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नगर परिषद झुंझुनूं में आयुक्त के चेंबर के सामने धरने पर बैठें पार्षदगण


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नगर परिषद झुंझुनूं में आयुक्त के चेंबर के सामने धरने पर बैठें पार्षदगण

झुंझुनूं नगर परिषद के पार्षदों का शुक्रवार को बड़ा हंगामा देखने को मिला। आयुक्त के चैंबर के बाहर धरना देते हुए बोले, जब हमें ही कक्ष में एंट्री से रोका जाता है तो आमजन का कैसे होगा काम।

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका

झुंझुनूं : झुंझुनूं में पार्षदों ने नगर परिषद आयुक्त के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्षदों ने शुक्रवार को नगर परिषद आयुक्त के चैंबर के बाहर धरना दिया और नारेबाजी की। इससे एक दिन पूर्व में कलेक्टर परिसर पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दे चुके हैं। आयुक्त के खिलाफ भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाते हुए करीब 14 पार्षद आयुक्त के चैंबर के बाहर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी की।

पार्षदों ने खाना भी आयुक्त के चैंबर के बाहर ही खाया। पार्षदों ने आरोप लगाया है कि आयुक्त के कहने पर उन्हें नगर परिषद के कक्ष में एंट्री नहीं दी जा रही है। किसी भी कमरे में जाते हैं तो कर्मचारी घुसने नहीं दे रहे काम भी नहीं किया जा रहे।

आयुक्त पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए
पार्षद अशोक प्रजापत ने झुंझुनूं नगर परिषद आयुक्त अनीता खीचड़ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाएं और कहा कि शहर वासियों को नोटिस के नाम पर परेशान किया जा रहा है। इससे पहले भी कई बार भ्रष्टाचार के आरोप प्रमाणित हो चुके हैं। इसके बाद भी उन्हें फील्ड में पोस्टिंग दी गई है। उन्हें हटाने की मांग को लेकर गुरुवार को पार्षदों की ओर से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया था। आयुक्त ने नगर परिषद के कर्मचारियों को आदेश देकर पार्षदों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है, जिससे पार्षदों में आक्रोश है।

पार्षदों ने कहा कि अगर हम ही नगर परिषद के अंदर नहीं जाएंगे तो आमजन के काम कैसे होंगे।

झुंझुनू में कांग्रेस सरकार में भारतीय जनता पार्टी लगातार झुंझुनूं नगर परिषद को लेकर हमलावर थी। कई बार धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी भी की। आज आमजन में चर्चा का बाजार गर्म है और पूछ रही है भाजपा से सवाल, जिस आयुक्त के खिलाफ भाजपा लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए हटाने की मांग करती रही। आज सरकार में आते ही उन्हीं की पोस्टिंग झुंझुनूं नगर परिषद में क्यों दी गई। आखिर क्यों आयुक्त के खिलाफ भाजपा ने कांग्रेस शासन में आग उगलते हुए कई बार अखबारों की मीडिया की सुर्खियां बटोरी। अब जब खुद का शासन है तो वही भ्रष्टाचारी आयुक्त अब साफ हो गई। क्या उस वक्त दिखावा था या बात और कुछ है।

पार्षद जिला कलक्टर के पास आयुक्त की शिकायत मामलो मे दोषी होने के बावजूद भी फिल्ड पोस्टिंग दे रखी है। पूर्व में इस बात को लेकर सभी पार्षद कलेक्टर से मिले व मुख्यमंत्री के नाम शिकायत की थी । इससे नाराज होकर आयुक्त ने पार्षदो की नगर परिषद के चेंबरो में (No Entry) नही घुसने को लेकर कर्मचारियों को मौखिक आदेश दिए। कई चेंबरों को ताले लगवा दिए, इससे नाराज होकर पार्षद नगर परिषद झुंझुनूं की आयुक्त के चेंबर के सामने धरने पर बैठ गए। वार्डो में भयंकर परेशानी बनी हुई हैं, गंदे पानी की निकासी नहीं है, गंदगी के ढेर लगे हुवे है, नालिया नहीं है, कई जगह नालिया बनने के दो महीने के अंदर ही टूट गई। क्रोस के लिए पार्षदों को महीनों चकर काटने पड़ते है। स्ट्रीट लाइनों का विस्तार नहीं हुआ। लाइट खराब पड़ी है, नालों की सफाई नहीं हो रही है, सफाई व्यवस्था चौपड़ हो चुकी है। आवारा कुत्तों का आतंक बना हुआ हैं। मृत पशुओं को उठाने की व्यवस्था नहीं है। छोटी-छोटी समस्या जी का जंजाल बनी हुई है। समस्याओं को लेकर नगर परिषद के चक्कर काटने पड़ते हैं फिर भी कोई सुनवाई नहीं होती है। अवैध कॉम्प्लेक्स का काम को पुर्ण संरक्षण मिल रहा है। अवैध निर्माण खुब चल रहे है पुराने शहर को टारगेट करके नोटिस दिए जा रहे हैं और उनसे अवैध वसूली की जा रही है। 2019 से कई काम्पलेक्स अवैध रूप से सीज है जिन्हे खोल रखे है। सभी पार्षदों की एक ही मांग है नगर परिषद आयुक्त यहाँ से हटाया जाये।

प्रदर्शन के दौरान पार्षद राजकुमार डीग्वाल, पार्षद विनोद जांगिड़, पार्षद मनोज सैनी, पार्षद संजय पारीक, पार्षद इसाक फुल्का, पार्षद प्रतिनिधि महबूब अली, पार्षद जब्बार फुल्का, प्रतिनिधि उमेद अली खान, पार्षद अशोक प्रजापति, पार्षद प्रतिनिधि कैलाश कुमावत, पार्षद प्रतिनिधि सलीम कबाड़ी, पार्षद साजिद कबाड़ी, पार्षद प्रतिनिधि आजम भाटी और पार्षद प्रतिनिधि इलियास सिलावट धरने में शामिल हुए।

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