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नीमकाथाना में 11 दिन से क्रेशर और खदाने बंद:2.5 करोड़ से ज्यादा के राजस्व को नुकसान, रॉयल्टी ठेकेदार की अवैध वसूली का कर रहे विरोध


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नीमकाथाना में 11 दिन से क्रेशर और खदाने बंद:2.5 करोड़ से ज्यादा के राजस्व को नुकसान, रॉयल्टी ठेकेदार की अवैध वसूली का कर रहे विरोध

नीमकाथाना में 11 दिन से क्रेशर और खदाने बंद:2.5 करोड़ से ज्यादा के राजस्व को नुकसान, रॉयल्टी ठेकेदार की अवैध वसूली का कर रहे विरोध

नीमकाथाना : रॉयल्टी ठेकेदार की और से अवैध वसूली के विरोध में 11 दिन से बंद पड़ा खनन कारोबार का असर मालिकों के साथ अब कर्मचारियों और मजदूरों को रोजी रोटी पर पड़ने लगा है। नीमकाथाना में बंद पड़े कारोबार से 5 करोड से ज्यादा की चपत लगने की संभावना जताई जा रही है। वही 2.5 करोड़ से ज्यादा राजस्व का नुकसान हो गया है। मामले को लेकर खनन कारोबारियों ने जिला कलेक्टर को भी ज्ञापन सौंपा हैं।

माइनिंग एंड प्रेशर वेलफेयर सेवा समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार जब तक ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी, तब तक 11 दिनों से चल रही हड़ताल जारी रहेगी। लेकिन क्षेत्र में ठेकेदार की मनमानी पर रोक लगाकर ही कारोबार शुरू करेंगे। औद्यागिक क्षेत्र में अध्यक्ष सुंदरमल सैनी और उपाध्यक्ष महेन्द्र गोयल की अध्यक्षता में माइनिंग एंड क्रेशर वेलफेयर समिति की बैठक हुई। जिसमें पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से निर्णय किया कि जब तक सरकारी रॉयल्टी की अवैध वसूली नहीं रुकेगी तब तक क्षेत्र के सभी क्रेशर और खदाने बंद रखी जाएंगी।

अवैध वसूली रोकने की मांग को लेकर खनन कारोबारियों ने कलेक्टर, एसडीएम और माइनिंग अधिकारियों को भी ज्ञापन दिया। पिछले 11 दिन से नीमकाथाना और पाटन में खनन गतिविधियां बंद हैं। सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। हड़ताल के कारण दिल्ली, एनसीआर सहित नीमकाथाना के आस-पास के इलाके में चेजा पत्थर और रोड़ी की डिमांड बढ़ गई है। सप्लाई नहीं होने से दूसरे क्षेत्रों से पत्थर और रोड़ी मंगवाई जा रही है।

15 जुलाई को नीमकाथाना माइनिंग एंड क्रेशर वेलफेयर सेवा समिति ने उपखंड अधिकारी नीमकाथाना को शिकायत की थी फिर भी कुछ नहीं हुआ तो 28 जुलाई को अतिरिक्त कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया। फिर 14 दिसंबर को भाजपा नेताओं, जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर को फिर शिकायत दी। जिसके बाद ओवरलोड डंपरों पर तो कार्रवाई हुई और ठेकेदार को नोटिस दिया गया, मगर अवैध रायल्टी वसूली नहीं रुकी। ऐसे में मजबूरन खानें और क्रेशर बंद रखने का निर्णय लेना पड़ा। ठेकेदार के पास प्रदेशभर में रायल्टी के 35 ठेके हैं।

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