राजस्थान का ये गांव है फौजियों की खान, सैनिक से लेकर कर्नल और ब्रिगेडियर तक रहे गांव के जवान
पापड़ा गांव उदयपुरवाटी उपखण्ड से 40 किमी व नीमकाथाना जिले से 10 किमी दूरी पर स्थित है। यहां का हर नोनिहाल सेना में जाकर देश सेवा करने का अपने दिल में जज्बा रखता है। यहां तक कि गांव की बेटियां भी पीछे नहीं रही हैं।

पचलंगी-झुंझुनूं : काटली नदी के मध्यम में बसा पापड़ा गांव उदयपुरवाटी उपखण्ड से 40 किमी व नीमकाथाना जिले से 10 किमी दूरी पर स्थित है। गांव के बेटे सेना में सिपाही से लेकर ब्रिगेडियर व कर्नल तक के उच्च पद पर आसीन है। यहां का हर नोनिहाल सेना में जाकर देश सेवा करने का अपने दिल में जज्बा रखता है। यहां तक कि गांव की बेटियां भी पीछे नहीं रही हैं।
वीरचक्र से सम्मानित
भारत-पाकिस्तान की 1948 की लड़ाई में 11 फरवरी 1948 को पापड़ा गांव के निवासी लादूराम जितरवाल शहीद हुए। शाहिद लादूराम जितरवाल को सेना ने वीरचक्र से सम्मानित किया था। वहीं पापड़ा के कानसिंहवाली ढ़ाणी निवासी सुरेश कुमार बड़सरा भी देश सेवा में पिछे नहीं रहे। बड़सरा 7 राज राइफल में राजौरी सेक्टर डडोत नाले में तैनाती के दौरान तीन आतंकवादियों को मारकर 21 नवबंर 2009 को शहीद हुए।