झुंझुनूं : श्याम मंदिर प्रांगण में तीन दिवसीय नानी बाई को मायरो कथा का शुक्रवार को सांयकाल 6:30 बजे श्रद्धा भाव के साथ समापन हुआ। रितिम महाराज व्यास पीठ से कथा सुनाते हुए कहा कि नरसी मेहता और श्रीकृष्ण के बीच हुए रोचक संवाद को बहुत ही प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि घर में कितनी भी बहु हों, कोई अपने पीहर से कितना भी लाए, मगर ससुराल के लोगों को कभी भी धन के लिए किसी को प्रताड़ित नहीं करना चाहिए क्योकि हर किसी की आर्थिक स्थिति एक सी नहीं होती है। रितिम महाराज ने कहा कि यदि किसी बहन के भाई नहीं हो या परिवार गरीब हो तो उसका सहयोग करना चाहिए।
नानी बाई को मायरो कार्यक्रम के अंतिम दिन भगवान श्रीकृष्ण ने छप्पन करोड़ का मायरा भरा। नरसी भक्त ने भी कड़ी तपस्या कर भगवान को याद किया, उनको आना पड़ा और श्रीकृष्ण ने छप्पन करोड़ का मायरा भी भरा। भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त नरसी मेहता ने जब अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया तब उन्हें भगवान का साक्षात्कार हुआ। कथा के मध्य रितिम महाराज के भजनों पर श्रोता भक्त झूम उठे। कथा समापन पर आरती के पश्चात सभी को प्रसाद भोग वितरित किया गया।
आज के इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रुप में सनातन धर्म के पुरोधा महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री आत्मानंद सरस्वती थे । आयोजन समाजसेवी जगदीश शर्मा की अध्यक्षता में विशिष्ट अतिथियों में विश्व प्रसिद्ध मुर्तिकार मातुराम वर्मा, पीथाराम जांगिड़, राजेन्द्र कुमार भौमिया, रिसाल सिंह, झुंझुनूं से पधारे महेश बसावतिया, विप्र समाज नेता रामगोपाल महमिया, उमाशंकर महमिया, विप्र फाउंडेशन के जिला अध्यक्ष व नगर मंडल अध्यक्ष कमल कांत शर्मा, नगर मंडल उपाध्यक्ष ललित जोशी, नारनोल से पधारे गजेन्द्र बोहरा, दिनेश शर्मा सेवानिवृत्त प्रिंसिपल, पवन कौशिक पूर्व संरपच, महेन्द्र कुमार सैनी की गरिमामय उपस्थिति रही । सभी महानुभावों का व्यास पीठ व श्री सेवा समिति के पदाधिकारियों अध्यक्ष रामाकांत जखोडिया, उपाध्यक्ष पवन जखोडिया व व्यवस्थापक अरूण भौमिया बिल्लू ने दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया ।