जैसलमेर : पिछली कांग्रेस सरकार में बने 17 नए जिलों और तीन संभाग के गठन को लेकर भाजपा सरकार ने रिव्यू के आदेश दिए हैं। इस पर कांग्रेस के सीनियर नेता हेमाराम चौधरी ने सीएम भजनलाल शर्मा के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। चौधरी से रिव्यू को लेकर सवाल किया तो वे बोले- ‘भजनलाल का बाप भी अब इन जिलों को कैंसिल नहीं कर सकता।’
इसके साथ ही उन्होंने कहा- ‘ये सपना देख रहे हैं। सभी नए जिले निरस्त नहीं हो सकते। नए जिले बन गए इनका काम शुरू हो गया। अब किसी का भी बाप इनको बदल नहीं सकता है।’
कांग्रेस नेता हेमाराम चौधरी ने ये बयान 2 दिन पहले अपनी जैसलमेर यात्रा के दौरान दिया था। नव निर्वाचित बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल के सम्मान कार्यक्रम में वे भी जैसलमेर साथ आए थे। इस दौरान उन्होंने जिलों के व संभागों के बीजेपी द्वारा रिव्यू करने के सवाल पर ये बयान दिया था।
नए जिलों-संभाग के रिव्यू के लिए उप-समिति का गठन
भजनलाल सरकार ने प्रदेश में पिछले साल बनाए गए 17 नए जिलों और 3 संभागों के गठन की प्रक्रिया को पूर्ण करने व इस फैसले का रिव्यू करने के उद्देश्य से एक मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया है। राजस्थान की पिछली सरकार में नवगठित 17 जिलों और 3 संभागों के गठन की प्रक्रिया को पूर्ण रूप देने के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया गया है।
ये कमेटी नए जिलों के गठन पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी।
प्रेम चंद्र बैरवा संयोजक, चार मंत्री बनाए गए सदस्य
नए जिलों की गठन प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए बनाए गए मंत्रिमंडलीय उप-समिति का संयोजक उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को बनाया गया है। जबकि मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड, मंत्री कन्हैया लाल चौधरी, मंत्री हेमन्त मीणा और मंत्री सुरेश सिंह रावत को सदस्य बनाया गया है।
समिति का प्रशासनिक विभाग राजस्व विभाग होगा और इसके सदस्य सचिव अतिरिक्त मुख्य सचिवशासन सचिव राजस्व विभाग होंगे। अब यह कमेटी नए जिलों के गठन पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी।
हमारी सरकार ने राजस्थान में नए जिले रिटायर्ड IAS श्री रामलुभाया की समिति की रिपोर्ट के आधार पर बनाए। राजस्थान में नए जिलों की सख्त आवश्यकता थी। क्षेत्रफल में राजस्थान से छोटे मध्य प्रदेश में 55 जिले हैं। छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य में भी 33 जिले हैं। हमारी सरकार ने प्रशासनिक…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 13, 2024
सरकार के रिव्यू के आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी बयान सामने आया था। अशोक गहलोत ने उनके समय हुए इस निर्णय को प्रदेश के हित में बताया। अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा ” हमारी सरकार ने राजस्थान में नए जिले रिटायर्ड IAS रामलुभाया की समिति की रिपोर्ट के आधार पर बनाए।
राजस्थान में नए जिलों की सख्त आवश्यकता थी, क्षेत्रफल में राजस्थान से छोटे मध्य प्रदेश में 55 जिले हैं। छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य में भी 33 जिले हैं। हमारी सरकार ने प्रशासनिक क्षमता बढ़ाने एवं सर्विस डिलीवरी को बेहतर करने के लिए नए जिले बनाए और वहां कलेक्टर, एसपी एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों को तैनात किया।’
हेमाराम चौधरी ने बोला- किसी का बाप नहीं बदल सकता
रिव्यू आदेश पर कांग्रेस नेता हेमाराम चौधरी काफी नाराज नजर आए। उन्होंने इस मामले पर सीएम भजनलाल शर्मा पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा- भजनलाल का बाप भी अब इसे बदल नहीं सकता। किसी का भी बाप अब इस फैसले को नहीं बदल सकता।
हालांकि हेमाराम चौधरी के बयान के बाद से अभी तक किसी भी बीजेपी नेता की प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी सीट पर हेमाराम चौधरी का वर्चस्व रहा है। वे पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में वनमंत्री रहे। 2023 में उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। हेमाराम चौधरी गुड़ामालानी से 6 बार से जीते। हेमाराम चौधरी ने 1980 में गंगाराम चौधरी को हराकर गुड़ामालानी सीट जीती थी। इसके बाद से हेमाराम चौधरी का वर्चस्व रहा। 1998 से लगातार हेमाराम चौधरी चुनाव लड़ते रहे और जीतते रहे। 2013 में वे बीजेपी के उम्मीदवार लादूराम विश्वोई से हारे थे। 2018 में फिर से विधायक बने। 2023 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा।