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ग्रामीण महिला महाविद्यालय में ‘आत्म-विकास एवं प्रेरणा’ पर व्याख्यान


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ग्रामीण महिला महाविद्यालय में ‘आत्म-विकास एवं प्रेरणा’ पर व्याख्यान

प्रो. ढिल्लन बोले-लक्ष्य पाने से पहले खुद को पहचानना जरूरी

सीकर : ग्रामीण महिला शिक्षण संस्थान समिति, शिवसिंहपुरा द्वारा संचालित ग्रामीण महिला महाविद्यालय में शनिवार को ‘आत्म-विकास एवं प्रेरणा’ विषय पर प्रसार व्याख्यानमाला आयोजित हुई। मुख्य वक्ता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (हरियाणा) के सेवानिवृत्त प्रो. (डॉ.) सज्जन सिंह ढिल्लन रहे।

मुख्य वक्ता प्रो. ढिल्लन ने कहा कि विद्यार्थी के लिए दुनिया को समझने से पहले स्वयं को समझना सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा, ““जब व्यक्ति अपनी क्षमताओं को पहचान लेता है, तब वह किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकता है।”, स्व-प्रेरणा बाहरी प्रेरणा से अधिक प्रभावी होती है।, दृढ़ इच्छाशक्ति ही हर सफलता की जड़ है।, किशोरावस्था मानसिक उद्देलन की अवस्था है, ऐसे में छात्राओं को आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए।, उन्होंने ‘लर्न बाय राइटिंग’ पद्धति अपनाने पर भी जोर दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत समिति अध्यक्ष झाबरमल, सह-सचिव प्रभुदयाल ओला, कोषाध्यक्ष रामनिवास मील, विद्याधर पिलानियां, केशरदेव, भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. सुभाष आर्य और मुख्य वक्ता प्रो. ढिल्लन ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर की।
अतिथियों का स्वागत पुष्पहार और पुष्पगुच्छ से किया गया।

व्याख्यान के बाद समिति पदाधिकारियों ने प्रो. ढिल्लन को साफा, शॉल और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में आयोजित हुआ। सभी विभागों की छात्राएं, विभागाध्यक्ष और स्टाफ सदस्यों ने सहभागिता निभाई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. जगदीश प्रसाद कड़वासरा ने किया तथा डॉ. सुभाष आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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