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सीकर में छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की माँग को लेकर कला महाविद्यालय में SFI का प्रदर्शन


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सीकर में छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की माँग को लेकर कला महाविद्यालय में SFI का प्रदर्शन

सीकर में छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की माँग को लेकर कला महाविद्यालय में SFI का प्रदर्शन

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : नैना शेखावत

सीकर : सीकर में छात्र संगठन एसएफआई की ओर से आज राजकीय कला महाविद्यालय कटराथल में छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने कॉलेज परिसर में जमकर नारेबाजी करते हुए सरकार से जल्द ही छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग रखी। प्रदर्शन के बाद छात्रों ने प्राचार्य को सरकार के नाम मांगों का ज्ञापन सौंपा। राजकीय कला महाविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष से राजू बिजारणियां ने कहां की पिछले 3 साल से लोकतंत्र की पहली सीढ़ी छात्र संघ के चुनाव बंद पड़े हैं और गहलोत की सरकार ने इन चावन पर रोक लगाई थी।

इसके बाद भाजपा सरकार ने अपने विधानसभा चुनावी प्रचार के दौरान दिए कहा था कि हमारी सरकार बनते ही हम छात्रसंघ चुनाव करवाएंगे लेकिन भाजपा सरकार अपने वादे से मुकर रही है। पिछले 2 साल से छात्र संघ चुनाव नहीं करवाए जा रहे इसको लेकर आज सीकर के राजकीय कला महाविद्यालय में छात्र संगठन और सफाई की ओर से विरोध प्रदर्शन कर शिक्षा मंत्री के नाम प्राचार्य को ज्ञापन सोपा गया है। सरकार को चेतावनी दी कि जल्द से जल्द राजस्थान में बंद पड़े छात्र संघ चुनाव बहाल करवा वरना प्रदेश का छात्र उग्र आंदोलन करेगा।

इस दौरान इकाई अध्यक्ष विकास, छात्रसंघ अध्यक्ष राजू बिजारणियां, उपाध्यक्ष महेन्द्र, जिला कमेटी सदस्य देवेश चौधरी, सीकर ग्रामीण अध्यक्ष वीरेंद्र, अभिषेक महला, इरफ़ान ख़ान, विक्रम, शक्ति यादव, राहुल तंवर, पुनीत, योगेन्द्र, जगवीर समेत अनेक कार्यकर्ता एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

ज्ञापन में यह रखी मांग:

  • राज्य में छात्र संघ चुनाव को तुरंत बहाल किया जाए जिससे छात्रा प्रतिनिधित्व पुन स्थापित हो सके और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बल मिले।
  • सभी राजकीय महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों में 75% उपस्थिति अनिवार्य रूप से लागू की जाए, ताकि विद्यार्थियों का शैक्षणिक अनुशासन व गुणवत्ता सुनिश्चित हो सकें।
  • सोसाइटी एक्ट के तहत संचालित समस्त महाविद्यालयों का पूर्ण सरकारीकारण किया जाए जिससे संसाधन स्टाफ और सुविधा विद्यार्थियों को सुविधाएं विद्यार्थियों को समान रूप से प्राप्त हो सकें।
  • राजकीय महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों में रिक्त शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक पदों को तुरंत प्रभाव से भरा जाए ताकि पठन-पाठन व्यवस्था बाधित न हो और विद्यार्थियों को समय पर शिक्षा मिल सकें।
  • नई शिक्षा नीति 2020 को रद्द किया जाए क्योंकि वर्तमान में यह नीति विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पहुंच और समानता के सिद्धांतों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।

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