सीकर : सीकर प्रभारी व पर्यावरण वन मंत्री संजय शर्मा ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के 9 महीने के कार्यकाल में भाजपा सरकार फ्लॉप वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि डोटासरा जी पहले अपने राज की बात करे।
दरअसल, मंत्री संजय शर्मा शुक्रवार को सीकर दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों की बैठक ली। इससे पहले मीडिया से बातचीत के दौरान डोटासरा पर निशाना साधते हुए कहा- उनके राज में पायलट दिल्ली भाग रहे थे, उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी। हमारे यहां सभी की सुनवाई होती है।
अशोक गहलोत-डोटासरा ने पायलट को नहीं सुना
संजय शर्मा ने कहा कि डोटासरा जी के राज में क्या सचिन पायलट जी को सुना गया था। सचिन पायलट जी भागे-भागे डोल रहे थे। वे कभी दिल्ली जा रहे थे, कभी जयपुर। क्या डोटासरा और अशोक गहलोत ने उनकी बात को सुना था क्या। हमारे राज में प्रत्येक विधायक की बात सुनी जा रही है। विधायक चाहे कांग्रेस का हो या बीजेपी का, मुख्यमंत्री जी सब की बात सुन रहे है।
वन मंत्री संजय शर्मा आज सीकर के एकदिवसीय दौरे पर आए थे। मंत्री ने सर्किट हाउस में भाजपा कार्यकर्ताओं से जनसुनवाई की। इसके बाद उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट सभागार में नीमकाथाना व सीकर जिले के अधिकारियों से वार्ता कर जन-समस्याओं को जाना।
डोटासरा ने कहा था- जनप्रतिनिधि की चलती नहीं
दरअसल, गुरुवार को लक्ष्मणगढ़ नगर पालिका में जनसुनवाई करने आए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा था कि राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी पूरे तरीके से हावी है और जनप्रतिनिधि की चल नहीं रही है।
एक मंत्री ढाई महीने से इस्तीफा लेकर घूम रहा है। पुपाड़ी बजा रहा है। सरकार से उसका फैसला नहीं हो रहा है। इससे ज्यादा शर्म की बात कोई हो नहीं सकती। एक विधायक कह रहा है कि मेरा कोई काम नहीं हो रहा है। हम कहां जाएं, मंत्री मिलता नहीं है। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है।
फसल खराबे की रिपोर्ट तैयार कराने को कहा
संजय शर्मा ने बताया कि सीकर-नीमकाथाना में बारिश से हुए फसल खराबे का मुआवजा दिलाने के लिए किसानों की गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करवा कर राज्य सरकार को भेजने के लिए दोनों जिलों के कलेक्टर को निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही दोनों जिलों में बारिश से जो सड़के क्षतिग्रस्त हुई हैं उनकी सूची भी जिला प्रशासनिक अधिकारियों से मांगी गई है।
7 लाख से अधिक पेड़ लगाए
वन मंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार ने राजस्थान में 7 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा था। पौधारोपण के लिए सरकार ने एक पौधा मां के नाम अभियान चलाया था। इस अभियान के तहत राजस्थान में 7 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। जिसमें सभी विभागों ने पेड़ लगाए हैं। जो पौधे लगाए गए हैं उनके संरक्षण की जिम्मेदारी अब हमारी है।