‘7 लाख रुपए दो, तुम्हारा केस खत्म कर देंगे’:जयपुर में जापानी टूरिस्ट को लूटने वाले बदमाशों को भगाना चाहते थे पुलिसवाले
'7 लाख रुपए दो, तुम्हारा केस खत्म कर देंगे':जयपुर में जापानी टूरिस्ट को लूटने वाले बदमाशों को भगाना चाहते थे पुलिसवाले

जयपुर : विदेशी पर्यटक से 31 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में पकड़े गए दोनों पुलिसकर्मियों ने पूछताछ में नए खुलासे हुए हैं। विधायकपुरी थाने में बैठकर ही दोनों पुलिसकर्मियों ने 7 लाख रुपए की वसूली की थी। फिर विदेशी पर्यटक के परिवाद की तीन महीने में जांच बंद कर दी। पुलिसकर्मियों ने बचने के लिए दोबारा शिकायत दर्ज होते ही आरोपियों को बताकर भगाने की कोशिश भी की। पकड़े जाने पर दोनों पुलिसकर्मियों का नाम नहीं लेने के लिए कहा।
DCP (साउथ) दिगंत आनंद ने बताया- जापान का टूरिस्ट सासो ताकेसी दिसम्बर 2022 में जयपुर घूमने आया था। इस दौरान उससे 31 लाख रुपए ठग लिए थे। लूट के आरोपी असगर और उसके साथियों ने फर्जी पुलिसकर्मी बनकर ड्रग्स केस में जेल भेजने की धमकी दी थी। फिर रुपए ठगे गए। अगस्त 2023 विदेशी टूरिस्ट सासो ताकेसी के ई-मेल के जरिए शिकायत की। इसके बाद विधायकपुरी थाने में परिवाद दर्ज हुआ। विदेशी परिवाद की जांच हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र को सौंपी गई।
वसूली के लिए की गई प्लानिंग
विदेश से आए परिवाद को देखकर जांच अधिकारी हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र को पूरी कहानी समझ आ गई थी। हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र ने साथी कॉन्स्टेबल राजकुमार के साथ मिलकर रुपए वसूलने की प्लानिंग बनाई। प्लान के तहत 27 अगस्त 2023 को हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र ने आरोपी असगर को वॉट्सऐप कॉल किया। आगे पढ़िए दोनों की बातचीत…
हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र – मैं विधायकपुरी थाने से सत्येन्द्र हेड कॉन्स्टेबल बोल रहा हूं।
आरोपी असगर – बोलो, सर।
हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र – जापान से जापानी गौरे सासो ताकेसी का आपके खिलाफ परिवाद आया है।
आरोपी असगर – बोलो, सर क्या करुं?
हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र – थाने पर आ जाओं।

7 लाख रुपए में परिवाद कर देंगे खत्म
27 अगस्त को आरोपी असगर अपने दोस्त अब्बास के साथ विधायकपुरी थाने पहुंचा। मेन गेट पर हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र के मिलने पर वह उसे थाने में बने एक कमरे में ले गया। हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र ने अपने साथी पुलिस कॉन्स्टेबल राजकुमार से दोनों को मिलवाया।
पुलिसकर्मी – क्या करना है?
आरोपी असगर – मैं आपके पास आ गया, आप बताओं क्या करना है?
पुलिसकर्मी – जो तुमने जापानी गौरे सासो ताकेसी से 2.90 लाख रुपए मंगवाए वो दे दो। इसके अलावा 4 लाख रुपए और दे दो।
पुलिसकर्मी – कल तक कुल 7 लाख रुपए दे दो, तुम्हारा परिवाद खत्म कर देंगे। तुम्हारा कोई मामला नहीं रहेगा।
आरोपी असगर – मुझे 15 दिन का समय दो।
पुलिसकर्मी – 15 दिन बाद आ जाना रुपए लेकर।
थाने में बैठकर ली वसूली की रकम
आरोपी असगर और हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र के बीच वॉट्सऐप कॉल पर अगले दिन आने की बात हुई। असगर बोला- आपके पास कल शाम को पहुंच जाएंगे। दूसरे दिन असगर अपने साथी अब्बास के साथ विधायकपुरी थाने पहुंचा। थाने में बने उसी रुम में हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र और कॉन्स्टेबल राजकुमार मिले। हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र के सामने कॉन्स्टेबल राजकुमार को 4.50 लाख रुपए कैश दिए।
हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र – रुपए गिनकर बाकी के रुपए कहा है? आरोपी अशगर – अभी मेरे पास रुपए नहीं है, मैं बंदोबस्त कर दूंगा। हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र – ठीक है, जल्दी करना। (इसके बाद आरोपी असगर जल्दी बंदोबस्त करतां हूं, कहकर दोस्त के साथ आ गया।)
3 महीने में 7 लाख लेकर जांच की बंद
करीब एक महीने बाद अब्बास के साथ दूसरे साथी मुबारिक को विधायकपुरी थाने भेजा। अब्बास और मुबारिक विधाकयपुरी थाने में कॉन्स्टेबल राजकुमार से मिले। हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र के नहीं होने पर कॉन्स्टेबल राजकुमार को 1 लाख रुपए देकर आए। 8 दिसम्बर 2023 को विधायकपुरी थाने जाने पर हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र नहीं मिले। थाने के रुम में बैठे कॉन्स्टेबल राजकुमार को 1.50 लाख रुपए दे दिए। करीब 3 महीने में 7 लाख रुपए वसूलने के बाद जांच को बंद कर दिया। दोनों पुलिसकर्मियों ने वसूले गए रुपए आपस में बांट लिए।

परिवाद दर्ज होते ही आरोपियों को बताया
28 मार्च 2024 को विदेशी पर्यटक सासो ताकेसी ने पर्यटक थाने में उसके साथ ठगी की शिकायत भेजी। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के आदेश पर दोबारा जांच के लिए परिवाद दर्ज किया गया। विदेशी परिवाद के दोबारा दर्ज होने का पता चलने पर अगले दिन हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र ने आरोपी असगर को वॉट्सऐप कॉल किया। बोला- ज्योति नगर थाने आकर मेरे से मिलो। हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र के बुलाने पर आरोपी अशगर, अब्बास और मुबारिक तीनों मिलने के लिए ज्योति नगर थाने पहुंचे। थाने के सामने चाय की होटल पर हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र उन्हें ले गया।
हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र – सीपी साहब के पास परिवाद दोबारा आ गया।
आरोपी अशगर – हमने तो आपको पैसे दे दिए। आपको मामला खत्म करवाना चाहिए।
हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र – मेरी नौकरी का मामला है। मेरा नाम मत लेना।
हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र – पर्यटक थाने में आपका परिवाद आया है। मैं 5-7 दिन में वापस रुपए दे दूंगा।
रुपए नहीं लौटाए, भगाना चाहता था मुल्जिम
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र ने बचने के लिए रुपए लौटाने का आश्वासन दिया। सत्येंद्र परिवाद के दोबारा खुलने का डर दिखाकर आरोपियों को भगाना चाहता था। वह चाहता था कि किसी भी तरह से एक बार शांति होने पर वह मामले को सैटल कर लेगा। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के आदेश पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। विदेशी पर्यटक से ठगी करने वाले तीनों बदमाश असगर खान, शरीफ बैक व कयूम को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की धड़-पकड़ को देखकर बाकी आरोपी फरार हो गए।
झूठ बोलकर निकला, आखिर पकड़ा गया
पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया- जयपुर की छवि खराब नहीं हो, इसलिए तुरंत एक्शन लिया गया। जापानी पर्यटक सासो ताकेसी की एम्बेसी के जरिए दोबारा शिकायत मिली थी। पहले की कई जांच को लेकर हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र को बुलाया गया था। हेड कॉन्स्टेबल मामले में पर्दा डालकर झूठ बोलकर निकल गया। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र और कॉन्स्टेबल राजकुमार की भूमिका सामने आने पर 7 अप्रैल को अरेस्ट किया गया। आरोपी दोनों पुलिसकर्मियों से पूछताछ करने पर उन्होंने परिवाद जांच बंद करने की एवज में 7 लाख रुपए वसूना कबूल किया।