाई में बड़ी जीत
सूरौता… लोक अभियोजक भगत सिंह सूरौता ने बताया कि इस केस में 7 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने 5 को दोषी माना। मामले में 43 गवाह,145 प्रादर्श,59 दस्तावेजों को पेश किया गया था। उन्होंने कहा कि यह फैसला न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह फैसला राजनीतिक रंजिश के कारण हुई इस जघन्य घटना पर न्याय की उम्मीद जगाता है।
9 अक्टूबर 2015 को भी मारी थी तीन गोलियां
मौत के पीछे चुनावी रंजिश थी। क्योंकि उनके व दूसरे पक्ष के बीच कई सालों से विवाद होता रहा था। बेटे गजेंद्र ने बताया कि नौ अक्टूबर 2015 को भी तीन गोली मारी गई थी। तब दानसिंह की जान बच गई थी।
बरी गुड्डी के खिलाफ हाईकोर्ट दायर अपील करेंगी सुखबीरी
मृतक दान सिंह की पत्नी सुखबीरी ने बताया कि उक्त पांच दोषियों के अलावा आरोपी गुड्डी को कोर्ट ने बरी कर दिया है, जबकि उसको भी आजीवन कारावास होना चाहिए। इसके खिलाफ मैं उच्च न्यायालय जयपुर में अपील दायर करूंगी। मेरे पति को दिनदहाड़े गोलियाें से भूनकर मेरा सुहाग छीन लिया गया। मैं उस पल को कभी नहीं भूल पाऊंगी। जिस दिन मेरे सुहाग को इन सभी ने मिलकर उजाड़ डाला।