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राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल बिल्डिंग गिरी,7 बच्चों की मौत:9 की हालत गंभीर; 5 टीचर सस्पेंड; शिक्षा मंत्री बोले- जिम्मेदार तो मैं ही हूं


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राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल बिल्डिंग गिरी,7 बच्चों की मौत:9 की हालत गंभीर; 5 टीचर सस्पेंड; शिक्षा मंत्री बोले- जिम्मेदार तो मैं ही हूं

राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल बिल्डिंग गिरी,7 बच्चों की मौत:9 की हालत गंभीर; 5 टीचर सस्पेंड; शिक्षा मंत्री बोले- जिम्मेदार तो मैं ही हूं

झालावाड़ : राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की बिल्डिंग का हिस्सा गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई, वहीं 9 गंभीर घायल हो गए। मनोहरथाना ब्लॉक के पिपलोदी सरकारी स्कूल की क्लास में शुक्रवार सुबह बच्चे बैठे थे, तभी कमरे की छत ढह गई। हादसे में 35 बच्चे दब गए थे। ग्रामीणों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर मलबा हटाकर बच्चों को निकाला और अस्पताल में भर्ती कराया। मनोहरथाना हॉस्पिटल प्रशासन के अनुसार 5 बच्चों की मौत मौके पर ही हो गई थी।

वहीं 2 ने इलाज के दौरान दम तोड़ा। हादसे को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दुख जताया। उधर, मामले में शिक्षा विभाग ने स्कूल की हेड मास्टर समेत 5 टीचर को सस्पेंड कर दिया है। घटना की जिम्मेदारी पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- जिम्मेदार तो मैं ही हूं।

हादसे के बाद से ग्रामीणों में नाराजगी है। उनका कहना है कि लगातार बारिश से बिल्डिंग जर्जर हो गई थी, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।
हादसे के बाद से ग्रामीणों में नाराजगी है। उनका कहना है कि लगातार बारिश से बिल्डिंग जर्जर हो गई थी, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।

प्रार्थना के लिए सभी बच्चों को इकट्ठा किया था

गांववालों ने बताया- वहां सुबह से बारिश हो रही थी। प्रार्थना का समय हुआ तो सभी क्लास के बच्चों को स्कूल के ग्राउंड में इकट्ठा करने की बजाय कमरे में बैठा दिया, ताकि वे भीगे नहीं। इसके कुछ देर बाद छत गिर गई और 35 बच्चे दब गए। गांववालों ने बताया- इस स्कूल में कुल 7 क्लास रूम है। हादसे के दौरान स्कूल के क्लास रूम में 35 बच्चे थे। स्कूल में 2 टीचर भी मौजूद थे, लेकिन छत गिरने के वक्त बिल्डिंग से बाहर होने के कारण बच गए।

हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 21 से ज्यादा घायलों का इलाज चल रहा है।
हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 21 से ज्यादा घायलों का इलाज चल रहा है।

3 बड़ी लापरवाहियां, जिसने ले ली 7 बच्चों की जान

1. बच्चों ने कहा-कंकड़ गिर रहे हैं, टीचर्स ने ध्यान नहीं दिया: स्कूल में पढ़ने वाली बच्ची वर्षा राज क्रांति ने बताया- छत गिरने से पहले कंकड़ गिर रहे थे, बच्चों ने बाहर खड़े टीचर्स को इसकी जानकारी दी, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान ही नहीं दिया और थोड़ी देर बाद ही छत गिर गई।

2. 3 दिन पहले 10 दिन की छुट्‌टी कैंसिल कर दी गई : स्कूल के कुक व हेल्पर श्रीलाल भील ने बताया- करीब 3 दिन पहले स्कूल की 10 दिन के लिए छुट्टी करने की बात सामने आई थी, लेकिन एक दिन की छुट्टी के बाद स्कूल फिर खोल दिया गया।

3. जर्जर भवन की सूची में नहीं स्कूल का नाम : कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ के मुताबिक स्कूल शिक्षा विभाग को पहले ही निर्देश दिए गए थे कि जो भी जर्जर भवन हो वहां स्कूलों की छुट्टी कर दी जाए, लेकिन खुद कलेक्टर कह रहे हैं कि न तो यह स्कूल जर्जर भवन की सूची में था और न ही यहां बच्चों की छुट्टी की गई।

अब देखिए- हादसे से जुड़े PHOTOS…

गांव वालों ने बताया कि स्कूल की बिल्डिंग का एक हिस्सा पूरी तरह ढह गया। घायल बच्चों के जूते-चप्पल बिखरे नजर आए।
गांव वालों ने बताया कि स्कूल की बिल्डिंग का एक हिस्सा पूरी तरह ढह गया। घायल बच्चों के जूते-चप्पल बिखरे नजर आए।
रेस्क्यू करने वाले लोगों ने बताया कि कई बच्चे भारी पट्टियों के नीचे दबे हुए थे। जब वे लोग स्कूल में पहुंचे तो चीख-पुकार मची हुई थी।
रेस्क्यू करने वाले लोगों ने बताया कि कई बच्चे भारी पट्टियों के नीचे दबे हुए थे। जब वे लोग स्कूल में पहुंचे तो चीख-पुकार मची हुई थी।
हादसे की जानकारी के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। यहां बच्चों का सामान बिखरा मिला।
हादसे की जानकारी के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। यहां बच्चों का सामान बिखरा मिला।
एंबुलेंस से उतारते ही बच्चों को हाथों से ही वार्ड की ओर लेकर मां-बाप दौड़ पड़े। कुछ समय के लिए पूरे हॉस्पिटल में अफरा-तफरी मच गई।
एंबुलेंस से उतारते ही बच्चों को हाथों से ही वार्ड की ओर लेकर मां-बाप दौड़ पड़े। कुछ समय के लिए पूरे हॉस्पिटल में अफरा-तफरी मच गई।
मनोहरथाना हॉस्पिटल के स्टाफ ने बताया कि कुछ बच्चों के सिर पर गंभीर चोट आई है।
मनोहरथाना हॉस्पिटल के स्टाफ ने बताया कि कुछ बच्चों के सिर पर गंभीर चोट आई है।
जिन बच्चों को झालावाड़ हॉस्पिटल लाया गया, उनकी हालत काफी खराब थी। अधिकतर बच्चे बेहोशी की हालत में थे।
जिन बच्चों को झालावाड़ हॉस्पिटल लाया गया, उनकी हालत काफी खराब थी। अधिकतर बच्चे बेहोशी की हालत में थे।
हादसे में जिन बच्चों की जान गई, उनकी डेडबॉडी मॉर्च्युरी में रखवाई गई।
हादसे में जिन बच्चों की जान गई, उनकी डेडबॉडी मॉर्च्युरी में रखवाई गई।

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