इमाम हसन की याद में दहकते अंगारों पर चले अकीदतमंद, दस दिन बाद समाप्त होगा मोहर्रम का सोग
शहर में तारागढ़ की पहाड़ी पर अकीदतमंदों ने अंगारों पर चलकर हजरत इमाम हुसैन की याद में अपने गम का इजहार किया और नौहा पढ़ा गया। इसके बाद यहां लंगर का आयोजन किया गया। मातम का यह कार्यक्रम अगले दस दिन और रहेगा उसके बाद मोहर्रम का सोग समाप्त हो जाएगा।
अजमेर : अजमेर स्थित तारागढ़ पहाड़ी पर बनी दरगाह हजरत मीरा सैयद हुसैन में इन दिनों आयाम ए अजा यानी मोहर्रम का गम जारी है। पिछले दो महीने से यहां मजलिसों का दौर लगातार जारी है। पूरी बस्ती पर काले झंडे लगाए गए हैं और सभी लोग काले कपड़ों में नजर आ रहे हैं। इसी के चलते आज 28 सफर को पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के बड़े नवासे हजरत इमाम हसन अलेहिस्सलाम की यौम ए शहादत का दिन मनाया गया और दहकते हुए अंगारों पर चलकर मातम किया गया।
दरगाह कमेटी तारागढ़ के मेंबर सैयद हाफिज अली ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी इमाम हसन का दिन मनाया गया और मजलिस का आयोजन किया गया। इसके बाद दहकते अंगारों पर चलकर मातम किया गया और नौहा पढ़ा गया। कार्यक्रम के बाद लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें तारागढ़ सहित अजमेर और आसपास के क्षेत्र के लोगों ने भाग लिया। वहीं हाफिज अली ने बताया कि यह प्रोग्राम अगले 10 दिन और जारी रहेगा और उसके बाद मोहर्रम का सोग समाप्त कर दिया जाएगा। पूरी बस्ती से काले झंडे हटा दिए जाएंगे और खुशी का दिन यानी ईद जेहरा मनाई जाएगी।
दहकते हुए अंगारों पर चलकर किया हजरत इमाम हसन की याद मे मातम