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झुंझुनूं में रियल-टाइम डेटा से पकड़ेंगे बिजली की चोरी:18 हजार ट्रांसफॉर्मर पर लगेंगे बड़े स्मार्ट मीटर, विजिलेंस टीम तुरंत करेगी कार्रवाई


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झुंझुनूं में रियल-टाइम डेटा से पकड़ेंगे बिजली की चोरी:18 हजार ट्रांसफॉर्मर पर लगेंगे बड़े स्मार्ट मीटर, विजिलेंस टीम तुरंत करेगी कार्रवाई

झुंझुनूं में रियल-टाइम डेटा से पकड़ेंगे बिजली की चोरी:18 हजार ट्रांसफॉर्मर पर लगेंगे बड़े स्मार्ट मीटर, विजिलेंस टीम तुरंत करेगी कार्रवाई

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले में बिजली चोरी और लाइन लॉस (छीजत) पर अंकुश लगाने के लिए डिस्कॉम अब हाईटेक समाधान अपनाने जा रहा है। जिले में बड़े स्तर पर स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम लागू किया जा रहा हैं, जिसके तहत 18,217 ट्रांसफार्मरों पर बड़े स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जो रियल टाइम डेटा से चोरी पकड़ने और ओवरलोडिंग व तकनीकी छीजत को कम करने में मदद करेंगे। तथा उपभोक्ताओं को स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है।

हर साल बढ़ रहे चोरी के मामले

झुंझुनूं जिले में बिजली चोरी की समस्या लगातार बढ़ रही है। पिछले साल ही जिले में 4423 जगहों पर चोरी पकड़कर वीसीआर भरी गई। यानी हर महीने औसतन 366 चोरी के केस सामने आए। चार साल का ट्रेंड देखे तो हालात और गंभीर हैं। 2022 में 3924 वीसीआर, 2023 में 6708 और 2024 में 4423 वीसीआर भरी गई। हर साल हजारों मामले सामने आने के बावजूद चोरी पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पाया है। यही वजह है कि विभाग ने अब हाईटेक निगरानी का रास्ता चुना है।

अभी तक मैन्युअल कार्रवाई

फिलहाल बिजली चोरी पकड़ने के लिए विजिलेंस टीम और फील्ड स्टाफ को मौके पर जाना पड़ता है। शिकायत या संदेह होने पर ही कार्रवाई होती है। कई बार चोर मौके से तार हटाकर या अन्य तकनीक से चोर बच निकलते हैं। नतीजा यह होता है कि बड़ी संख्या में चोरी के मामले पकड़ से बाहर रह जाते हैं और विभाग को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

स्मार्ट मीटर से रियल टाइम अलर्ट

ट्रांसफार्मर पर लगने वाले स्मार्ट मीटर को केंद्रीय सर्वर से जोड़ा जाएगा। इससे यह पता चल सकेगा कि किसी ट्रांसफार्मर से कितनी बिजली खपत हो रही है और उससे जुड़े उपभोक्ताओं के मीटर पर कितनी यूनिट दर्ज हुई। यदि दोनों में अंतर सामने आता है तो तुरंत सिस्टम अलर्ट देगा। ऐसे क्षेत्र में विजिलेंस टीम को भेजकर छापेमारी कराई जाएगी। इस तरह चोरी पकड़ने की प्रक्रिया आसान और तेज होगी।

छीजत और ओवरलोडिंग पर रोक स्मार्ट मीटरिंग केवल चोरी पकड़ने में ही नहीं बल्कि ओवरलोड और तकनीकी छीजत कम करने में भी मददगार साबित होगी। ट्रांसफार्मर पर कितना लोड है, कितने घर जुड़े हैं और कितनी खपत हो रही है, यह पूरा डेटा विभाग को मिलेगा। ओवरलोड वाले ट्रांसफार्मर की क्षमता समय रहते बढ़ाई जा सकेगी। इससे बार-बार बिजली गुल होने और ट्रिपिंग की समस्या से भी राहत मिलेगी।

उपभोक्ताओं के मीटर से होगा मिलान

डिस्कॉम उपभोक्ताओं के घरों पर भी स्मार्ट मीटर लगाने का काम कर रहा है। जब घरों में लगे मीटर और ट्रांसफार्मर पर लगे मीटर का डेटा मिलाया जाएगा तो यह साफ हो जाएगा कि कहां खपत और सप्लाई में फर्क है। जहां ज्यादा अंतर मिलेगा, वहां चोरी या छीजत की जांच होगी।

ईमानदार उपभोक्ता को राहत

बिजली चोरी का खामियाजा ईमानदार उपभोक्ता भी भुगतते हैं। चोरी से ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ता है, जिससे बिजली बार-बार गुल होती है और घरेलू उपकरण भी खराब हो जाते हैं। स्मार्ट मीटरिंग से चोरी पर अंकुश लगेगा तो ईमानदार उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी। साथ ही विभाग का राजस्व बढ़ेगा और सप्लाई की गुणवत्ता सुधरेगी।

विभाग का दावा, बड़ा बदलाव

डिस्कॉम के एसई महेश टीबड़ा का मानना है कि स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम लागू होने के बाद चोरी और छीजत में काफी कमी आएगी। पहले शिकायत पर कार्रवाई करनी पड़ती थी, लेकिन अब सिस्टम खुद अलर्ट देगा। यह तकनीक विभाग के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है।

झुंझुनूं जिले में ही 18 हजार से अधिक ट्रांसफार्मर स्मार्ट मीटर से रेप्लस होंगे। पूरी कवायद पूरी होने के बाद बिजली चोरी पर लगाम लगेगी और उपभोक्ताओं को बेहतर सप्लाई मिल सकेगी।

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