स्कूल समय में बाहर गए 8वीं के छात्र को मास्टर जी ने मारा कान पर मुक्का, परिजनों ने स्कूल मास्टर जी के खिलाफ पचेरी कलां थाने में मामला कराया दर्ज
मासूम पर बेरहमी : पचेरी गांव के स्कूल की घटना, कान से खून बहने पर बच्चा निजी अस्पताल में भर्ती

जनमानस शेखावाटी ब्यूरो चीफ : आज़ाद अहमद खान
पचेरी-बुहाना : स्कूल समय में भूख लगने पर बिना बताए कुरकुरे लाने गए आठवीं के छात्र को प्रिंसिपल द्वारा मुर्गा बनाकर मारपीट करने का मामला सामने आया है। मारपीट से छात्र के कान से खून बहने लगा। उसे नारनौल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस संबंध में प्रिंसिपल के खिलाफ पचेरी कलां थाने में मारपीट का मामला दर्ज कराया गया है। प्रिंसिपल के खिलाफ डेढ़ साल पहले भी एक छात्र के साथ मारपीट का मामला पुलिस में दर्ज हो चुका है।
पचेरी कलां निवासी मोतीलाल धानक ने थाने में रिपोर्ट दी है कि उसका 13 वर्षीय बेटा देव बालिका स्कूल में 8वीं कक्षा में पढ़ता है। गुरुवार को वह स्कूल समय में बाहर कुरकरे लाने चला गया था। वापस लौटा तो प्रिंसिपल प्रकाशचंद्र ने उसकी बेरहमी से थप्पड़-मुक्कों से पिटाई कर दी। जिससे देव के कान से खून बहने लगा। एक अध्यापक ने खून साफ कर देव को वापस कक्षा में बिठा दिया। कुछ ही देर बाद स्कूल में इंटरवेल हुई तो देव की चचेरी बहन ने बाहर आकर किसी ग्रामीण को बताया और उसने मुझे सूचना दी। मैं स्कूल पहुंचा तो देव बदहवास पड़ा था और कान से खून निकल रहा था। मैंने प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने मुझे भी बुरा-भला कहा।
छात्र देव पुत्र मोतीलाल धानक
छात्र की जुबानी : भूख लगने पर कुरकुरे लेने गया था, सर ने पीटा
मैं 8वीं कक्षा में पढ़ता हूं। गुरुवार दोपहर भूख लगने पर हम कुरकुरे लाने के लिए स्कूल से बाहर गए थे। वापस आए तो प्रिंसिपल सर को पता चला तो उन्होंने मुझे मुर्गा बना दिया और मारपीट करने लगे ज़ोर से एक मुक्का मेरे कान पर मारा। इससे मेरे कान में जोर का दर्द होने लगा। खून निकल आया। कुछ समय बाद हरदारी मास्टरजी आए और हमें कक्षा में बिठाया। बाद में मेरे पिता आए और मुझे घर ले गए। रात को तेज दर्द होता रहा। अगले दिन मुझे मेरे पिताजी नारनौल अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टर ने जांच की है। यह दर्द प्रिंसिपल की मारपीट से बेहाल हुए 8वीं कक्षा के छात्र देव जांगिड़ का है। उसने भास्कर को बताया कि मैंने प्रिंसिपल सर से माफी भी मांगी लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी।
छात्र के पिता की जुबानी : रात भर खून नही रुकने पर सुबह चार बजे नारनौल के निजी अस्पताल में कराया भर्ती। पिता मोतीलाल ने बताया कि रात को बार बार कान से खून निकल रहा था और बच्चें को दर्द हो रहा था सुबह नारनौल के निजी अस्पताल में भर्ती कराया और कान की जांच शुरू करवाई।
करीब डेढ़ साल पहले भी हो चुका है प्रधानाचार्य के खिलाफ मामला दर्ज।
इन्हीं प्रिंसिपल के खिलाफ वर्ष 2022 में भी एक मामला दर्ज हुआ था। जिसमें आरोप थे कि इन्होंने एक बच्चे का सिर फोड़ दिया। प्रिंसिपल प्रकाशचंद्र के खिलाफ 7 अक्टूबर 2022 को पचेरी थाने में वह मामला दर्ज कराया गया था। हालांकि बाद में क्रॉस केस होने से इस मामले में समझौता हो गया था। जिला शिक्षा अधिकारी को मामले की जानकारी ही नहीं।
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सुभाषचंद्र ढाका ने मामले में अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि उनके पास ऐसे किसी मामले की जानकारी नहीं कि पचेरी क्षेत्र के स्कूल में प्रिंसिपल ने छात्र से मारपीट की है। इससे संबंधी कोई विभागीय रिपोर्ट भी मुझे नहीं मिली है। ऐसा मामला है तो संबंधित ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से जानकारी ली जाएगी।
प्रिंसिपल का तर्क : दीवार कूदते समय गिरने से चोट लगी
इस संबंध में प्रिंसिपल प्रकाशचंद्र का कहना है कि “यह बच्चा प्रतिदिन स्कूल समय में दीवार कूद कर भाग जाता था आज भी दीवार खुद कर भाग रहा था तो गिर गया जिससे उसके चोट लगी और खून निकल आए। मैंने बच्चों को नहीं मारा।” ~~~प्रिंसिपल प्रकाशचंद
एक्सपर्ट से जानें विद्यार्थियों को पीटने पर कानून क्या कहता है ?
राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय महला ने बताया कि स्कूल में बच्चों को पीटने-दुर्व्यवहार करने पर संबंधित शिक्षक व कर्मचारी की नौकरी जा सकती है, कार्मिक को जुर्माने और जेल भेजे जाने का भी प्रावधान है। मारपीट की प्रकृति को देखते हुए भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक कार्यवाही की जा सकती है। जिसमें गंभीर मारपीट के मामलों में आरोप सिद्ध होने पर 7 साल तक की जेल या जानलेवा व गंभीर मारपीट के मामले में धारा 307 भादसं. के तहत मामला प्रमाणित पाए जाने पर 10 साल तक की सजा दी जा सकती है। सरकार स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध जांच बैठा कर कड़ी कार्यवाही कर सकती है।