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होटल संचालक ने फंदा लगा जान दी, सुसाइड नोट में लिखा-रुपए लौटाने पर भी सूदखोर कर रहे परेशान


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होटल संचालक ने फंदा लगा जान दी, सुसाइड नोट में लिखा-रुपए लौटाने पर भी सूदखोर कर रहे परेशान

होटल संचालक ने फंदा लगा जान दी, सुसाइड नोट में लिखा-रुपए लौटाने पर भी सूदखोर कर रहे परेशान

झुंझुनूं : शहर के अग्रसेन सर्किल के पास स्थित विनायक होटल के संचालक ने सूदखोरों से परेशान होकर अपने होटल में ही फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उनकी जेब में एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें उन्होंने कुछ लोगों पर सूदखोरी के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है। परिजनों ने आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।

पुलिस के मुताबिक शहर के वार्ड 49 मोतीसिंह की ढाणी निवासी रमेश कुमार सैनी (40) पुत्र जगदीश प्रसाद सैनी ने बगड़ रोड पर अग्रसेन सर्किल के पास विनायक होटल एंड रेस्टोरेंट कर रखा है। कुछ समय से यह बंद है। गुरुवार अलसुबह वह घर से होटल गया था। जहां फंदे पर लटक गया। सुबह तलाश करते हुए परिजन होटल गए तो वह पंखे से लटका मिला। सूचना पर एएसआई राजपाल जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को नीचे उतरवाकर बीडीके अस्पताल पहुंचाया। रमेश सैनी की जमीन झुंझुनूं- चिड़ावा रोड पर है। कुछ जमीन सीवरेज एसटीपी प्लांट में चली गई। इस जमीन के नजदीक नेशनल हाइवे का सर्किल बनना है। बेशकीमती जमीन होने के कारण भूमाफियाओं की इस पर काफी समय से नजर थी। इसलिए सूदखोरों व भूमाफियाओं ने रमेश को अपने चंगुल में लिया। उसे धंधा करने का लालच देकर रकम उधार दी। उससे जमीन के कागजात, खाली स्टांप व बैंक के चेक ले लिए। दी गई रकम से कई गुणा वसूलने के बाद भी काफी समय ये लोग उसकी जमीन के दस्तावेज भी नहीं दे रहे थे। भाई पंकज सैनी व चचेरे भाई जितेंद्र सैनी ने बताया कि उसके भाई ने करीब 3 साल पहले इन लोगों से पैसे लिए थे। बदले में जमीन के कागज गिरवी रखे थे।

खाली चेक व स्टांप भी दिए थे। एक साल पहले पैसे लौटा दिए थे। उसके बाद भी ये लोग जमीन के कागज नहीं लौटा रहे थे। परेशान कर रहे थे। इस संबंध में उसके भाई पंकज सैनी ने सोती निवासी सुनील पूनिया पुत्र बजरंगलाल, सुनील पुत्र दयानंद सोनी (जाखड़), विजेंद्र व योगी फाइनेंस बगड़ रोड के सुनील पातुसरी के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कराया। उधार लिए रुपए लौटाने के बाद भी रमेश कुमार को सूदखोर परेशान कर रहे थे। जमीन के कागज नहीं लौटाने से परेशान होकर उसने होटल में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया।

सुसाइड नोट में रमेश ने लिखा- मेरी सारी जमीन के कागज, खाली चेक व स्टांप सुनील कुमार पुत्र बजरंगलाल पूनिया, सुनील पुत्र दयानंद, सोनी जाखड़, विजेंद्र व बगड़ रोड फाइनेंस कंपनी के योगी, सुनील पातुसरी को दिए थे। पैसे देने के बाद भी इन्होंने मेरे कागज नहीं दिए और मेरे को परेशान कर रहे हैं, इसलिए मैं आत्महत्या कर रहा हूं। रमेश के पिता की दस दिन पहले मौत हो चुकी है। रमेश शादीशुदा था। 2015 में शादी हुई थी, पत्नी गृहिणी हैं। घर में मां और एक छोटा भाई पंकज है।

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