जैसलमेर में मर्डर के आरोपियों की दुकानों पर चला बुलडोजर:150 बीघा सरकारी जमीन से तारबंदी हटाई; रविंद्र भाटी बोले-लाठियों से आवाज दबा नहीं सकते
जैसलमेर में मर्डर के आरोपियों की दुकानों पर चला बुलडोजर:150 बीघा सरकारी जमीन से तारबंदी हटाई; रविंद्र भाटी बोले-लाठियों से आवाज दबा नहीं सकते

जैसलमेर : जैसलमेर के डांगरी गांव में हुए खेत सिंह हत्याकांड के 3 आरोपियों की अवैध प्रॉपर्टी को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। गुरुवार देर रात वार्ता में मांगों पर सहमति बनने के बाद प्रशासन ने बुलडोजर से 5 अवैध दुकानों को तोड़ा। इसके अलावा इन लोगों ने 150 बीघा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर खेती कर रखी थी। प्रशासन ने देर रात इस जमीन से भी तारबंदी को हटाया। उधर, शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे खेत सिंह का शव डांगरी गांव लाया गया, जहां पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
इससे पहले गुरुवार को धरना-प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारी बेकाबू हो गए थे और गांव में घुसकर गाड़ी में आग लगा दी और पथराव शुरू कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज करने के साथ आंसू गैस के गोले छोड़कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। दिनभर गांव में तनाव की स्थिति बनी रही।

प्रदर्शन के बाद हुई वार्ता, परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी
देर रात 10 बजे ग्रामीणों और प्रशासन के बीच हुई वार्ता में मांगों पर सहमति बनी तो ग्रामीणों ने धरना खत्म कर दिया और अंतिम संस्कार के लिए माने। ग्रामीणों ने कहा- आरोपियों के अवैध अतिक्रमण के साथ ही गांव में जहां भी अवैध अतिक्रमण है, उनको तोड़ा जाए।
इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी और आर्थिक सहायता देने के साथ ही पकड़े गए 26 प्रदर्शनकारियों को छोड़ने की मांग रखी गई। प्रशासन ने संविदा पर नौकरी और आर्थिक सहायता की मांग पर सहमति जताई।
पुलिस प्रशासन ने देर रात हत्याकांड के आरोपियों लाडू खान, जमाल खान और खेते खान की टायर ट्यूब समेत 5 अवैध दुकानों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। इसके अलावा इन लोगों ने 150 बीघा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर खेती कर रखी थी। प्रशासन ने इस जमीन से भी तारबंदी को हटाया।
ग्रामीणों के साथ हुई वार्ता में पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, स्वरूपसिंह खारा, पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी, भाजपा नेत्री सुनीता भाटी, जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी, पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी, आईजी राजेश मीना, कलेक्टर प्रतापसिंह और एसपी अभिषेक शिवहरे मौजूद रहे।

रविंद्र भाटी ने इशारों में हरीश चौधरी पर साधा निशाना
शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी शुक्रवार सुबह डांगरी गांव पहुंचे और खेत सिंह के परिजनों को सांत्वना दी। भाटी ने घटना को लेकर दुख जताया। उन्होंने इशारों ही इशारों में कांग्रेस नेता हरीश चौधरी पर हमला भी बोला।
रविंद्र सिंह भाटी ने डांगरी गांव में नाम लिए बिना कहा- लोग अपणायत का चोला पहनकर संवेदनाओं पर राजनीति करने आएंगे। साथ ही जनता से अपील करते हुए कहा- वो लोगों को लड़ाने के लिए इंतजार कर रहे हैं।
लाठियों से आवाज दबा नहीं सकते
भाटी ने कहा- इस क्षेत्र को किसी की नजर लग गई हैं। न तो ऐसी घटनाएं कभी नहीं हुई है और भविष्य में होनी चाहिए। घटना में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की। रविंद्र सिंह भाटी ने पुलिस के रवैये पर सवाल उठाया।
हम दोषियों के साथ नहीं, मगर निर्दोषों पर जुल्म ठीक नहीं
पूर्व कैबिनेट मंत्री व मुस्लिम धर्मगुरु सालेह मोहम्मद ने कहा- लोगों को कानून पर भरोसा रखना चाहिए। जिन्होंने गलती की है, उसको कठोर सजा मिलनी चाहिए। हमारा पूरा समाज उन दोषियों के साथ नहीं है। निर्दोषों को परेशान करना ये कहां तक जायज है। डांगरी गांव में केबिन, दुकानें, गाड़ियां जलाई गई। धार्मिक स्थल को भी टारगेट किया गया, जो राजस्थान के लिए सही नहीं है।
नेताओं ने भाषण देकर युवाओं को भड़काया
सालेह मोहम्मद ने कहा- बाड़मेर के नेताओं ने भड़काऊ भाषण देकर युवाओं को भड़काया। आग में घी डालने का काम किया। क्या जैसलमेर के अंदर कोई नेता नहीं है जो ये बाड़मेर से लोग आकर भड़का रहे हैं। बासनपीर में पत्थरबाज, कश्मीरी आदि कहा गया तो कल जो डांगरी में हुआ वो क्या था? ये केवल प्रशासन की ढिलाई का नतीजा है। पुलिस को सही जांच करके पूरा मामला सबके सामने लाना चाहिए।
दुकानों को तोड़ने पर जताई नाराजगी
उन्होंने कहा- दोषी एक व्यक्ति है, लेकिन परिवार पर दोष देना गलत है। सभी लोग गांवों में सरकारी जमीन पर ही बैठे हैं। उनकी दुकानें भी सरकारी जमीन पर थी, लाइट का कनेक्शन था। वो तोड़ दी। खेतों पर कार्रवाई की। गुनाह की सजा केवल गुनहगारों को मिलनी चाहिए, परिवार को नहीं।
गुरुवार को इस तरह से चला था पूरा घटनाक्रम
11 बजे धरना प्रदर्शन शुरू:
जैसलमेर जिले के डांगरी गांव में खेतसिंह हत्या प्रकरण को लेकर गुरुवार को सुबह 11 बजे से डांगरी में धरना-प्रदर्शन शुरू हुआ। लोगों ने कार्रवाई के लिए 4 बजे तक का समय दिया।
4 बजे भीड़ गांव की तरफ बढ़ी:
धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी शाम करीब 4 बजे गांव की तरफ बढ़े। बेकाबू हुई भीड़ ने गांव के बाड़ों में आग लगा दी थी। ऐसे में पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने-सामने हो गए थे।

पुलिस ने किया लाठीचार्ज:
प्रदर्शनकारियों ने अचानक पथराव शुरू कर दिया था। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान कुछ लोगों ने गांव में एक कार को भी आग लगाकर तोड़फोड़ कर दी थी।
2 पुलिसकर्मियों को आई चोटें, 26 उपद्रवियों को पकड़ा:
पथराव और लाठीचार्ज की घटना में करीब 2 पुलिसकर्मियों को चोटें आई थी। इनमें एक महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थी। पुलिस ने उपद्रव मचा रहे करीब 26 लोगों को शांतिभंग में पकड़ा था। ये घटनाक्रम करीब 3 घंटे तक चला।

हिरण का शिकार करने पर से टोका था
2 सितंबर की रात खेत में सो रहे डांगरी गांव के किसान खेत सिंह (50) के सिर पर धारदार हथियार से बदमाशों ने वार कर दिए थे। घायल किसान पूरी रात डांगरी गांव के खेत में पड़ा रहा था। 3 सितंबर की सुबह आसपास के किसानों ने उसे देखा तो फतेहगढ़ के सरकारी हॉस्पिटल ले गए।
डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज के बाद गंभीर हालत में बाड़मेर रेफर कर दिया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था। बताया जाता है कि खेतसिंह ने हिरण का पीछा कर रहे लोगों को रोककर शिकार नहीं करने की हिदायत दी थी। इस पर उन लोगों ने रंजिश रखते हुए पीट-पीटकर मार डाला।
हत्या की घटना से नाराज ग्रामीणों ने 3 सितंबर की शाम को करीब 6 बजे दूसरे पक्ष के लोगों की टायर ट्यूब की दुकान और एक डंपर को आग लगा दी थी। तनाव को देखते हुए मौके पर पुलिस फोर्स तैनात की गई थी।