राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक
एक मारवाड़ी की कहावत है कि गांव बसृयो कोनी मंगता पैलृया ही आगा पिलानी विधानसभा में पानी को लेकर जो राजनीति हो रही है उस पर फिट बैठती है । विदित हो यमुना नदी का पानी झुंझुनूं जिले को दिलाने के लिए कांग्रेस के एक कद्दावर नेता ने अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम क्षणों तक बहुत ही दोहन किया । तत्पश्चात कुभाराम लिफ्ट परियोजना का पानी पिलानी विधानसभा को दिलाने को लेकर पूर्व कांग्रेसी विधायक जो अब भाजपा की शोभा बढ़ा रहे हैं बहुत ही दावे और वादे किए जैसे पानी आ ही जाएगा । राजस्थान में भाजपा सरकार बनते ही यमुना नदी का जिन्न फिर बाहर आ गया व लोकसभा चुनावों के मध्य नजर आनन फानन भजनलाल सरकार ने हरियाणा सरकार से समझौता किया । ओएमयू मे क्या था उस पर काफी बहस हो चुकी है । लेकिन यह सर्व विदित है कि राजनीति संभावनाओं का खेल होती है और यदि आगामी विधानसभा चुनावों में सरकार पलट जाती है तो इस ओएमयू का भी वही हश्र होगा जो पहले समझोते का हुआ था । एक मारवाड़ी कहावत है कि जापै पैलृया घूघरी वाली बात भी तब देखने को मिली जब कुंभाराम लिफ्ट परियोजना का पानी सूरजगढ़ को मिलेगा इसको लेकर कांग्रेस व भाजपा के नेताओ ने खुद को महिमा मंडन करते हुए लड्डू भी बांट दिये थे ।
इसी क्रम को आगे बढ़ाया राजस्थान के मंत्री कन्हैयालाल ने जो पिलानी में एक प्रेस वार्ता मे बोल रहे थे । इसमें उन्होंने जल जीवन मिशन का गुणगान करते हुए कहा कि इस मिशन के तहत पिलानी विधानसभा के हर घर में जल नल द्वारा मिलेगा लेकिन यह जल आयेगा कहां से यह नहीं बताया । इसके साथ ही भजनलाल शर्मा सरकार के महत्वाकांक्षी यमुना नदी जल समझोते का जिक्र ही नहीं किया । विदित हो “जनमानस शेखावाटी न्यूज़” समाचार पत्र ने पानी जैसे संवेदनशील मुद्दे को जनता की अदालत, जिले के नेताओं व सरकार के संज्ञान में लाने का निरंतर प्रयास किया है व अपने हर लेख में तत्कालीक पानी की व्यवस्था के लिए कुंभाराम लिफ्ट परियोजना का पानी पिलानी विधानसभा को मिले इसकी पूरजोर से वकालत भी की है । वहीं बात मंत्री महोदय ने कही । लेकिन इसको लेकर भी बहुत राजनीति होने लगी स्थानीय विधायक के समर्थकों की तरफ से व स्थानीय भाजपा नेताओं की तरफ से बयान आने लगे कि उनके प्रयासों ने दिखाया रंग पिलानी को मिलेगा जल्द ही पानी । सरकारी कामो की एक प्रक्रिया होती है किसी भी परियोजना को वित्तिय व प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद ही उसका धरातल पर आने का रास्ता साफ होता है । मंत्री महोदय की घोषणा के साथ ही दोनों खेमो ने अपनी पीठ थपथपाती शुरु कर दी जो कि उपरोक्त मारवाड़ी कहावत को चरितार्थ करती है ।
राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक