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प्रिंसिपल ट्रांसफर पर UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा बोले-:कठिनाई में नौकरी करने वाले सुख में आ जाए; बिजली- पानी पर तेजी से काम हो रहा


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प्रिंसिपल ट्रांसफर पर UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा बोले-:कठिनाई में नौकरी करने वाले सुख में आ जाए; बिजली- पानी पर तेजी से काम हो रहा

प्रिंसिपल ट्रांसफर पर UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा बोले-:कठिनाई में नौकरी करने वाले सुख में आ जाए; बिजली- पानी पर तेजी से काम हो रहा

सीकर : यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा और वन मंत्री संजय शर्मा आज सीकर आए। प्रिंसिपल तबादलों पर बोलते हुए खर्रा ने कहा कि जिन्होंने वर्षों सुख भोग लिया। वह थोड़े कठिनाई में जाए,जिन्होंने कठिनाई में नौकरी की, वह सुख में आ जाए। खर्रा ने कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए 20 महीने हो चुके हैं। जब बड़ी संख्या में तबादले होते हैं तो जिलों में भी तबादलों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी। 4500 से ज्यादा ट्रांसफर हुए हैं, जो लोग बाहर बैठे थे। वह भी तो अपने गृह जिले में आने चाहिए ना। सरकार का पैरामीटर यही है कि जिन्होंने वर्षों सुख भोग लिया,थोड़े कठिनाई में चल जाए। जिन्होंने कठिनाई में नौकरी की वह सुख में आ जाए।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री झाबर सिंह खर्रा के अलावा वन मंत्री संजय शर्मा भी मौजूद रहे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री झाबर सिंह खर्रा के अलावा वन मंत्री संजय शर्मा भी मौजूद रहे।

यमुना जल परियोजना को लेकर राजस्थान और गुजरात संयुक्त टास्क फोर्स गठित

खर्रा ने कहा कि जब यमुना जल का समझौता हुआ, उसके बाद राजस्थान और हरियाणा दोनों ही राज्यों ने अपनी-अपनी टास्क फोर्स बनाई। दोनों फोर्स ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। इसके बाद केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के निर्देश पर दोनों राज्यों ने अपनी एक संयुक्त टास्क फोर्स बनाई है। अभी पिछले महीने ही इसका गठन हुआ है। इस फोर्स को अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए 6 से 8 महीने का समय दिया गया है।

पानी लाने की जो परियोजना है,वर्तमान में उसे नहर के माध्यम से नहीं लाया जा सकता। ऐसे में भूमिगत पाइप लाइन के जरिए यह पानी लाया जाएगा। जहां से पानी आएगा वहां से चार बड़ी पाइप लाइन शुरू होगी। एक पाइपलाइन हरियाणा के खुद के लिए होगी जिसमें भिवानी और लोहारू के आसपास के एरिया को पानी मिलेगा।

सीकर,चूरू और झुंझुनूं तीनों जिले के लिए अलग-अलग पाइपलाइन होगी। चूरू जिले के लिए सौभाग्य है कि वहां राजगढ़ के पास 25 वर्ग किलोमीटर की एक झील है,ऐसे में पाइप लाइन से जो पानी आएगा वह वहां स्टोरेज होगा। बाकी 2 जिलों में नए स्रोत बनाने पड़ेंगे।

पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोका जाएगा और राजस्थान में सप्लाई होगा

राजस्थान सरकार बिजली और पानी दोनों ही क्षेत्रों में तेजी से काम कर रही है। 17 जिलों की रामसेतु जल परियोजना का काम वर्तमान में जारी है। इसके अलावा नर्मदा,चंबल और ब्राह्मणी नदी का पानी और उनकी अतिरिक्त सहायक नदियों का अतिरिक्त पानी जो पाकिस्तान जा रहा है उसे रोककर राजस्थान में लाने के लिए अरावली पर्वतमाला है उसमें से टनल बनाकर नदियों के अतिरिक्त पानी को जालौर,पाली,सिरोही होते हुए जोधपुर और नागौर लाने की परियोजना पर काम चल रहा है।

UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने प्रदेश को बिजली और जल के मामले में मजबूत बनाने की योजनाओं पर बात की।
UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने प्रदेश को बिजली और जल के मामले में मजबूत बनाने की योजनाओं पर बात की।

माही बांध से अपना हक त्याग देगा गुजरात

इसके अलावा माही बांध जिसका निर्माण राजस्थान और गुजरात सरकार ने संयुक्त रूप से करवाया था। जिसमें एक शर्त थी कि गुजरात का सरदार सरोवर बांध जब पूर्ण हो जाएगा और उसका पानी जब गुजरात के सूखाग्रस्त एरिया के अंतिम छोर तक पानी पहुंच जाएगा,उसके बाद गुजरात सरकार अपने हिस्से का पानी छोड़ने पर विचार करेगी। लेकिन अब राजस्थान और गुजरात सरकार के बीच पहली मीटिंग इस सिलसिले में हो चुकी है कि गुजरात सरकार ने अपने हिस्से के पानी पर हक त्यागने की सैद्धांतिक सहमति दे दी। अब 1-2 मीटिंग होने के बाद वह पानी भी राजस्थान की धरा पर आएगा।

खदानों के पास पावर स्टेशन बनाकर कम खर्च पर बिजली उत्पादन किया जाएगा

हमारे राज्य को विद्युत उत्पादन के लिए जहां-जहां पर कोयले की खदान उपलब्ध है, छत्तीसगढ़ या झारखंड, वहां की सरकारों के साथ बातचीत चल रही है कि वह हमारी खदान के नजदीक ताप बिजली घर लगाने के लिए भूमि यदि आवंटित करती है तो नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन के साथ मिलकर 3.50 लाख करोड़ रुपए के समझौते पर बातचीत चल रही है।

यदि भूमि आवंटित होती है तो हमारी खदानों के पास ही एनटीपीसी के माध्यम से थर्मल पावर स्टेशन लगाने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि थर्मल पावर स्टेशन वहां पर बन जाएंगे तो जितना खर्चा हमको कोयले के ट्रांसपोर्टेशन पर देना पड़ता है, उसके 10 फीसदी खर्चे में ही हम बिजली का उत्पादन करके ट्रांसमिशन लाइन के जरिए उस बिजली को राजस्थान लेकर आएंगे।

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