नवलगढ़ में 59वीं रामलीला का मंचन जारी, आज होगा 25 फीट के रावण का दहन
नवलगढ़ में 59वीं रामलीला का मंचन जारी, आज होगा 25 फीट के रावण का दहन

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : रविन्द्र पारीक
नवलगढ़ : श्री रामलीला समिति नवलगढ़ द्वारा आयोजित ऐतिहासिक रामलीला का मंचन हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नवरात्र के पावन दिनों में, 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक, सूर्य मंडल रामलीला मैदान में किया जा रहा है। यह समिति का 59वाँ वार्षिक मंचन है।
रामलीला की शुरुआत सर्वप्रथम गणेश पूजन के साथ होती है, जिसे रामलीला के उपाध्यक्ष शिवकुमार बांका करते हैं। रामलीला समिति के प्रवक्ता मुरली मनोहर चौबदार ने बताया कि आठवें दिन की लीला में डॉ. चंद्रशेखर बील, नरसिंह मंदिर के महंत अरुण गौड़, और नगर पालिका के अधिकारी अनिल शर्मा ने अतिथि के रूप में भगवान की पूजा-अर्चना कर लीला की शुरुआत की।
बीते दिन (मंगलवार): रंगमंच पर माता सीता की खोज, अक्षय कुमार का वध, और लंका दहन की लीला का मनमोहक मंचन हुआ। बुधवार को रात्रि में अंगद-रावण संवाद, लक्ष्मण को शक्ति लगना, और कुंभकरण वध की मार्मिक लीला का मंचन किया जाएगा। आज गुरुवार को अहिरावण एवं रावण के वध की मुख्य लीला का मंचन होगा। वहीं शुक्रवार को भगवान श्री राम के राजतिलक के साथ ही लीला का विधिवत समापन होगा।
विजयदशमी पर आज 25 फीट ऊँचे रावण का पुतला बनाया जाएगा, जिसे भगवान राम के अग्निबाण से दहन किया जाएगा। इसके बाद एक हास्य पारिवारिक नाटक का मंचन भी किया जाएगा। रामलीला के दौरान भगवान राम और सुग्रीव की मित्रता तथा बाली वध की लीला का भी मंचन होगा ।
इस भव्य मंचन में राकेश थालिया राम, नीरज बसोतिया लक्ष्मण, निखिल सीता, द्वारका प्रसाद सोनी दशरथ और रावण, तथा मनीष चेजारा हनुमान की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
रामलीला मंच की सजावट और संगीत व्यवस्था में गोविंद पाटोदिया, हरन्द शर्मा, अशोक शर्मा, ललित जांगिड़, तरुण तिवारी, मुकेश सोनी सहित कई कलाकार और कार्यकर्ता सहयोग कर रहे हैं।
इस अवसर पर सूर्य प्रकाश पीपलवा, रामलीला समिति के अध्यक्ष शिवरतन मुरारका, भरत मुरारका, महेंद्र जैन, महेश गुरु सहित नवलगढ़ के सैकड़ों धर्म प्रेमी रामलीला देखने के लिए पधारे। लीला का मंचन ठीक रात्रि 8:30 बजे शुरू होता है।
समिति ने नवलगढ़ के सभी धर्म प्रेमियों से आग्रह किया है कि वे अपने परिवार और इष्ट मित्रों सहित अधिक से अधिक संख्या में रामलीला देखने पधारें, लीला की शोभा बढ़ाएँ और आने वाली पीढ़ी को भगवान राम के आदर्श चरित्रों के बारे में बताकर उन्हें प्रेरित करें।