किताब विवाद के बाद बोर्ड के सीनियर असिस्टेंट डायरेक्टर APO:सरकार का 12वीं क्लास में ‘आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत’ बुक नहीं पढ़ाने का फैसला
किताब विवाद के बाद बोर्ड के सीनियर असिस्टेंट डायरेक्टर APO:सरकार का 12वीं क्लास में ‘आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत’ बुक नहीं पढ़ाने का फैसला

अजमेर : राजस्थान बोर्ड 12वीं की किताब ‘आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत’ पर सियासी बवाल के बाद अब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान ने सीनियर असिस्टेंट डायरेक्टर दिनेश कुमार ओझा को एपीओ कर दिया है। अब उनका मुख्यालय शिक्षा निदेशालय बीकानेर किया गया है।
दरअसल, इस किताब में गांधी-नेहरू परिवार सहित कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों पर काफी कंटेंट है, लेकिन 11 साल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान पर पढ़ने के लिए बहुत कम जानकारी दी गई है। मोदी को तवज्जो नहीं मिलने के कारण अब सरकार ने किताब विद्यार्थियों को नहीं पढ़ाने का फैसला कर लिया है। इस फैसले पर कांग्रेस ने कहा- सरकार का यह कदम शिक्षा व्यवस्था पर वैचारिक प्रहार है।
किताब राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने तैयार कराई है। राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल नए सत्र (2025) के लिए छपकर आईं 4.90 लाख किताबों को 19,700 स्कूलों में बांट रहा है। इतना ही नहीं, करीब 80 फीसदी किताब वितरित हो चुकी हैं।

ओझा बोले- मुझे क्यों हटाया, कारण नहीं पता?
असिस्टेंट डायरेक्टर दिनेश कुमार ओझा ने कहा-किताब सरकार की परमिशन से ही छापी गई है। 2026-27 में सिलेबस रिवाइज होना है। इस साल वही किताब दी गई, जो पिछले सालों से चली आ रही है। अब मुझे क्यों हटाया है। किस कारण से हटाया। इस बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहता।
बोर्ड में डेपुटेशन पर थे ओझा
बोर्ड सचिव कैलाश चंद्र शर्मा ने बताया- सीनियर असिस्टेंट डायरेक्टर दिनेश कुमार ओझा का अब मुख्यालय शिक्षा निदेशालय बीकानेर किया गया है। पहले एकेडमिक निदेशक राकेश स्वामी थे। इनको करीब डेढ़ महीने पहले ही सरकार ने हटाकर एपीओ कर दिया था।
किताबों में सिर्फ कांग्रेस का गुणगान
किताब वितरित होने और ऐसे में रुपयों की बर्बादी पर शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा- ‘बेकार जाएंगे तो चले जाएंगे पैसे, जहर थोड़े ही खाएंगे।’ यानी गलत जानकारियां नहीं देंगे।
किताबों में छपा कांग्रेसी गुणगान इसी साल उनकी नजर में आया। ऐसे में इन किताबों को नहीं पढ़ाने का फैसला किया गया है।
डोटासरा बोले- सरकार बच्चों से इतिहास छुपाना चाहती
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व शिक्षामंत्री गोविंदसिंह डोटासरा ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि नेहरू, इंदिरा, राजीव, मनमोहन सिंह जैसे महानायकों के योगदान को कैसे भुलाया जा सकता है। उनके कार्यकाल में शामिल इन किताबों में पूर्व प्रधानमंत्रियों के अमिट योगदान को बताया गया है। क्या सरकार बच्चों से इतिहास और सच्चाई छुपाना चाहती है।