गलत किडनी निकालने के प्रकरण में महिला की मौत:जयपुर में हुई मौत, डाक्टर संजय धनकड़ ने निकाल दी थी खराब की जगह सही किडनी, जयपुर में चल रहा था इलाज, डाक्टर धनकड़ है
गलत किडनी निकालने के प्रकरण में महिला की मौत:जयपुर में हुई मौत, डाक्टर संजय धनकड़ ने निकाल दी थी खराब की जगह सही किडनी, जयपुर में चल रहा था इलाज, डाक्टर धनकड़ है
झुंझुनूं : झुंझुनूं में महिला की गलत की जगह सही किडनी निकाल दी गई थी। इलाज के दौरान उसे महिला की रविवार को जयपुर में मौत हो गई। महिला पिछले 2 महीने से मौत और जिंदगी के बीच झूल रही थी। उसका के जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा था। महिला की किडनी निकालने वाला डॉक्टर संजय धनखड़ अभी जेल में है। जांच में डॉक्टर दोषी पाया गया था। इसके बाद डॉक्टर संजय को गिरफ्तार कर लिया गया था।
झुंझुनूं के धनखड़ अस्पताल में डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान झुंझुनूं के नूंआ गांव की रहने वाली ईद बानो की संक्रमित किडनी की जगह सही किडनी निकाल दी थी। डॉक्टर ने 15 मई को सर्जरी की। 17 मई को मरीज के यूरिन में मवाद आने लगा और दर्द बढ़ गया। परिजनों ने डॉक्टर से पूछा तो उसने जयपुर जाने को कहा और चेताया कि एसएमएस में सर्जरी के लिए कुछ मत बताना। परिजनों ने मरीज को 21 मई को जयपुर में भर्ती कराया। यहां जांच में पता चला कि बाईं ओर की किडनी निकाली है, जबकि संक्रमण दाईं ओर की किडनी में था। मामला सामने आने के बाद पूरे मामले की जांच की गई थी। डाक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया था। डाक्टर संजय धनखड़ अभी जेल में ही है।
जांच में पाया गया था दोषी
महिला मरीज की गलत किडनी निकालने वाला डॉक्टर संजय धनखड़ जांच में दोषी पाया गया था। जांच रिपोर्ट में डॉक्टर की लापरवाही को लेकर चौंकाने वाला खुलासे हुए थे। जांच कमेटी ने रिपोर्ट में किडनी निकालते समय नियमों की अवहेलना करने का जिक्र किया था। वहीं एनेस्थेटिक के बिना मरीज को एनेस्थिया देने की जानकारी भी सामने आई थी।
डॉ. संजय धनखड की लापरवाही थी। लापरवाही में खास बात यह थी कि डा. संजय धनखड स्वयं जनरल सर्जन है। किडनी का ऑपरेशन करते वक्त नेफ्रोलाजिस्ट या यूरोलॉजिस्ट की राय भी होनी चाहिए थी। यह आर्गन से जुड़ा मामला था। डॉक्टर को किडनी निकालने के बाद उसकी बायोप्सी करवानी चाहिए थी, लेकिन नहीं करवाई गई। किडनी निकालने के बाद किडनी ट्रे में रखी गई थी, उस स्थिति में वह संक्रमित हो गई, जो बड़ी लापरवाही है। कमेटी ने माना था कि डॉ. धनखड ने संक्रमित किडनी के स्थान पर सही किडनी निकाल दी।
किडनी कांड की जांच के लिए कलेक्टर ने पांच डॉक्टरों की कमेटी बनाई थी। इस टीम ने मामले की पूरी जांच की तहज। जिसमें लापरवाही सामने आने पर डॉक्टर के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया था।
अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द
मामले में जिला कलेक्टर ने सीएमएचओ के नेतृत्व में पांच सदस्यों की कमेटी गठित की थी। टीम ने जांच की। जांच रिपोर्ट में डा. संजय धनखड़ को दोषी पाया। रिपोर्ट जिला कलेक्टर के माध्यम से एसपी को दी गई। इसी रिपोर्ट के आधार पर कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया था। ऑपरेशन करने वाले डॉ. संजय धनखड़ का राजस्थान मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन निरस्त निरस्त कर दिया था। धनखड़ हॉस्पिटल भी अभी सीज है।
यह है मामला
झुंझुनूं के धनखड़ अस्पताल में डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान झुंझुनूं के नूंआ गांव की रहने वाली ईद बानो की संक्रमित किडनी की जगह सही किडनी निकाल दी थी। डॉक्टर ने 15 मई को सर्जरी की। 17 मई को मरीज के यूरिन में मवाद आने लगा और दर्द बढ़ गया। परिजनों ने डॉक्टर से पूछा तो उसने जयपुर जाने को कहा और चेताया कि एसएमएस में सर्जरी के लिए कुछ मत बताना। परिजनों ने मरीज को 21 मई को जयपुर में भर्ती कराया। यहां जांच में पता चला कि बाईं ओर की किडनी निकाली है, जबकि संक्रमण दाईं ओर की किडनी में था।