अलविदा जुम्मा की नमाज उत्साह के साथ अदा की:देश में अमन-चैन की दुआएं की, नमाज के बाद एक-दूसरे को मुबारकबाद दी
अलविदा जुम्मा की नमाज उत्साह के साथ अदा की:देश में अमन-चैन की दुआएं की, नमाज के बाद एक-दूसरे को मुबारकबाद दी

झुंझुनूं : रमजान के पवित्र महीने के आखिरी जुम्मा जुमातुल विदा (अलविदा जुम्मा) को जिले की सभी मस्जिदों में उत्साह के साथ नमाज अदा की गई। सुबह से ही मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज की तैयारियों में जुटे हुए थे। जुम्मे की नमाज के लिए मस्जिदों में भारी भीड़ उमड़ी। रमजान के आखिरी जुम्मे की फजीलत के बारे में मौलानाओं ने खुतबा दिया। नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे को मुबारकबाद दी और देश में अमन-चैन के लिए दुआ की। अलविदा जुम्मा रमजान के महीने का आखिरी जुम्मा होता है, इसलिए इसका बहुत महत्व है। माना जाता है कि इस दिन की गई दुआएं कबूल होती हैं।
रमजान का आखिरी अशरा
रमजान के महीने का आखिरी अशरा चल रहा है, जिसे बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान, मुस्लिम समुदाय के लोग इबादत में ज्यादा समय बिताते हैं और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।
दुआओं का दौर
नमाज के बाद लोगों ने अपने और अपने परिवार के लिए दुआएं मांगी। उन्होंने देश में शांति और समृद्धि के लिए भी दुआ की।
वक्फ बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
इत्तेहादुल मुस्लिमीन सोसाइटी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के खिलाफ शुक्रवार को जुम्मातुल विदा के मौके पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के इस विधेयक को मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर हमला करार दिया। सोसाइटी के अध्यक्ष जुबैर कुरैशी व पदाधिकारियों ने कहा कि वक्फ बिल में प्रस्तावित बदलाव मस्जिदों, दरगाहों और अन्य वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक संविधान में दिए गए अल्पसंख्यक अधिकारों का उल्लंघन करता है। विरोध के दौरान सदस्यों ने काली पट्टी बांधकर ओर काले कपड़े पहन कर अपनी नाराजगी जाहिर की और सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग की।