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आमने-सामने:बिजली प्रबंधन पर राज्य सरकार को डोटासरा ने घेरा, ऊर्जा मंत्री ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को ही कोसा


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आमने-सामने:बिजली प्रबंधन पर राज्य सरकार को डोटासरा ने घेरा, ऊर्जा मंत्री ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को ही कोसा

आमने-सामने:बिजली प्रबंधन पर राज्य सरकार को डोटासरा ने घेरा, ऊर्जा मंत्री ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को ही कोसा

जयपुर : बिजली, पानी संकट पर हस्तक्षेप की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। डोटासरा ने मुलाकात के बाद लिखा कि आज राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से भेंट की और उनके साथ प्रदेश के महत्वपूर्ण और समसामयिक विषयों पर सार्थक चर्चा की।

डोटासरा ने कहा कि भीषण गर्मी में राज्य की भाजपा सरकार द्वारा प्रदेशवासियों को पेयजल एवं बिजली उपलब्ध करवाने में विफल रहने पर राज्यपाल से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्यपाल से समस्या के निदान के लिए राज्य सरकार को निर्देश जारी करने का आग्रह किया। डोटासरा ने कहा कि भीषण गर्मी से राज्य की जनता त्रस्त है लेकिन सरकार जनता को आवश्यकता अनुसार पेयजल एवं बिजली की निर्बाध आपूर्ति करने में विफल साबित हुई है।

मुस्लिम आरक्षण रिव्यू एक जुमला

मुस्लिम जातियों के ओबीसी आरक्षण रिव्यू करने के सवाल पर पीसीसी चीफ गोविंदसिंह डोटासरा ने कहा कि यह मजाक नहीं है कि ओबीसी आयोग की सिफारिश के बाद दिए गए आरक्षण को वापस ले ले। मुस्लिम जातियों को कोई धर्म के आधार पर आरक्षण दिया ही नहीं। ओबीसी आयोग की सिफारिश पर दिया है।

जब यह गलत था तो वसुंधरा राजे की इनकी सरकार थी। तब डबल इंजन की सरकार थी। तब क्यों नहीं रिव्यू किया? राज्य सरकार ओबीसी आयोग की सिफारिश पर दिए आरक्षण को खुद के स्तर पर रिव्यू नहीं कर सकती। धार्मिक आधार पर किसी को दिया भी नहीं, ये तो केवल सियासी जुमले हैं।

गहलोत के बयान पर बोले-रात गई, बात गई

कांग्रेस छोड़कर जाने वालों को गद्दार, नकारा, निकम्मा कहने के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बयान पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि रात गई, बात गई।

  • प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को पीसीसी वार रूम में पार्टी पोलिंग एजेंट्स को लेकर तैयारी बैठक भी की।

बैंकिंग समझौता: रोज 147 लाख यूनिट बिजली लौटा रहे: ऊर्जा मंत्री

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा है कि राज्य सरकार को पूर्ववर्ती सरकार के पांच साल के कुप्रबंधन और अदूरदर्शिता के कारण बिजली तंत्र चरमराई हालत में मिला है। पूर्ववर्ती सरकार ने बैंकिंग व्यवस्था के तहत वर्ष 2023 के सितम्बर माह में रबी सीजन की बिजली की मांग को पूरा करने के लिए अन्य राज्यों से बिजली लेने का करार किया था। कांग्रेस सरकार के उस कर्ज को हमारी सरकार चुका रही है।

ऐसे विषम समय में जबकि वर्तमान सरकार एक-एक यूनिट बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने में जुटी हैं लेकिन पूर्ववर्ती सरकार के अविवेकपूर्ण निर्णय के कारण प्रतिदिन 147 लाख यूनिट बिजली लौटानी पड़ रही है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार बेहतर प्रबंधन तथा एक्सचेंज से बिजली खरीदकर निर्बाध बिजली आपूर्ति में लगी है।

वर्तमान सरकार ने किए करीब 32 हजार मेगावाट के एमओयू
नागर ने कहा कि प्रदेश के बिजली तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने आते ही 31 हजार 825 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन की विभिन्न परियोजनाओं सहित ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए के निवेश के लिए राज्य के 3 विद्युत निगमों एवं 6 केन्द्रीय उपक्रमों के बीच एमओयू किए। इससे आने वाले समय में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में राजस्थान आत्मनिर्भर बनेगा।

बिजली कम्पनियों पर 1 लाख 39 हजार करोड़ से अधिक का ऋण भार
नागर ने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय एक्सचेंज से महंगी दरों पर बिजली खरीदी गई। उनके आर्थिक कुप्रबंधन के कारण राज्य के डिस्कॉम 88 हजार 700 करोड़ रुपए के ऋण के साथ दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गए तथा समस्त बिजली कम्पनियों पर 1 लाख 39 हजार 200 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण भार आ गया।

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