कलेक्टर चैंबर में बिना मास्क घुसे थे सांसद और जिलाध्यक्ष:कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन पर केस हुआ; 5 साल बाद कोर्ट से बरी
कलेक्टर चैंबर में बिना मास्क घुसे थे सांसद और जिलाध्यक्ष:कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन पर केस हुआ; 5 साल बाद कोर्ट से बरी
झुंझुनूं : कोरोना महामारी के दौरान तत्कालीन कलेक्टर के चैंबर में हंगामा करने और कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन करने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट झुंझुनूं ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने तत्कालीन सांसद और भाजपा के नेताओं को बरी कर दिया है। मामला 5 अक्टूबर 2020 को हुए विवाद से संबंधित था, जिस पर लंबी न्यायिक कार्यवाही चली।

बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर निकाली थी रैली
जानकारी के अनुसार- भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार के विरोध में ‘दलित महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रहे दुराचार और बिगड़ती कानून व्यवस्था’ के खिलाफ 5 अक्टूबर 2020 को एक रैली निकाली थी। वे तत्कालीन कलेक्टर यूडी खान को ज्ञापन देने कलेक्टर ऑफिस आए थे। इस रैली का नेतृत्व तत्कालीन जिलाध्यक्ष पवन मांडविया कर रहे थे।
रैली के बाद नेता जिला कलेक्टर ऑफिस पहुंचे और ज्ञापन देने के लिए तत्कालीन कलेक्टर यूडी खान के चैंबर में प्रवेश किया। आरोप है कि कलेक्टर यूडी खान ने कुर्सी पर बैठे-बैठे ज्ञापन लिया, जिससे भाजपा नेता नाराज़ हो गए।
इसके बाद नेताओं ने कलेक्टर के चैंबर में टेबल बजाकर नाराजगी जताई और उन्हें घेरने की कोशिश की। साथ ही कथित तौर पर अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया गया। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार- रैली में शामिल लोगों ने मास्क नहीं लगाए थे, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा था, और एक साथ बड़ी भीड़ एकत्र कर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड-19 दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया था।
दो FIR हुई थी दर्ज, एक पर चली ट्रायल
इस घटना के संबंध में पुलिस ने दो अलग-अलग प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की थी। इनमें पहली FIR कलेक्टर के गनमैन अनिल कुमार ने दर्ज करवाई थी, जिसमें कलेक्टर से अभद्रता, चैंबर में हंगामा और घेरने जैसे गंभीर आरोप थे।
दूसरी FIR में कोतवाली थाने के तत्कालीन सब इंस्पेक्टर श्रवण कुमार ने दर्ज करवाया था। इसमें मुख्य रूप से महामारी के दौरान नियमों की अवहेलना, भीड़ एकत्र करने, मास्क न पहनने और अन्य कोविड-19 संबंधित धाराओं का उल्लेख था।
पुलिस ने दोनों ही मामलों में फाइनल रिपोर्ट (FR) दे दी थी। हालांकि, न्यायालय ने तत्कालीन सब इंस्पेक्टर श्रवण कुमार द्वारा दर्ज करवाई गई दूसरी FIR पर प्रसंज्ञान लिया और इसी मामले में ट्रायल चली, जिसका फैसला अब आया है।
इन्हें किया कोर्ट ने बरी
न्यायालय ने जिन भाजपा नेताओं को बरी किया है, उनमें भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया, तत्कालीन सांसद नरेन्द्र कुमार खीचड़, सूरजगढ़ पूर्व विधायक सुभाष पूनिया, उदयुपरवाटी पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, भाजपा नेता विशम्भर पूनियां, सतीश गजराज, योगेन्द्र मिश्रा, पूर्व प्रधान गिरधारीलाल, रामनिरंजन पुरोहित, प्यारेलाल ढूकिया, कमलकांत शर्मा, सरजीत चौधरी, बुधराम सैनी, सुधा पंवार, सुमन कुल्हरी व महेन्द्र कुमार सोनी सहित अन्य नेता शामिल है। इन सभी को कोर्ट ने बरी कर दिया।

बता दें कि मामले में भाजपा नेताओं की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ताओं के एक समूह ने की, जिनमें एडवोकेट अशोक शर्मा, रवि शुक्ला, शिव कुमार जेवरिया, सुभाष पूनिया और उम्मेद सिंह शामिल थे। उनकी दलीलों और साक्ष्यों के आधार पर ही न्यायालय ने सभी आरोपियों को दोषमुक्त किया।
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