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‘भैया के पास ले चलो, मैं उसे राखी बांध दूंगी’:बहन बोली- उसने कहा था, मुझे लेने आएगा; पिता ने कहा- इकलौते कमाने वाले की हत्या कर दी


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‘भैया के पास ले चलो, मैं उसे राखी बांध दूंगी’:बहन बोली- उसने कहा था, मुझे लेने आएगा; पिता ने कहा- इकलौते कमाने वाले की हत्या कर दी

'भैया के पास ले चलो, मैं उसे राखी बांध दूंगी':बहन बोली- उसने कहा था, मुझे लेने आएगा; पिता ने कहा- इकलौते कमाने वाले की हत्या कर दी

मुझे मेरे भैया के पास ले चलो, मैं उसे राखी बांध दूंगी… उसने कहा था कि वह मुझे लेने आएगा…।

भाई को याद करते हुए नीलम का गला भर आया। उसकी आंखों से आंसू बहते रहे। इस बीच किराए के मकान के बाहर टेंट के नीचे बैठी नीलम, उसकी अन्य दो बहनें और मां जमीन पर सिर पटक- पटककर ‘वीरा’ (भाई) को याद कर रही थीं।

परिवार में मां-पिता के अलावा 5 बहनें और 2 भाइयों का सहारा 22 साल का विपिन था। रक्षा बंधन (9 अगस्त) से 20 दिन पहले (20 जुलाई) इन बहनों का भाई इन्हें छोड़कर चला गया। जयपुर के जामडोली स्थित मीणा पालड़ी इलाके में उसकी हत्या कर दी गई। विपिन के साथ ही 9 सदस्यों वाले इस परिवार के आमदनी का जरिया खत्म हो गया।

जयपुर के जामडोली स्थित मीणा पालड़ी इलाके में मातम है। बहनें अपने भाई विपिन के लिए बिलख रही हैं।
जयपुर के जामडोली स्थित मीणा पालड़ी इलाके में मातम है। बहनें अपने भाई विपिन के लिए बिलख रही हैं।

मां बार-बार बेसुध, बहनें चीखती रहीं

बेटे विपिन को याद कर मां भगवती देवी का बुरा हाल था। वे कभी बेसुध होकर गिर पड़तीं तो कभी अचानक सड़क की ओर दौड़तीं। बीच-बीच में होश में आतीं तो फफकते हुए कहतीं- मेरे सामने उसके कातिल को खड़ा करो, मैं खुद उसे देखना चाहती हूं मरते हुए। हत्यारे अनस को मेरे सामने कत्ल करवा दो, फिर मैं खड़ी हो जाऊंगी, अनस जिंदा नहीं रहना चाहिए, मैं तो यही चाहती हूं।

वह कहती हैं- मेरे परिवार के भरण-पोषण की पूरी जिम्मेदारी बेटे विपिन पर ही थी। एक किराने की दुकान में काम करके 2 छोटे भाइयों और पांच-पांच बहनों को संभाल रहा था। एक दरिंदे ने उसकी जान ले ली।

मां भगवती देवी बेटे के जाने के गम में बेसुध हो गईं। वह इंसाफ की मांग करती रहीं।
मां भगवती देवी बेटे के जाने के गम में बेसुध हो गईं। वह इंसाफ की मांग करती रहीं।

बहन चीखती रही- वीरा… वीरा…

बहन जूली बार-बार अपने भाई को पुकार रही थी। वीरा… वीरा… वापस आ जा… राखी बिना तू कैसे चला गया। उसकी हर चीख के साथ पड़ोस की महिलाओं की आंखें नम हो रही थीं। वहां मौजूद महिलाएं भी उस दर्द का एहसास कर रही थीं, जिससे विपिन का परिवार गुजर रहा है।

मातम के इस माहौल में वहां खड़ी महिलाएं कह रही थीं- बहुत बुरा हुआ परिवार के साथ। जो एक लड़का, सबको पाल रहा था, वही चला गया। किराने की दुकान में काम करके करके मां, भाई, बहनों का भरण- पोषण करता था।

भाई- भाई कहते हुए सड़क पर दौड़ पड़ी बहन

एक बहन अचानक चीखती हुई सड़क पर दौड़ पड़ी। यहीं पर भाई का मर्डर हुआ था। उसके पीछे मां, पड़ोसी और अन्य महिलाएं भागीं। उसकी जुबां से बस एक ही शब्द निकल रहा था- भाई… भाई…।

आगरा-जयपुर हाईवे पर पिता के साथ धरने पर बैठी बड़ी बहन मछला देवी ने कहा- मेरे भाई को हत्यारे ने मेरे सामने ही बुलाया था। उसके कंधे पर हाथ रखकर अपने साथ लेकर गए। कुछ दूरी पर ले जाकर उस पर चाकू से वार कर दिए। ये सब मेरे सामने हुआ, उसकी चीखें गूंजती रही, मेरे भाई को बचाने कोई नहीं आया।

भाई बेहोश हो गया था। मैं घबरा गई। मैं अकेली बचा नहीं सकती थी उसे। मैं अकेली पड़ गई थी। भाई को लहूलुहान हालत में देखकर मुझे कुछ सूझा हीं नहीं, मैं जब तक वहां पहुंची, हत्यारे अपना काम करके जा चुके थे। भाई जमीन पर पड़ा था। मैंने खून से लथपथ भाई को उठाया। मेरी साड़ी पर मेरे भाई का खून साफ दिख रहा है।

पिता बोले- मुझे मेरा बेटा ला दो। और कुछ नहीं चाहिए

विपिन के 55 साल के पिता मुन्ना लाल भी रुंआसे गले से एक ही बात दोहरा रहे थे- मुझे मेरा बेटा ला दो। और कुछ नहीं चाहिए। मुन्ना लाल ने एसएमएस हॉस्पिटल में थोड़े दिन पहले ही कमर में गांठ का दो बार ऑपरेशन करवाया है।

धरने पर बैठी बहन रीना ने कहा- मुझे मेरा भाई चाहिए। मुझे मेरा भाई लाकर दे दो। मेरे भाई को इंसाफ मिलना चाहिए।

विपिन जामडोली स्थित मीणा पालड़ी में किराए के मकान में रहता था। वह घर के पास में ही किराने की दुकान में काम करता था। वहां से उसे 15 हजार रुपए महीने मिलते थे। उसके परिवार में पांच बहनें और 2 छोटे भाई हैं। विपिन दोनों भाइयों में सबसे बड़ा था।

विपिन के भाई अमन (18) और अजय (15) अभी पढ़ाई कर रहे हैं। बहनें मछला देवी (40), रीना देवी (38), सर्वेश देवी (35), जूली (30) और नीलम (25) शादीशुदा हैं। परिवार में कुल 10 सदस्य थे। विपिन की मौत होने के बाद 9 सदस्य ही रह गए।

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