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अशोक गहलोत बोले- EVM ठीक तो VVPAT पर खर्चा क्यों:मंत्री बेढ़म ने कहा- कांग्रेस के लोग जब हार जाते है तो बिचारे ‘ईवीएम’ को कोसते हैं


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अशोक गहलोत बोले- EVM ठीक तो VVPAT पर खर्चा क्यों:मंत्री बेढ़म ने कहा- कांग्रेस के लोग जब हार जाते है तो बिचारे ‘ईवीएम’ को कोसते हैं

अशोक गहलोत बोले- EVM ठीक तो VVPAT पर खर्चा क्यों:मंत्री बेढ़म ने कहा- कांग्रेस के लोग जब हार जाते है तो बिचारे 'ईवीएम' को कोसते हैं

जयपुर : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईवीएम पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा उठाए जा रहे सवालों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा- सवाल चुनाव की जीत-हार का नहीं है। जिस तरह महाराष्ट्र और हरियाणा में अप्रत्याशित नतीजे आए। आज लोगों का ईवीएम पर से भरोसा उठने लगा है। ऐसे में सरकार को बैलेट पेपर से चुनाव करवाने के लिए आगे आना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार को महात्मा ज्योतिबा फुले की 134वीं पुण्यतिथि पर बाइस गोदाम स्थित ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा- यही लोकतंत्र का तकाजा है कि विपक्ष यदि कोई बात बोले तो बिना प्रतिष्ठा का सवाल बनाए इस पर स्टडी करवाएं। सर्वे करवाया जाए कि देश की जनता का मूड क्या है, क्या जनहित में है। ताकि आने वाले समय में लोकतंत्र मजबूत रहे।

गहलोत बोले- ईवीएम ठीक होती तो वीवीपैट पर खर्चा क्यों

अशोक गहलोत ने कहा- भारत इतना बड़ा मुल्क है। यहां की डेमोक्रेसी हिल रही है‌। ईवीएम को लेकर दस साल पहले सुप्रीम कोर्ट तक केस गया था। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम में वीवीपैट लगाने का आदेश दिया। यह आदेश क्यों दिया गया, यदि मशीन सब ठीक होती तो वीवीपैट लगाकर 15-20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए। मालूम पड़ता था कि किसको वोट दिया स्लिप आ जाती थी। यह नौबत क्यों आई, इसका मतलब सुप्रीम कोर्ट ने माना होगा कि मशीनों को टेम्पर किया जा सकता है। उनसे छेड़छाड़ की जा सकती है। उन्होंने कहा- उस समय सुप्रीम कोर्ट भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ईवीएम के साथ वीवीपैट भी लग गई।

गहलोत ने अमेरिका-इंग्लैंड की तरह बैलेट पेपर अपनाने पर दिया जोर

गहलोत ने कहा- आज आम लोगों में यह धारणा बन गई है कि इन मशीनों से टेम्परिंग हो रही है। मतदान होने के बाद गणना के समय 99 फीसदी बैटरी चार्ज होना भी एक बड़ा सवालिया निशान है। जब अमेरिका-इंग्लैंड जैसे दुनिया के बड़े-बड़े मुल्क बैलेट पेपर से चुनाव करवाने लगे हैं। पहले वहां भी मशीन से चुनाव करवाए गए थे। हमारे देश में क्यों नहीं बैलेट पेपर से चुनाव हो, ताकि लोकतंत्र को मजबूत और लोगों का विश्वास कायम रखा जा सके।

अशोक गहलोत ने एक चाय की थड़ी के पास बैठे और चाय पी।
अशोक गहलोत ने एक चाय की थड़ी के पास बैठे और चाय पी।

लोगों के वोट से मोहभंग होने पर किया इशारा

गहलोत ने कहा- आजकल कई लोग वोट देने जाते ही नहीं हैं। उनका विश्वास ईवीएम पर से उठता जा रहा है। लोग सोचते हैं कि जाकर क्या करेंगे। जब वोट किसी को देंगे और जाएगा किसी के खाते में। ऐसे में वोट देकर क्या करेंगे। अगर ऐसे लोग 2-5 प्रतिशत भी हैं तो उचित नहीं है।

उन्होंने कहा- हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी कह रहे हैं उस पर विचार करना चाहिए। पहले की तरह बैलेट पेपर से चुनाव के लिए सरकार को आगे आना चाहिए। इसे सरकार को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाना चाहिए। पहले लालकृष्ण अडवाणी सहित सभी लोग मांग करते थे कि ईवीएम खत्म होनी चाहिए, पहले वो मांग करते थे। आज हम प्रत्यक्ष देख रहे हैं कि चुनाव में अप्रत्याशित परिणाम आ रहे हैं।

हरियाणा और महाराष्ट्र परिणामों ने देश को हिला दिया- गहलोत

उन्होंने कहा- हरियाणा में आम जनता के साथ ही भाजपा के लोग भी कहते थे कि कांग्रेस वहां चुनाव जीत रही है। भाजपा के नेता मानकर चल रहे थे कि नतीजों में कांग्रेस भारी बहुमत से जीतेगी। सभी एग्जिट पोल और पूरा मीडिया भी यही मानकर चल रहा था। सबका सर्वे यही था कि सरकार कांग्रेस बना रही है, लेकिन उल्टा हो गया। अब महाराष्ट्र में भी गजब हो गया इन परिणामों ने पूरे देश को हिला दिया है। हार-जीत अलग बात है, जिस प्रकार एकतरफा परिणाम आए हैं। मैं खुद एक महीने वहां रहा। ऐसा माहौल नजर ही नहीं आ रहा था। हो सकता है कुछ कारणों से उन्होंने चुनाव में ध्रुवीकरण किया हो।

लाड़ली बहन योजना लेकर आ गए, बूथ मैनेजमेंट कर लिया हो, कुछ भी किया होगा। जिस प्रकार से विपक्षी पार्टियों का सफाया हुआ है। यह लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है। अब तो जो पहले ईवीएम की पैरवी करते थे। वो भी सवाल उठा रहे हैं। ऐसे कई लोग मिले हैं, जो पहले इस पक्ष में नहीं थे कि ईवीएम बंद हो। आज वो भी पूछते हैं कि ईवीएम में कुछ गड़बड़ हुई है क्या। उनके मुंह से भी ऐसी बात निकलने लगी है। अब समय आ गया है कि जो बात मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी कह रहे हैं उस पर गंभीरता से विचार किया जाए।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने माली समाज के लोगों से मुलाकात की।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने माली समाज के लोगों से मुलाकात की।

गहलोत बोले लोकतंत्र पर उठ रहे सवाल

उन्होंने कहा- हमारा 140 करोड़ लोगों का देश है। ऐसा दूसरा कोई देश नहीं है जहां पर अलग-अलग धर्म, हजारों जातियों और बोलियों-भाषाओं के लोग रहते हों। इस महान कुनबे को एक रखना। उनमें प्रेम, भाईचारा और सद्भावना बनी रहे यह भाव पूरे देशवासियों में कूट-कूटकर भरना जरूरी है। तब जाकर हमारा देश दुनिया में सिरमौर बना रहेगा। इतने बड़े मुल्क में लोकतंत्र रहा है। हालांकि, अब इस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं यह अलग बात है। आज हमारे महापुरुषों की भावनाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की जरूरत है।

ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने पुष्प अर्पित किए।
ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने पुष्प अर्पित किए।

बेढ़म बोले- कांग्रेस के लोग जब हार जाते है तो बिचारे ‘ईवीएम’ को कोसते हैं

गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने गहलोत के बयान पर कहा- कांग्रेस के लोग जब हार जाते है तो बिचारे ‘ईवीएम’ को कोसते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हमारे लिए आदरणीय है, अशोक गहलोत वरिष्ठ नेता है। उनको कम से कम ऐसा आधारहीन बयान नहीं देना चाहिए। आप देख रहे हैं मैं कल सुना था खड़गे जी ने कहा था हम यात्रा निकालेंगे ईवीएम को लेकर। उन्होंने कहा खड़गे जी आपने खाट यात्रा निकाली थी। उत्तर प्रदेश में क्या हाल हुआ। राहुल गांधी जिनके वंशज हैं, जवाहरलाल नेहरू के जमाने में देश तोड़ने की साजिश रची गई। उन्होंने झूठ-मूठ की भारत जोड़ो यात्रा निकाली उसका क्या हश्र हुआ।

अब आप ईवीएम के नाम पर लोगों को गुमराह करने के लिए जो यात्रा निकालने की बात कर रहे हैं जनता आपको समझ चुकी है। जनता अब गुमराह नहीं होगी। जनता चाहती है कि उनके मजबूत नेतृत्व विश्व का नेतृत्व करें। जो धारा 370 खत्म करके, 35 ए खत्म करके एक भारत और श्रेष्ठ भारत के सपने को पूरा करने का काम करें। जो आम आदमी के विकास की योजनाओं को धरता पर लागू कर उनको राष्ट्र की मुख्य धारा में जोड़ने का काम करें। सनातन संस्कृति और विरासत संरक्षण का काम करें। भारत को विश्व गुरु बनाने के रास्ते पर लेकर चले। ऐसे महान नेता नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह भारत 2047 में विकसित देशों की श्रेणी में शामिल होगा।

इससे पहले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में ज्योतिबा फुले स्मारक पर पहुंचकर समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले के निर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद वे पास ही स्थित एक चाय की थड़ी के पास बैठे और चाय पी। इस दौरान उन्होंने लोगों से मुलाकात कर उनके हालचाल जाने और परिवादियों की शिकायतें भी सुनी।

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