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सम्मान के साथ सह-अस्तित्व ही स्त्री विमर्श का आधार गूंजन चौहान


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सम्मान के साथ सह-अस्तित्व ही स्त्री विमर्श का आधार गूंजन चौहान

सम्मान के साथ सह-अस्तित्व ही स्त्री विमर्श का आधार गूंजन चौहान

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : मोहम्मद अली पठान

चूरू : जिला मुख्यालय पर ‌ लोहिया महाविद्यालय परिसर में स्त्री विमर्श आज साहित्य की केन्द्रीय धारा तो है ही इस समय की महती आवश्यकता भी है। सदियों से सम्मान, संवेदना और अधिकार के लिए संघर्षरत आधी आबादी को आज भी सम्मान के साथ‌ सह जीवन व सह-अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। यह बात स्थानीय राजकीय लोहिया महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित स्त्री विमर्श के विविध आयाम विषय पर आयोजित सेमीनार की अध्यक्षता करते हुए गुजन चौहान ने कही।

इस सेमीनार में स्त्री विमर्श के विविध आयाम विषय पर न केवल विचार-विमर्श हुआ अपितु वन्दना सैनी ने स्त्री विमर्श के विविध आयाम के साथ प्रभा खेतान के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। वन्दना शर्मा ने मैत्रेयी पुष्पा और पायल शर्मा ने निर्मला पुतुल के स्त्रीवादी लेखन को रेखांकित करते हुए अपने शोध पत्र में स्त्री विमर्श की विविध समस्याओं तथा विसंगतियों, विडम्बनाओं व विदुपताओं को उजागर करते हुए स्त्री विमर्श के विविध आयामों को स्रोताओं के सामने प्रस्तुत किया।

पत्र-वाचन के पश्चात् समीक्षक के रूप में प्रतिज्ञा जाखड़ व भरत सिंह राठौड़ ने प्रस्तुत पत्रों की समीक्षा करते हुए स्त्री विमर्श के विविध आयामों और अनछुए पहलुओं को स्रोताओं के सामने रखते हुए कहा कि स्त्री विमर्श आज के समय की महती मांग है और यह विमर्श स्त्री के मौलिक अधिकारों के साथ उसके कर्तव्यों के बरक्स समाज में उसके स्थान और महत्व को रेखांकित करता है। इससे पहले महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर मंजु शर्मा ने कहा कि स्त्री विमर्श सिमोन द बाउवार की कृति ‘द सैकेण्ड सेक्स की उक्ति स्त्री पैदा नहीं होती वरन् बनाई जाती है, से लेकर प्रभा खेतान की स्त्री उपेक्षिता से होता हुआ मुक्त करो नारी को युग-युग की कारा से’ में गुंजता हुआ दिखाई देता है।

स्त्री विमर्श एक सांस्कृतिक, सामाजिक आन्दोलन है और यह स्त्री की अस्मिता की वास्तविक तलाश है। इस अवसर पर डॉ. विभा परीक ने अनामिका और निर्मला पुतुल की कविताओं के माध्यम से स्त्री विमर्श के सुक्ष्म पहलुओं को स्रोताओं के सामने रखा। इस अवसर पर डॉ. ममता मीणा, डॉ. पूजा प्रजापत भी उपस्थित रही। कार्यक्रम का संचालन श्री कृष्ण ने किया। इस अवसर पर साहिबा, अनिशा, यशवेन्द्र सोनी, प्रीतेश सहित भारी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन उम्मेद सिंह गोठवाल ने किया।

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