महिला-शिक्षा को धनखड़ ने बताया रथ के दो पहिए:बोले- इनके बिना विकसित भारत नहीं हो सकता; प्रति व्यक्ति आय 8 गुना बढ़ानी होगी
महिला-शिक्षा को धनखड़ ने बताया रथ के दो पहिए:बोले- इनके बिना विकसित भारत नहीं हो सकता; प्रति व्यक्ति आय 8 गुना बढ़ानी होगी

जयपुर : आईआईएस (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), जयपुर को शनिवार को ‘विकसित भारत 2047 में महिलाओं और शिक्षा की भूमिका’ विषय पर परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा- महिला और शिक्षा राष्ट्र को ‘विकसित भारत’ की ओर ले जाने वाले रथ के दो पहिए हैं।

कार्यक्रम से पहले उपराष्ट्रपति और उनकी धर्म पत्नी ने अपनी माता की स्मृति में वृक्षारोपण किया। जिसके बाद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक गुप्ता ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका आभार प्रकट किया। धनखड़ ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि विकसित भारत के लिए सही परिस्थिति तंत्र बनाने की आवश्यकता है और आत्मनिर्भर भारत को आकार देने में अच्छी शिक्षा और विशेष रूप से महिला शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उपराष्ट्रपति ने महिलाओं और शिक्षा को रथ के दो पहिए बताया, जो अर्थव्यवस्था को चलाएंगे और जिनके बिना विकसित भारत नहीं हो सकता। उन्होंने वैश्विक स्तर पर देश की पकड़ बढ़ाने के लिए भारतीय समाज की कार्यप्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन की अपील की और कहा, ‘भारत को विकसित राष्ट्र का दर्जा दिलाने के लिए हमें अपनी प्रति व्यक्ति आय 8 गुना बढ़ानी होगी।’
धनखड़ ने शिक्षा को सामाजिक व्यवस्था को संतुलित करने वाला और बदलाव का माध्यम भी बताया। इस दिशा में एक सही कदम एनईपी 2020 की शुरुआत है, जो छात्रों को डिग्री-उन्मुख शिक्षा से दूर करते हुए गुणवत्तापूर्ण और उद्देश्यपूर्ण शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति देती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समावेशी शिक्षा के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना सामाजिक और आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कारक हो।