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झुंझुनूं : डाकघर में बढ़ने लगी गंगाजल की डिमांड:बढ़ने लगा विश्वास, लोग डाकघर से खरीदने लगे गंगाजल


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झुंझुनूं : डाकघर में बढ़ने लगी गंगाजल की डिमांड:बढ़ने लगा विश्वास, लोग डाकघर से खरीदने लगे गंगाजल

डाकघर में बढ़ने लगी गंगाजल की डिमांड:बढ़ने लगा विश्वास, लोग डाकघर से खरीदने लगे गंगाजल

झुंझुनूं : डाकघर में बिक रहे गंगाजल की मांग दिनों दिन बढ़ने लगी है, डाकघर में मिलने वाले गंगाजल पर लोगों का विश्वास बढ़ने लगा है, जहां शुरुआत में महज 8 से 10 बोतल की बिक्री होती वही अब यह आंकड़ा 40 के लगभग पहुंच गया है।

पूजार्चना सहित अन्य धार्मिक आयोजनों में गंगाजल का बडा महत्व रहता है। पहले हरिद्वार, गंगोत्री, ऋषिकेश आदि तीर्थ स्थलों पर जाने वाले श्रद्धालु डिब्बों या बोतलों में गंगाजल भरकर साथ लाते है, जो लोग जाने में असमर्थ थे, उन्हें लंबा इंतजार करना पडता था।

इसे संभाल कर घर में रखा जाता है ताकि मांगलिक कार्य के समय इसे काम में लिया जा सके। लेकिन अब जब जरूरत पड़ती है, तब ही डाकघर जाकर गंगाजल की बोतल ले आते हैं।

शुरुआत में प्रचार प्रसार नहीं होने से बिक्री कम थी, लेकिन अभी प्रचार प्रसार होने से डाकघर में गंगाजल की बिक्री बढ़ गई। शहर के अलावा ग्रामीण इलाके के लोग भी गंगाजल के लिए डाक घर पहुंच रहे है। पहले गंगाजल के लिए लंबी दूरी का सफर तय करना पडता था, लेकिन अभी डाकघर में गंगाजल मिलने से लोगों को इसका फायदा होने लगा है,।

कोरोना काल में हुई थी शुरुआत

डाकघर में गंगाजल की बिक्री की शुरुआत कोरोना काल में हुई थी, जहां सब कुछ थम गया था, तब डाक विभाग ने गंगाजल की बिक्री शुरू की थी। इसके बाद धीरे धीरे इसकी बिक्री बढ़ने लगी।

गंगा जल का बडा महत्व

हिंदू मान्यताओं में गंगाजल को पवित्र माना गया है। धार्मिक अनुष्ठान और मांगलिक कार्यों में गंगाजल का इस्तेमाल किया जाता है। कोरोना काल में जहां सब कुछ थम सा गया था, लॉकडाउन के कारण लोग अब धार्मिक यात्राओं पर नहीं जा रहे पा रहे थें

तब डाक विभाग ने गंगाजल की बिक्री शुरू की। इसका असर यह हुआ कि लोग अब डाकघर से ही गंगाजल खरीदने लगे हैं। झुंझुनूं के डाकघर में भी गंगाजल की मांग लगातार बढ़ी है।

पहले वाहनों के माध्यम से गंगाजल मंगवाना काफी महंगा पड़ता था। वहीं परिचितों से मंगवाने पर उन्हें काफी इंतजार करना पड़ता था। सबसे ज्यादा समस्या ग्रामीणों को आती थी। गांवों में गंगाजल सहज उपलब्ध नहीं होने के कारण वाहनों के माध्यम से ज्यादा रुपए देकर गंगाजल मंगवाते थे।

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