झुंझुनूं : कॉलेजों में विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले स्थायी प्रोफेसरों की कमी चल रही है। झुंझुनूं जिले में पिछली कांग्रेस सरकार की ओर से नए कॉलेज खोले गए। लेकिन स्टाफ नहीं लगाया। अन्य कॉलेज से ही लेक्चरर्स को एडजेस्ट कर दिया गया।
अब अधिकतर कॉलेज 2-3 प्रोफेसर के भरोसे चल रहे है। अस्थायी रूप से विद्या संबल के माध्यम से लगाए गए लेक्चरर्स को भी अब कॉलेज छोड़ना पड़ेगा। फरवरी माह के अंत तक ही उन्हें रखा जाएगा। कॉलेजों में स्थायी स्टाफ नहीं होने के कारण विद्या संबल के माध्यम से प्रोफेसरों की नियुक्ति आयुक्तालय ने की थी।
अब इन प्रोफेसरों के ऊपर रोजगार का संकट मंडरा रहा है। इसी मंथ में विद्या संबल के माध्यम से नियुक्त किए गए प्रोफेसरों का समय पूरा हो जाएगा। उसके बाद बेरोजगार हो जाएंगे। आयुक्तालय ने अब तक विद्या संबल के माध्यम से पढ़ाने वाले प्रोफेसरों की नियुक्ति के आदेश जारी नहीं किए हैं और न ही अब तक कोई नोटिफिकेशन जारी किया है।
विद्या संबल योजना के माध्यम से प्रोफेसरों की भर्ती जारी है। इसको पूरा होने में लगभग दो साल का समय लगेगा। ये भर्ती एक हजार 900 पदों पर चल रही है।
करना पड़ेगा परेशानी का सामना
अब इनका कार्यकाल पूरा होने वाला है। आयुक्तालय की ओर से विद्या संबल के माध्यम नोडल कॉलेज और राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसायटी के माध्यम से कॉलेजों में नियुक्ति की गई। वहीं, सरकारी कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि विद्या संबल के माध्यम से लगे प्रोफेसरों को हटा दिया जाएगा। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होगी।
छात्र नेता पंकज गुर्जर ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर पद्धति को लागू किया गया। ऐसी स्थिति में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं के बाद फिर से दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। फिर से पढ़ाई बाधित होगी। सरकार को कॉलेजों में स्थाई लेक्चरर लगाने चाहिए।