रंधावा बोले- किसानों पर मोदी की गारंटी फेल हो गई:डोटासरा ने कहा- किसानों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रहा केंद्र,कांग्रेस किसानों के साथ
रंधावा बोले- किसानों पर मोदी की गारंटी फेल हो गई:डोटासरा ने कहा- किसानों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रहा केंद्र,कांग्रेस किसानों के साथ
जयपुर : कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साधा है। रंधावा ने कहा कि किसानों के मामले में पीएम मोदी की गारंटी फेल हो गई है, किसानों की आय दोगुना करने के लिए कुछ नहीं किसा है। लोकतांत्रिक देश में किसानों को अपनी बात रखने के अधिकार से बीेजपी की केंद्र सरकार वंचित करना चाहती है। किसानों के रास्ते पर कीलें लगाई जा रही हैं, ड्रोन से हमला किया जा रहा है। किसान आंदोलन के बाद बनी कमेटी दो साल बाद भी फैसला नहीं कर पाई, इसलिए मजबूर होकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के साथ जिस तरह का बर्ताव हो रहा है वह निंदनीय है। डोटासरा और रंधावा के प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
रंधावा ने कहा- बीजेपी की केंद्र सरकार को ड्रोन से हमला, आंसू गैस आदि का प्रयोग देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए करना चाहिए , देश के अन्नदाताओं के खिलाफ नहीं।देश की नई पीढ़ी को यह जानकारी नहीं है कि आजादी से पहले देश के बाहर से अनाज लाया जाता था, कांग्रेस सरकार के अथक् प्रयास से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी खोली, कई इनोवेशन किए तब जाकर अनाज का उत्पादन बढ़ा और देश आत्मनिर्भर हुआ। यूपीए सरकार के शासन में किसानों की आय में 120 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जबकि मौजूदा एनडीए सरकार के राज में 50 प्रतिशत की वृद्धि भी नहीं हुई। खाद, बीज,कृषि उपकरण, डीजल के दाम बेतहाशा बढ़ गए हैं।
डोटासरा बोले- कांग्रेस किसानों के साथ, केंद्र कुचलना चाहता है हम ऐसा नहीं होने देंगे
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है बीजेपी सरकार किसानों पर ड्रोन से हमले कर, आंसू गैस के गोले छोडक़र, गोलियां चलाकर उनका आंदोलन कुचलना चाहती है लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी। कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी है। आंदोलन करना किसानों का मौलिक अधिकार है, उनके अधिकार की रक्षा करने के लिए कांग्रेस पार्टी किसानों को समर्थन देती है। किसानों के शांतिपूर्वक भारत बंद का कांग्रेस समर्थन करती है।
किसानों के साथ दुश्मनों और आंतिकयों की तरह बर्बर बर्ताव, क्या बात रखने का अधिकार नहीं है
डोटासरा ने कहा- बीजेपी सरकार किसानों के कर्ज माफ नहीं करना चाहती। राजस्थान के कृषि मंत्री तो यहां तक कह रहे हैं कि किसानों को कर्ज लेने की आदत पड़ गई है। किसान केंद्र की वादाखिलाफी के ख्विलाफ आंदोलन करने मजबूर हुए हैं। जायज मांगों के लिए आंदोलन कर रहे किसानों पर सरकार ऐसी बर्बरतापूर्वक कार्रवाई कर रही है जैसे आतंकवादियों के खिलाफ होती है या बॉर्डर पर दुश्मनों के खिलाफ की जाती हो।
डोटासरा ने कहा- किसान जायज मांगों को लेकर शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहा है लेकिन बीजेपी सरकार किसानों को दबाने के लिए अमानवीय हथकण्डे अपनाते हुए गोलियां चलाने और आंसू गैस छोडऩे जैसे काम कर रही है, ड्रोन से उन पर हमले किए जा रहे हैं। हमारे लोकतांत्रिक देश में किसी को अपनी बात रखने के लिए शांतिपूर्वक आंदोलन करने का अधिकार नहीं है क्या? किसानों से उनका यह मौलिक अधिकार भी छीना जा रहा है।
किसानों के साथ वादाखिलाफी
डोटासरा ने कहा-बीजेपी ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की है। बीजेपी ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में किसानों को उनकी उपज की लागत का डेढ़ गुणा न्यनूतम समर्थन मूल्य (MSP) देने का वादा किया था। आज 10 साल बीत जाने के बावजूद बीजेपी ने वादा नहीं निभाया है। फरवरी, 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का वादा किया था। किसानों की आय तो दोगुनी नहीं हुई और उल्टे तीन काले कृषि कानून लागू कर दिए। बाद में किसान आंदोलन से झुककर माफी मांगते हुए तीनों काले कानून वापस लिए,उस वक्त एक कमेटी बनाई जिसका काम किसानों की मांगों को लागू करना और एमएसपी का कानून बनाना था।
मोदी ने खुद एमएसपी पर कानून बनाने की सिफारिश की थी
डोटासरा ने कहा- साल 2011 में जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, यूपीए सरकार के उपभोक्ता मामलों से जुड़े 2010 में गठित वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष थे। उस वक्त नरेंद्र मोदी ने कमेटी की रिपोर्ट पेश की थी,उक्त रिपोर्ट में एमएसपी को कानून बनाने की सिफारिश की गई थी। मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए कानूनी निकाय बनाने की सिफारिश की थी। एमएसपी को कानून का दर्जा देने की मांग बीजेपी पहले से करती आई है। 15 माह तक चले किसान आंदोलन में जब भाजपा की केंद्र सरकार से समझौता हुआ था तब यह भी तय हुआ था कि किसानों पर जो 50 हजार से ज्यादा केस दर्ज हुए उन्हें वापस लिया जाएगा।