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गहलोत सरकार की एक और ड्रीम स्कीम पर ताला:2500 संविधान केंद्र नहीं खुलेंगे, 10 करोड़ रुपए का बजट वापस लिया


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गहलोत सरकार की एक और ड्रीम स्कीम पर ताला:2500 संविधान केंद्र नहीं खुलेंगे, 10 करोड़ रुपए का बजट वापस लिया

गहलोत सरकार की एक और ड्रीम स्कीम पर ताला:2500 संविधान केंद्र नहीं खुलेंगे, 10 करोड़ रुपए का बजट वापस लिया

जयपुर : राज्य में 2500 महात्मा गांधी पुस्तकालय एवं संविधान केंद्र नहीं खुलेंग। शांति एवं अहिंसा विभाग को गहलोत सरकार की ओर से आवंटित किए गए 10 करोड़ रुपए का बजट मौजूदा सरकार ने वापस ले लिया है। नए विभागीय बजट प्रस्तावों में ऐसे केंद्र खोले जाने का कोई जिक्र नहीं है। ऐसे में तय हो गया है कि अब यह केंद्र नहीं खोले जाएंगे। बताया जा रहा है कि इन केंद्रों की देखरेख का जिम्मा महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों को दिया जाना था और अब जब उनकी भर्ती ही निरस्त कर दी गई तो केंद्र कैसे खोले जाएंगे? गौरतलब है कि यह विभाग पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था।

नए बजट में केंद्र के लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजा
पिछली सरकार ने आखिरी बजट में 2500 महात्मा गांधी पुस्तकालय एवं संविधान केंद्र स्थापित करने की घोषणा की थी। 25 करोड़ का बजटीय प्रावधान भी कर दिया। 10 करोड़ बजट विभाग को आंवटित कर दिया गया। विभाग ने केंद्र खोलने के लिए भवन तय करने के प्रस्ताव मांग लिए। इस बीच आचार संहिता लग गई। नई सरकार ने अंतरिम बजट में केंद्रों को लेकर बजटीय प्रावधान नहीं किया। आचार संहिता के बीच ही 10 करोड़ रुपए भी सरकार के खाते में ट्रांसफर हो गए। नए बजट में प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।

50 हजार प्रेरक ही नहीं तो फिर केंद्र क्यों खोले जाएंगे?

सूत्रों का कहना है कि प्रेरकों को ही इन केंद्रों में प्रेरक लगाया जाना था। जब प्रेरक नहीं भर्ती किए जा रहे हैं तो फिर केंद्रों को संभालेगा कौन? गौरतलब है कि अशोक गहलोत ने 2023-24 के बजट में 50 हजार महात्मा गांधी सेवा प्रेरक भर्ती करना प्रस्तावित किया था। महात्मा गांधी पुस्तकालय एवं संविधान केंद्रों का संचालन का जिम्मा भी इन्हीं को दिया जाना था। 4500 रुपए प्रति माह मानदेय दिया जाना था। इस बजट घोषणा को ही राज्य की भाजपा सरकार ने 25 दिसंबर को निरस्त कर दिया था।

  • राज्य सरकार ने राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना को 25 दिसंबर को बंद कर दिया था। इसके 5 हजार युवाओं को हर माह 17500 मानदेय दे रहे थे। योजना गहलोत सरकार ने 2021-22 में शुरू की थी।

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