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मनरेगा मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट:उधारी से घर चलाने को मजबूर, झुंझुनूं में 12 करोड़ का भुगतान अटका


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मनरेगा मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट:उधारी से घर चलाने को मजबूर, झुंझुनूं में 12 करोड़ का भुगतान अटका

मनरेगा मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट:उधारी से घर चलाने को मजबूर, झुंझुनूं में 12 करोड़ का भुगतान अटका

झुंझुनूं : मनरेगा मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। करीब चार महीनों से उन्हें भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में मनरेगा कर्मी उधार के पैसों से घर खर्च चलने पर मजबूर हो रहे हैं। कई घर तो ऐसे जो मनरेगा मजदूरी पर ही निर्भर हैं। भुगतान अटकने से इनके सामने परिवार चलाने की मुश्किल खड़ी हो गई है।

अपनी मजदूरी के लिए रोज ग्राम पंचायत के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन निराशा हाथ लग रही है। ये स्थिति झुंझुनूं की ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की है। प्रदेश के हर जिलों में मनरेगा कर्मचारियों का भुगतान अटका हुआ है। झुंझुनूं जिले की बात करें तो 12 करोड़ 16 लाख 39 हजार 198 रूपए की मजदूरी अब तक लंबित है।

जिले में 14 हजार के करीब श्रमिक
झुंझुनूं जिले में कुल 14 हजार 250 पुरुष एवं महिला श्रमिक मनरेगा में कार्यरत हैं। इनमें झुंझुनूं ब्लॉक में 778, अलसीसर 1357, बुहाना 1349, चिड़ावा 960, खेतड़ी 2266, मण्डावा 932, पिलानी 1137, सिंघाना 1436, सूरजगढ़ 1081 तथा उदयपुरवाटी ब्लॉक में 1903 श्रमिक कार्यरत हैं। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने बताया कि बजट के कारण पेमेंट रुका हुआ है। जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा।

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