अरावली परिभाषा बदलने पर रालोद ने सौंपा ज्ञापन:केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी से मिलकर मूल स्वरूप बचाने की मांग
अरावली परिभाषा बदलने पर रालोद ने सौंपा ज्ञापन:केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी से मिलकर मूल स्वरूप बचाने की मांग
चिड़ावा : राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) राजस्थान के प्रदेश सचिव सुरेंद्र सिंह राव ने अरावली पर्वतमाला के मूल स्वरूप को संरक्षित रखने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी को दिल्ली में ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में अरावली की परिभाषा में हाल ही में किए गए बदलाव के गंभीर पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों पर चिंता व्यक्त की गई है।
ज्ञापन में बताया गया कि केंद्र सरकार की एक कमेटी की सिफारिश पर सुप्रीम कोर्ट ने अरावली की मूलभूत परिभाषा को बदलकर 100 मीटर कर दिया है। अब केवल 100 मीटर से ऊंची पहाड़ियों को ही अरावली पर्वतमाला में शामिल किया जाएगा। सुरेंद्र सिंह राव ने चेतावनी दी कि इस बदलाव से अरावली पर्वतमाला का अधिकांश स्वरूप समाप्त हो सकता है।
पर्यावरण और कृषि पर गंभीर प्रभाव की संभावना
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि नई परिभाषा लागू होने के बाद अवैध खनन, अंधाधुंध पेड़ों की कटाई और जल दोहन की संभावना बढ़ जाएगी। इसके अलावा राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के बड़े भूभाग में मरुस्थलीकरण और अत्यधिक गर्म हवाओं के प्रभाव का खतरा है। राव ने जयंत चौधरी से आग्रह किया कि वे पर्यावरण मंत्री और प्रधानमंत्री से इस विषय पर गंभीर चर्चा करें।
किसानों और पर्यावरण की सुरक्षा पर जोर
सुरेंद्र सिंह राव ने कहा कि यदि अरावली पर्वतमाला की मूल संरचना को सुरक्षित नहीं रखा गया, तो किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार देश में बढ़ते वायु प्रदूषण और किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों पर गंभीर है, इसलिए अरावली की संरचना बनाए रखना आवश्यक है। इस अवसर पर चिड़ावा से युवा नेता अभिषेक शर्मा भी उपस्थित रहे और ज्ञापन सौंपने के दौरान सुरेंद्र सिंह राव का समर्थन किया।
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