झुंझुनूं में एसआईआर के टारगेट पर भड़के बीएलओ:लक्ष्य पूरा नहीं करने पर दिए थे नोटिस; एक ने लिखा- 4 दिसंबर तक जिंदा रहूंगा या नहीं
झुंझुनूं में एसआईआर के टारगेट पर भड़के बीएलओ:लक्ष्य पूरा नहीं करने पर दिए थे नोटिस; एक ने लिखा- 4 दिसंबर तक जिंदा रहूंगा या नहीं
झुंझुनूं : झुंझुनूं में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR-2026) अभियान में लगे BLO टारगेट को लेकर भड़क गए। झुंझुनूं और मंडावा के 200 से अधिक बीएलओ और बी-सुपरवाइजर ने काम रोक दिया। इसके बाद वे शनिवार सुबह 9 बजे कलेक्ट्रेट पर पहुंचे और धरना दिया। इनका आरोप था कि इन्हें ऐसे फॉर्म अपलोड करने के लिए ऐसे टारगेट दिए जा रहे है जो असंभव है।
इतना ही नहीं इनके बनाए वॉट्सऐप ग्रुप पर कार्रवाई की धमकी और घोर लापरवाही जैसे शब्दों का उपयोग किया जा रहा है। इसके बाद एसडीएम कौशल्या बिश्नोई मौके पर पहुंची और बातचीत की। इसके बाद सभी को जिला परिषद सभागार में ले जाकर समझाइश की। एडीएम अजय आर्य ने बताया कि संबंधित सभी बीएलओ से बात हो गई है। इनकी समस्याएं भी सुन ली गई है। सभी काम पर लगए गए है। काम समय पर पूरा हो ये हमार उद्देश्य है, बाकी कोई समस्या नहीं।

बीएलओ बोले-टारगेट को 50 से बढ़ाकर 150 किया
प्रदर्शन करने आए बीएलओ और बी-सुपरवाइजर कर कहना था कि जब एसआईआर का काम शुरू हुआ तो रोजाना 50 गणना फाॅर्म जमा कर अपलोड करने का टारगेट दिया था। शुक्रवार शाम को इस टारगेट को 50 से बढ़ाकर 100 कर दिया गया। इस बीच शुक्रवार देर रात 9 बजे तक झुंझुनूं के सूचना केंद्र में मीटिंग चल रही थी। मीटिंग खत्म होने के बाद रात करीब पौने 10 बजे आदेश आया कि रोजाना अब 50 की जगह 150 गणना प्रपत्र फॉर्म शामिल कर ऑनलाइन अपलोड करने होंगे।

वॉट्सऐप ग्रुप में लिखा- अचीवमेंट 100 प्रतिशत से कम रहा तो कार्रवाई होगी
इस काम को कर रहे बीएलओ और सुपरवाइजर का कहना था कि टारगेट को तीन गुना बढ़ा दिया गया। जबकि हम पहले ही बता चुके थे कि एक दिन में 50 से 60 फाॅर्म ही अपलोड हो पाएंगे।
इसी बीच शुक्रवार रात को सुपरवाइजर इलेक्शन वॉट्सऐप ग्रुप पर एक मैसेज जारी किया गया। इसमें लिखा था-आज कोई भी बीएलओ का अचीवमेंट 100 से कम रहा तो उस पर ERO/AERO के तहत कार्रवाई होगी।
इधर, मंडावा में शुक्रवार को 134 बीएलओ को नोटिस जारी कर दिए थे। इसमें टारगेट निर्धारित संख्या में नहीं पहुंचने पर इसे घोर लापरवाही बताया। बताया जा रहा है कि सभी बीएलओ ‘घोर लापरवाही’ जैसे शब्द से नाराज थे। उनका कहना था कि सुबह से शाम तक फिल्ड में काम करने के बाद भी उनके प्रयास को घोर लापरवाही कहना अपमान है।
इन मैसेज और नोटिस से दोनों ब्लॉक के बीएलओ और सुपरवाइजर नाराज हो गए। शनिवार को काम बंद करने की घोषणा के बाद वे कलेक्ट्रेट पर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन करने लगे।

बीएलओ बोले-4 दिसंबर तक काम पूरा करना है, हमें 21 नवंबर का टारगेट दिया गया
बीएलओ कर्मवीर पूनिया ने बताया कि हमें मौखिक आदेश दिया गया कि इस काम को 21 नवंबर तक पूरा करना है। जबकि इसकी अंतिम तिथि 4 दिसंबर तक है। ऐसे में टारगेट पूरा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि उन्हें गणना प्रपत्र चार दिन देरी से मिले और कई जगह लाभार्थियों के फोटो उपलब्ध ही नहीं हैं। अधिकारी मौखिक रूप से बिना फोटो के फॉर्म अपलोड करने को कह रहे हैं, जो SIR नियमों की सीधी अवहेलना है। कुछ BLO को अपनी जेब से फोटो खिंचवाकर लगानी पड़ रही है। इतने प्रेशर में हमारी स्थिति पर भी असर पड़ रहा है।
मैसेज के बाद बीएलओ ने लिखा- इतना टारगेट असंभव, पता नहीं 4 दिसंबर तक जिंदा रहूंगा या नहीं
टारगेट और कार्रवाई के मैसेज के बाद एक बीएलओ ने अधिकारियों को समस्या बताते हुए ग्रुप में लिखा- उसके 18 हजार वोट वाले क्षेत्र में उसे दिनभर में चार रेलवे फाटक (गुढ़ा, बाकरा, रीको, पुलिस लाइन) बार-बार क्रॉस करने पड़ते है। इससे समय बर्बाद होता है। है। इसके अलावा, अपलोडिंग ऐप का बार-बार हैंग हो जाना भी काम में बाधा डालता है, जिससे 150 फॉर्म प्रतिदिन इकट्ठा और अपलोड करना असंभव हो जाता है। इसके बाद एक और मैसेज कर लिखा- 4 दिसंबर तक जिंदा रहूंगा या नहीं यह भी नहीं पता। रोड नंबर 3 झुंझुनूंं की सबसे खतरनाक रोड है।

प्रशासन ने की समझाइश, एक घंटे बाद काम पर लौटे
सुबह 10 बजे के करीब SDM कौशल्या बिश्नोई और तहसीलदार महेंद्र मूंड धरने पर बैठे कर्मचारियों से मिलने कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने कर्मचारियों को समझाने की कोशिश की और उनकी समस्याओं को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया, लेकिन कर्मचारियों ने साफ कहा कि उन्हें समझाइश नहीं, बल्कि आदेश में बदलाव चाहिए।
कर्मचारियों ने कहा कि वे अभियान का विरोध नहीं कर रहे। वे केवल सही टारगेट और समय चाहते है। उनका कहना था कि निर्वाचन आयोग ने 4 दिसंबर का समय दिया है, वे उसकी के अनुसार काम करने को तैयार है। इसके साथ ये भी मांग थी कि बिना फोटो फॉर्म अपलोड करने पर रोक लगे, जल्दबाजी में जारी किए नोटिस दोबारा ले और कार्रवाई की धमकियां देना बंद करे।
उन्होंने बताया- रोज मीटिंग, रात में नोटिस, फोन कॉल, कार्रवाई की धमकी और अनचाहे टारगेट उनकी मानसिक स्थिति पर भारी पड़ रही है। इसके बाद इन्हें जिला परिषद सभागार में ले जाय गया। बातचीत में बीएलओ और सुपरवाइजर की बात मान ली गई, जिसके बाद वे दोबारा काम पर लौटे।
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