जयपुर : REET पेपर लीक मामले के आरोपी शेर सिंह मीणा की गर्लफ्रेंड अनीता मीणा की 1 करोड़ रुपए की संपत्ति को ईडी ने कुर्क कर दिया है। अनीता मीणा का जयपुर के आमेर में प्लॉट था, जिसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपए बताई गई है। ईडी ने यह कार्रवाई 12 सितंबर को की थी।
अनीता मीणा के घर और अन्य ठिकानों से एसओजी को कई फर्जी मार्कशीट, स्टाम्प सहित कई दस्तावेज मिले थे। ईडी ने करीब 16 दिन पहले रीट पेपर लीक मामले में आरोपी रामकृपाल मीणा और प्रदीप पाराशर की 26 लाख रुपए की संपत्ति भी कुर्क की थी। अब अनीता पर कार्रवाई की गई है।
रिमांड के दौरान जुटाई थी संपत्ति की जानकारी
हाल ही में ईडी ने अनीता मीणा को राजसमंद जेल से रिमांड पर लिया था। इस दौरान अनीता की संपत्ति के बारे में जानकारी जुटाई गई थी। इसके बाद ईडी ने कुर्की के लिए अनीता की संपत्ति का सत्यापन उसी से कराया। पुष्टि होने पर 12 सितंबर को ईडी ने कुर्क की कार्रवाई की।
अनीता मीणा के खिलाफ गंगापुर सिटी में रीट पेपर लीक मामले में वर्ष 2021 में एफआईआर दर्ज हुई थी। SOG की ओर से कार्रवाई कर REET पेपर लीक मामले में अब तक मुख्य आरोपी रामकृपाल मीणा और प्रदीप पाराशर सहित 131 आरोपियों को अरेस्ट किया जा चुका है। ऐसे संगठित गिरोह के खिलाफ एसओजी और ईडी मिलकर एक्शन कर रही है।
कौन है शेरसिंह मीणा
जयपुर के चौमूं में दोला का बास निवासी अनिल मीणा उर्फ शेरसिंह मीणा सिरोही के भावरी गांव में सरकारी स्कूल में वाइस प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत था। शेरसिंह मीणा ने ही सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करके भूपेंद्र सारण को 1 करोड़ रुपए में बेचा था। पुलिस ने उसे ओडिशा से गिरफ्तार कर लिया था। शेरसिंह वहां सरकारी स्कूल की अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग में मजदूर के भेष में छुपकर रह रहा था।
बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जारौली का दोस्त है पाराशर
पेपर लीक का मुख्य सरगना प्रदीप पाराशर को 2011 और 2012 में कांग्रेस सरकार में आरटेट में को-ऑर्डिनेटर बनाया गया था। तब बोर्ड के चेयरमैन मंत्री सुभाष गर्ग थे। प्रदीप पाराशर मंत्री सुभाष गर्ग और बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली का करीबी दोस्त है।
पाराशर ने दिया था रामकृपाल को पेपर
पेपर लीक का मुख्य सरगना प्रदीप पाराशर को REET का जयपुर जिला कोर्डिनेटर बनाया गया था। REET का पेपर जयपुर में स्ट्रॉन्ग रूम से लीक में प्रदीप पाराशर की भूमिका सामने आई थी। SOG ने प्रदीप पाराशर को 30 जनवरी 2022 को गिरफ्तार किया था। SOG जांच में सामने आया कि प्रदीप पाराशर के जरिए ही रामकृपाल मीणा को पर्चा मिला था। जिसने अपने नेटवर्क के जरिए कई अभ्यर्थियों को पर्चा पढ़वाया था।
स्ट्रॉन्ग रूम से लीक हुआ था पेपर
एसओजी ने खुलासा किया था कि जयपुर शिक्षा संकुल के स्ट्रॉन्ग रूम से पेपर लीक हुआ था। इसी के बाद से राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहे डीपी जारौली और उनके दोस्त प्रदीप पाराशर दोनों शक के घेरे में आए थे। एसओजी की जांच में खुलासा हुआ था कि पेपर 1.25 करोड़ रुपए में बेचा गया।
पेपर स्ट्रॉन्ग रूम से निकालकर कोचिंग संचालकों और नकल गिरोह तक पहुंचाया गया। यह भी सामने आया कि J-सीरीज का पेपर स्ट्रॉन्ग रूम से लीक किया गया और अलग-अलग सेंटर पर बांटा गया। जांच में ये भी सामने आया था कि पेपर जयपुर, जालोर, सिरोही, टोंक, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, दौसा, करौली सहित कई जगहों पर पहुंचाया गया। नकल गिरोह ने परीक्षा से पहले 50 सेंटर पर पेपर पहुंचाया।