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धनकड़ हॉस्पिटल को किया सीज : सरकारी सेवा में रहते 7 साल पहले निलंबित हो चुके हैं डॉ. धनखड़, गलत ऑपरेशन के बाद मरीज की हो गई थी मौत


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धनकड़ हॉस्पिटल को किया सीज : सरकारी सेवा में रहते 7 साल पहले निलंबित हो चुके हैं डॉ. धनखड़, गलत ऑपरेशन के बाद मरीज की हो गई थी मौत

सभी योजनाओं का ईनपेनलमेंट रद्द करने की करी अनुशंसा, डॉक्टर की लापरवाही की जांच करेगी बीडीके अस्पताल की टीम

झुंझुनूं : जिला मुख्यालय स्थित धनकड़ हॉस्पिटल में नुआ निवासी महिला की कथित तौर पर दांई के स्थान पर बांई किडनी का ऑपरेशन कर निकालने के प्रकरण में आरोपी अस्पताल को जिला प्रशासन ने मंगलबार को सीज कर दिया। जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल के निर्देशानुसार चिकित्सा विभाग, नगर परिषद, हाऊसिंग बोर्ड और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने अस्पताल का निरीक्षण कर जिला कलेक्टर को अपनी अपनी रिर्पोट प्रस्तुत की जिसके बाद ज़िला कलेक्टर ने मौके पर मौजूद झुंझुनूं एडीएम सुमन सोनल, सीएमएचओ डॉ राजकुमार डांगी को हॉस्पिटल को आगामी आदेश तक सीज कर दिया। दिन भर चले घटना क्रम में शाम को अंतिम कार्यवाही के रूप सीज किया।

महिला रोगी की संक्रमित किडनी की जगह सही किडनी निकालने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने मंगलवार को धनखड़ हॉस्पिटल को सीज कर दिया। क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई है। मंगलवार को दैनिक भास्कर में महिला की दाईं किडनी खराब थी, बाई निकाल दी… शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद चार विभाग एक साथ जांच करने शहर के हाउसिंग बोर्ड में स्थित धनखड़ हॉस्पिटल पहुंचे। दरअसल झुंझुनूं के हाउसिंग बोर्ड में संचालित धनखड़ हॉस्पिटल में नूआं निवासी ईद बानो (54) पत्नी शब्बीर की किडनी का 15 मई को ऑपरेशन किया गया था। जिसमें संक्रमित किडनी की जगह डॉ. संजय धनखड़ ने दूसरी किडनी निकाल दी। इससे तबीयत बिगड़ गई। मामला उजागर होने के बाद मंगलवार दोपहर एक बजे सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी के नेतृत्व में पहुंची टीम ने सीज कर दिया।

धनखड़ हॉस्पिटल को सीज करते सीएमएचओ व टीम।धनखड़ हॉस्पिटल को सीज करते सीएमएचओ व टीम।धनखड़ हॉस्पिटल को सीज करते सीएमएचओ व टीम।धनखड़ हॉस्पिटल को सीज करते सीएमएचओ व टीम।

किडनी कांड : चार विभाग एक साथ पहुंचे अस्पताल की जांच करने, कलेक्टर ने कहा-सख्त कार्रवाई होगी

कलेक्टर चिन्मयी गोपाल, एडीएम रामरतन सोंकरिया भी दोपहर में अस्पताल पहुंचे। कलेक्टर ने अस्पताल का निरीक्षण किया। जांच टीम ने हॉस्पिटल संचालक डॉ. संजय धनखड़ से इस बारे में जानकारी ली। रिकार्ड खंगाला। करीब छह घंटे की जांच के बाद आखिर सवा सात बजे हॉस्पिटल को सीज कर दिया गया। चिकित्सा विभाग की टीम में सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी, बीडीके अस्पताल के पीएमओ डॉ. संदीप पचार, मेडिकल ज्यूरिस्ट संजय एचरा, फिजिशियन कपिल सिहाग, डॉ. राजेंद्र गजराज, डॉ. शक्ति सिंह व डॉ. अनिता गुप्ता शामिल थी।

धनखड़ हॉस्पिटल में झुंझुनूं जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल।
धनखड़ हॉस्पिटल में झुंझुनूं जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल।

इसके बाद नगर परिषद आयुक्त अनिता खीचड़ के नेतृत्व में नगरपरिषद की टीम पहुंची और भवन निर्माण व पट्‌टे की जांच की। पोल्यूशन बोर्ड व हाउसिंग बोर्ड की टीमों ने भी जांच की और खामियां ढूंढी।

चार साल निलंबित रहे, बहाल होने पर जॉइन नहीं किया

डॉ. संजय धनखड़ के खिलाफ उपचार में लापरवाही के आरोप व शिकायतें पहले भी हो चुकी हैं। 2017 में डॉ. संजय धनखड़ जब राजकीय बीडीके अस्पताल में कार्यरत थे। उस दौरान उन्होंने झुंझुनूं निवासी यूसुफ का अपने निजी क्लिनिक पर पाइल्स का ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन के बाद यूसुफ की तबीयत बिगड़ गई थी और मौत हो गई। परिजनों ने उपचार में लापरवाही का आरोप लगाया था। लोगों ने प्रदर्शन किया। तब डॉ. संजय धनखड़ को निलंबित कर दिया था। करीब चार साल निलंबित रहे। इसके बाद उन्हें बहाल कर चूरू जिले के भालेरी में लगाया गया, लेकिन उन्होंने जॉइन नहीं किया। अभी यह मामला कार्मिक विभाग में है। छोटी सी बिल्डिंग में चला रहे हॉस्पिटल : यह हॉस्पिटल एक छोटी सी बिल्डिंग में तहखाने में चल रहा। बिल्डिंग को देखकर यह कतई नहीं लगता कि यह हॉस्पिटल संचालित हो रहा है। इस छोटी से तंगदस्त भवन को अस्पताल संचालन के लिए अनुमति देना चिकित्सा विभाग के अधिकारियों पर सवाल उठ रहे है।

प्रारंभिक तौर पर अस्पताल की लापरवाही सामने आने पर रजिस्ट्रेशन निरस्त कर हॉस्पिटल को सीज किया गया है। आयुष्मान योजना में रजिस्ट्रेशन हटाने, ईसीएचएस, आरजीएचएस योजना से हटाने के लिए एंजेसियों को लिखा गया है।~ डॉ. राजकुमार डांगी, सीएमएचओ झुंझुनूं

हमने हॉस्पिटल का निरीक्षण किया है। अस्पताल की लापरवाही सामने आने पर हॉस्पिटल को सीज करा दिया गया है। विशेषज्ञों की टीम से जांच कराएंगे। ~ चिन्मयी गोपाल, कलेक्टर

लापरवाही जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम करेगी जांच : इस मामले की जांच के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से पांच सदस्यों की टीम बनाई गई है। टीम में राजकीय बीडीके अस्पताल के सर्जन डॉ. राजेंद्र गजराज, डॉ. शक्ति सिंह,मेडिकल ज्यूरिस्ट डॉ. संजय ऐचरा, सीनियर फिजिशियन डॉक्टर कपिल सिहाग, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. अनिता गुप्ता को शामिल किया गया है।

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