पिलानी के आवाम की मुख्यमंत्री से मार्मिक अपील
पिलानी के आवाम की मुख्यमंत्री से मार्मिक अपील

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक
पिलानी जो शिक्षा नगरी के नाम से विख्यात रही है । विश्व प्रसिद्ध उधोग घराने के भीष्म पितामह बाबू घनश्याम दास बिड़ला (जीडी बाबू) की जन्मस्थली का सौभाग्य भी पिलानी को मिला है । जीडी बाबू का शिक्षा के प्रति विशेष लगाव था और इसी लगाव से प्रेरित होकर उन्होंने श्रद्धेय शुकदेव पांडे के हाथों में इसकी कमान सौंपी । पांडे जी के कुशल नेतृत्व में बिरला एज्युकेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में शिक्षा का जो बीजारोपण शुकदेव पांडे जी ने किया उसको दीमक लगने के कारण गिरने के कगार पर है । इस ट्रस्ट द्वारा संचालित दो स्कूलों को छोड़कर बंद हो गई है या बंद होने के कगार पर है ।
इसी क्रम मे नगरी का एकमात्र कालेज एमके साबू पीजी कॉलेज को भी संचालकों ने बंद करने का निर्णय लिया है । वर्तमान सत्र से दाखिलों पर रोक लगा दी गई है । कभी इस महाविद्यालय का नाम था पिलानी के आसपास मंड्रेला, मलसीसर, अलसीसर, राजगढ़ व तारानगर तक के बच्चे इस कालेज से शिक्षा प्राप्त की । सूरजगढ़ के पूर्व विधायक सुभाष पूनिया भी इसी कालेज के छात्र रहे हैं । वर्तमान में इस कालेज में बालको से ज्यादा बालिकाएं शिक्षा ग्रहण कर रही है व कालेज का दो पारियों में संचालन हो रहा था । आसपास की बालिकाएं व बालक इस कालेज को ही प्राथमिकता देते थे क्योंकि इसकी फीस आम आदमी की जेब पर भारी नहीं थी । सूत्रों की माने तो इस महाविद्यालय को सरकार से भी अनुदान मिलता रहा था ।
हिन्दी समाचार पत्रो ने स्थानीय जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए पत्रकारिता के उच्चतम मूल्यों को स्थापित किया है । विदित हो राजस्थान की भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा सरकार शिक्षा खासकर बालिका शिक्षा को लेकर संवेदनशील है । इसी को लेकर पिलानी के आवाम की अपील है कि इस एकमात्र कालेज की तालेबंदी को लेकर गंभीरता से सोचें व इस कालेज को सरकारी नियंत्रण में लेकर पिलानी व आसपास के इलाको के अभिभावकों की चिंता का निवारण करें । चूकी सरकार की भी कुछ मजबूरियां हैं कि सरकारी कालेज के लिए जमीन तत्कालीन भवन आदि का निर्माण जैसा कि एक आंदोलन सूरजगढ़ में चल रहा है । जैसे चिड़ावा में भवन को अधिग्रहित कर सरकारी कालेज का संचालन हो रहा है इसी तर्ज पर एमके साबू पीजी कालेज के भवन को सराकर अपने नियंत्रण में लेकर इस महाविद्यालय को बंद होने से बचाए ।