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अरावली पर खनन, करोड़ों लोगों के जीवन को होगा नुकसान:शहीद भगत सिंह युवा क्रांतिकारी मंच ने सरकार को चेताया


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अरावली पर खनन, करोड़ों लोगों के जीवन को होगा नुकसान:शहीद भगत सिंह युवा क्रांतिकारी मंच ने सरकार को चेताया

अरावली पर खनन, करोड़ों लोगों के जीवन को होगा नुकसान:शहीद भगत सिंह युवा क्रांतिकारी मंच ने सरकार को चेताया

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान 

चूरू : चूरू में शहीद भगत सिंह युवा क्रांतिकारी मंच ने अरावली बचाओ आंदोलन को लेकर एक बैठक की। जिसमें 24 दिसंबर को होने वाले विरोध प्रदर्शन और पैदल मार्च की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई।

भारतीय किसान यूनियन चूरू के जिलाध्यक्ष रामरतन सिहाग ने बताया कि अरावली पर्वतमाला भारत की सबसे प्राचीन श्रृंखला है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया, जिसके अनुसार 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को अरावली श्रृंखला का हिस्सा नहीं माना जाएगा। सिहाग ने कहा कि अरावली पर्वत श्रृंखला राजस्थान, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और एनसीआर सहित लगभग 700 किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है।

फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, 12081 मैप की गई पहाड़ियों में से केवल 1048 पहाड़ियां ही 100 मीटर के बेंचमार्क में आती हैं। सिहाग ने चेतावनी दी कि यदि इस निर्णय के आधार पर अरावली की पहाड़ियों में खनन कार्य शुरू होता है, तो अरावली अपनी पुरानी पर्वत श्रृंखला की निरंतरता खो देगी और श्रृंखलाओं के बीच अंतराल पैदा हो जाएगा। इससे धूल प्रदूषण और पानी की कमी होगी, जिससे पश्चिमी भारत के करोड़ों लोगों के जीवन पर संकट आ जाएगा।

विशिष्ट मेहमान वरिष्ठ डॉ. मुमताज अली ने अरावली श्रृंखला को हमारी प्राकृतिक धरोहर बताया। उन्होंने सरकार से अरावली के संरक्षण का आग्रह किया, ताकि मानव, वन्यजीवों और अरावली में मौजूद औषधीय पौधों को बचाया जा सके।

शहीद भगत सिंह क्रांतिकारी युवा मंच के जिलाध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि अरावली की सुरक्षा के लिए ‘चिपको आंदोलन’ की तर्ज पर एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे अरावली के कण-कण और पत्थर से चिपककर सरकार को इसके संरक्षण के लिए मजबूर करेंगे।

राजेश चौधरी ने बताया कि राजस्थान के मशहूर ‘खिचड़ी आंदोलन’ की तरह ही पूरे राज्य में अरावली बचाओ आंदोलन चलाया जाएगा। अंकुश चौधरी ने जानकारी दी कि 24 दिसंबर को सुबह 11 बजे धर्मस्तूप स्थित इंद्रमणि पार्क से विरोध प्रदर्शन और पैदल यात्रा शुरू की जाएगी।

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