सांडवा में निराश्रित गोवंश से हादसे की संभावना:रात में वाहन चालकों को दिखते नहीं, बढ़ रही दुर्घटनाएं
सांडवा में निराश्रित गोवंश से हादसे की संभावना:रात में वाहन चालकों को दिखते नहीं, बढ़ रही दुर्घटनाएं

चूरू : साडवां में स्टेट हाइवे-20 पर बेसहारा गोवंश का आतंक लगातार बढ़ रहा है, जिससे आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। मुख्य बाजार से लेकर गली-मोहल्लों तक पशु विचरण करते रहते हैं। ग्राम पंचायतों की ओर से इन्हें आबादी क्षेत्र से दूर रखने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की जा रही है, जिससे समस्या गंभीर होती जा रही है।
रात के समय बीदासर से कातर छोटी और कातर छोटी से लालगढ़ सड़क पर बेसहारा पशु झुंड बनाकर खड़े रहते हैं, जिससे वाहन चालकों को भारी परेशानी होती है। सामने से आते वाहनों की रोशनी के कारण सड़क पर खड़े ये पशु अक्सर दिखाई नहीं देते, जिसके परिणामस्वरूप कई गंभीर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इन हादसों में कई लोगों की जान जा चुकी है और अनेक लोग घायल होकर अपाहिज हो गए हैं।
सांडवा में मुख्य बाजार, उड़वाला सड़क, सीएचसी के पीछे व आगे, बेरासर सड़क, बस स्टैंड और स्टेट हाइवे पर निराश्रित पशुओं का जमावड़ा रहता है। इसके अलावा, चक पालास, बंबू, पांडरी तलाई, तेहनदेसर, कातर छोटी और लालगढ़ जैसे गांवों में भी सड़कों पर गोवंश बैठे रहते हैं। रात के अंधेरे में ये पशु चालकों को दिखाई नहीं देते, जिससे लगातार हादसे होते रहते हैं। जानकारी के अनुसार, इस सड़क पर होने वाले अधिकतर हादसे पशुओं से टकराने के कारण होते हैं।
एसडीएम बिदासर के निर्देशों के बावजूद, ग्राम पंचायतों द्वारा गौशालाओं को भेजे गए नोटिसों की भी अवहेलना की गई है। बेसहारा गोवंश की समुचित व्यवस्था न होने से आम लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है। कातर छोटी और सांडवा के मुख्य बाजार के दुकानदारों, जैसे रामनिवास और बजरंगलाल ने बताया कि सांडों के आपस में भिड़ने से बाजार में अफरा-तफरी मच जाती है और कई बार खड़े वाहन भी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। सुबह के समय पशुओं के इधर-उधर दौड़ने से संकट और गहरा जाता है।