काजड़ा को पिलानी पंचायत समिति में जोड़ने का विरोध:प्रदर्शन कर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन; निर्णय वापस लेने की मांग, आंदोलन की चेतावनी
काजड़ा को पिलानी पंचायत समिति में जोड़ने का विरोध:प्रदर्शन कर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन; निर्णय वापस लेने की मांग, आंदोलन की चेतावनी

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका
झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले की ग्राम पंचायत काजड़ा को पंचायत समिति सूरजगढ़ से हटाकर पिलानी में जोड़ने के प्रस्ताव के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। मंगलवार को बड़ी संख्या में काजड़ा के लोगों ने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। चेतावनी दी कि निर्णय वापस नहीं लिया तो बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। प्रदर्शनकारियों ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें ग्राम पंचायत काजड़ा को पहले की तरह पंचायत समिति सूरजगढ़ में ही रखने की पुरजोर मांग की गई।
सरपंच ने किया प्रदर्शन का नेतृत्व, निर्णय को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
वर्तमान सरपंच मंजू तंवर ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने प्रशासन के इस फैसले को ग्रामीणों के हितों के खिलाफ बताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण और अव्यावहारिक करार दिया। सरपंच तंवर ने कहा-ग्राम पंचायत काजड़ा पंचायत समिति सूरजगढ़ से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जबकि पिलानी पंचायत समिति यहां से लगभग 12 किलोमीटर दूर है। इस दूरी के कारण ग्रामीणों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा।
पूर्व सरपंचों ने गिनाईं परेशानियां
पूर्व सरपंच सरोज देवी ने कहा- सूरजगढ़ के लिए हर समय परिवहन के साधन आसानी से उपलब्ध रहते हैं, जबकि पिलानी के लिए कोई नियमित और सीधी सुविधा नहीं है। इससे काजड़ा के आम नागरिकों को दैनिक कार्यों और सरकारी कामकाज के लिए आने-जाने में काफी परेशानी होगी।
उन्होंने यह भी बताया- काजड़ा ग्राम पंचायत की तहसील, उपखंड कार्यालय और रेलवे स्टेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्यालय भी सूरजगढ़ में ही स्थित हैं, जिससे स्वाभाविक रूप से इस पंचायत का जुड़ाव सूरजगढ़ पंचायत समिति के साथ ही है। पूर्व सरपंच राजेंद्र प्रसाद ने कहा- झुंझुनूं जिले की सबसे बड़ी और प्रसिद्ध अनाज मंडी सूरजगढ़ में ही है, जहां काजड़ा के किसान अपनी फसलें बेचने आते हैं। ऐसे में ग्राम पंचायत को पिलानी पंचायत समिति में जोड़ना न केवल अव्यावहारिक है, बल्कि क्षेत्र के किसानों के साथ भी अन्याय होगा।
मंजीत तंवर ने प्रशासन और राजस्थान सरकार से इस निर्णय का औचित्य स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने कहा- सरकार को यह बताना चाहिए कि ग्राम काजड़ा को पंचायत समिति पिलानी में शामिल करने की आवश्यकता क्यों पड़ी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि व्यावहारिकता और जनहित को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव को तुरंत रद्द किया जाए और ग्राम पंचायत काजड़ा को पूर्ववत पंचायत समिति सूरजगढ़ में ही बनाए रखा जाए।
बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने लिया हिस्सा, उग्र आंदोलन की चेतावनी
इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएं शामिल हुईं। प्रदर्शन में रिशाल सिंह गुर्जर, कैलाश नागवान, भीम सिंह शेखावत, भगवती प्रसाद स्वामी, नथमल नागवान, पालाराम कुमावत, बाबूलाल कुमावत, प्रेम सिंह नायक, बाबूलाल मेघवाल, विजय सिंह शेखावत, पूर्व सरपंच रणवीर धतरवाल, शायर सिंह शेखावत, अशोक स्वामी, प्रकाश मेघवाल, धीर सिंह नायक, राजकुमार जोशी, श्री निवास शर्मा, लक्ष्मीकांत जोशी, राय सिंह शेखावत, विनोद सोनी, होशियार सिंह सिंगाठिया, संदीप शेखावत, प्यारेलाल मिस्त्री, गुरुदयाल जांगिड़, छंगाराम मेघवाल, राजेन्द्र सैनी, अक्षय शर्मा, विक्रम गुर्जर, ताराचंद चोपड़ा, मुकेश शेखावत, सुरेश कुमावत, रामचन्द्र खन्ना सहित सैकड़ों ग्रामवासी मौजूद रहे।