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झुंझुनूं में 13 लाख लोगों की ‘आभा ID’ बनाना बाकी:आधा लक्ष्य भी नहीं हुआ हासिल, चिकित्सा विभाग ने जताई नाराजगी


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झुंझुनूं में 13 लाख लोगों की ‘आभा ID’ बनाना बाकी:आधा लक्ष्य भी नहीं हुआ हासिल, चिकित्सा विभाग ने जताई नाराजगी

झुंझुनूं में 13 लाख लोगों की 'आभा ID' बनाना बाकी:आधा लक्ष्य भी नहीं हुआ हासिल, चिकित्सा विभाग ने जताई नाराजगी

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले में चिकित्सा विभाग की महत्वपूर्ण आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा आईडी) बनाने की प्रगति उम्मीद के मुताबिक नहीं है। जिले के 24.72 लाख लोगों के लक्ष्य के मुकाबले, अब तक सिर्फ 11.53 लाख लोगों की ही आभा आईडी बन पाई है। इसका सीधा मतलब है कि जिले में 13.18 लाख लोगों की डिजिटल स्वास्थ्य पहचान संख्या (आभा आईडी) बनना अभी भी बाकी है। धीमी प्रगति से नाराज चिकित्सा विभाग ने बीसीएमओ और अस्पताल प्रभारियों को जल्द से जल्द लक्ष्य पूरा करने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं।

बुहाना ब्लॉक सबसे पिछड़ा हुआ है, जहां केवल 45,777 आईडी बनी हैं। वहीं, झुंझुनूं ब्लॉक का प्रदर्शन भी उम्मीद से कम रहा, जहां 2.14 लाख के लक्ष्य के मुकाबले 1.03 लाख आईडी ही बन पाई हैं।

अस्पतालों की रेस में चिड़ावा अव्वल, एआरटी सेंटर झुंझुनूं फिसड्डी जिले के अस्पतालों के प्रदर्शन की बात करें तो चिड़ावा अस्पताल ने 18,973 आभा आईडी बनाकर पहला स्थान हासिल किया है।

  • पहले स्थान पर: चिड़ावा अस्पताल (18,973 आईडी)
  • दूसरे स्थान पर: किढ़वाना अस्पताल (18,573 आईडी)
  • तीसरे स्थान पर: जाखोद अस्पताल (18,419 आईडी)

इसके विपरीत, एआरटी सेंटर झुंझुनूं सबसे नीचे है, जहाँ अब तक केवल 21 आभा आईडी ही बन पाई हैं

क्या है आभा आईडी आभा आईडी (ABHA ID) एक 14 अंकों की विशिष्ट डिजिटल पहचान संख्या है। यह नागरिक के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखती है।

  • रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण: यह मरीज के सभी मेडिकल डेटा, डॉक्टर की सलाह, और इलाज की जानकारी को एक ही प्लेटफॉर्म पर संग्रहित करती है।
  • इलाज में सुगमता: इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मरीज को किसी भी अस्पताल में इलाज कराने पर उसका पुराना मेडिकल रिकॉर्ड तुरंत उपलब्ध हो सके।
  • बीमा का लाभ: आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ उठाने और बीमा कवरेज को लिंक करने के लिए भी आभा आईडी अनिवार्य है।

धीमी प्रगति पर चेतावनी कैंप लगाकर लक्ष्य पूरा करने का निर्देश चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जिले में लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 46.6% उपलब्धि हासिल हुई है, जो चिंताजनक है। तकनीकी कारणों, नेटवर्क की समस्या और स्टाफ की कमी को धीमी गति का कारण बताया गया है। CMHO छोटेलाल गुर्जर ने सभी बीसीएमओ और अस्पताल प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे आभा आईडी बनाने की गति बढ़ाए और जल्द से जल्द गांव-गांव में कैंप लगाकर शेष लोगों का पंजीकरण सुनिश्चित करें।

उदयपुरवाटी अव्वल, झुंझुनूं और बुहाना ब्लॉक सबसे पीछे

आभा आईडी बनाने की ब्लॉक-वार रैंकिंग में उदयपुरवाटी ब्लॉक ने बाजी मारी है। यहाँ की 2.94 लाख आबादी में से 1.59 लाख लोगों की आईडी बन चुकी है, जो जिले में सबसे अच्छी उपलब्धि है।

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