जोधपुर : वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ने जोधपुर में हांथी दांत व लेपर्ड अवशेष पकड़े। इसके बाद अब कई हैंडीक्राफ्ट कारोबारी व ज्वेलर्स निशाने पर आ गए हैं। हाथी दांत से बनी चीजों की सप्लाई के लिए जोधपुर प्रदेश का बड़ा सेंटर है।
यहां से हाथी दांत से बने आइटम व चूड़ियों की उपलब्धता आसानी से हो रही है। वन विभाग की टीम ने दूसरे दिन शनिवार को सांगरिया स्थित फैक्ट्री पर रेड मारी। वहां से टीम ने 7 मूर्तियां बरामद की हैं। इसके साथ ही हैंडीक्राफ्ट कारोबारी भुवनेश कंसारा के साथ उषा अब्बानी को हिरासत में लिया है। इन्होंने पूछताछ में हाथी दांत व लेपर्ड का सिर सहित अन्य आइटम असली होने की बात कबूल की।
30 लोगों की टीम कार्रवाई करने जोधपुर आई
बताया जा रहा है कि वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली के उपनिदेशक माधविनन व डीएफओ मोहित गुप्ता के नेतृत्व में करीब 30 लोगों की टीम जोधपुर में कार्रवाई करने को लिए आई हुई है। इस टीम की रडार पर एक दर्जन से ज्यादा लोग हैं जो वाइल्ड लाइफ से जुड़ी चीजों की खरीद फ़रोख़्त करते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि हाथी दांत को इन लोगों ने दूसरे जानकारी की हडि्डयों का बताकर मंगवाया था। उन्हें अन्य जानवर की हड्डी बताकर ऑनलाइन दूसरे देशों में ट्रांसपोर्ट किया जा रहा था।
वन्यजीवों की तस्करी के बड़े गिरोह का हो सकता है खुलासा
जोधपुर में कार्रवाई करने आई वन विभाग की टीम ने कार्रवाई को लेकर अपना कोई बयान जारी नहीं किया है। लेकिन टीम को वन्य जीवों से जुड़े सामान की तस्करी करने वाले बड़े गिरोह की लीड मिली हुई है।
ऐसे में टीम अब जोधपुर में आ रहे लेपर्ड की खाल व उसके अन्य अंग, हाथी दांत और वाइल्ड लाइफ एक्ट से जुड़ी सभी चीजों की तस्करी से जुड़े मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
अरावली क्षेत्र के गिरोह से जुड़े होने की संभावना ,
टीम की कार्रवाई में लेपर्ड का सिर मिला था। संदेह जताया जा रहा है कि प्रदेश के अरावली क्षेत्र में लेपर्ड काफी मात्रा में हैं। इन लेपर्ड का शिकार भी काफी लोग कर रहे हैं। इनके सिर, खाल, दांत, नाखून की काला बाजार में काफी कीमत है।
इससे पहले भी अरावली क्षेत्र में लेपर्ड के शिकार के मामले सामने आ चुके हैं। टीम को संदेह है कि जोधपुर के कारोबारी ऐसे ही किसी गिरोह के सम्पर्क में हैं। इनके पास से ही यह लोग लेपर्ड की खाल, नाखून, दांत खरीद लाखों में बेच रहे हैं।
आसानी की हर ज्वेलर के पास उपलब्ध हाथी दांत चूड़ियां
राजस्थान में शादी के बाद पहली बार दुल्हन के घर आने पर उसे हाथी दांत की चूड़ियां पहनाई जाती हैं। हाथी दांत वन अधिनियम के तहत प्रतिबंधित होने के बाद भी लोगों को आसानी से हाथी दांत से बनी चूड़ियां मिल रही हैं।
टीम के पास यह भी लीड है कि जोधपुर के कई सुनार हैं जो पूरे प्रदेश में दुल्हन के हाथों में पहनी जाने वाली हाथी दांत की चूड़ियां उपलब्ध करवाते हैं।
शोहरत दिखाने हाथी दांत, तंत्र-मंत्र के लिए लेपर्ड
हाथी दांत व लेपर्ड की खाल, दात व नाखून की काला बाजार में काफी डिमांड रहती है। हाथी दांत को पुराने समय से ही राजस्थान सहित अन्य जगह भी शोहरत के लिए माना जाता था। ऐसे में इसकी पुराने समय से ही डिमांड सबसे ज्यादा रही है।
इधर, लेपर्ड से जुड़ी चीजों की तंत्र-मंत्र के लिए काफी डिमांड रहती है। इनकी खाल व नाखून को तस्कर लाखों रुपए में बेचते हैं। सबसे ज्यादा लेपर्ड के चीजों की तस्करी अरावली के जंगलों से जुड़ी हुई है।