नई राष्ट्रीय कृषि नीति के विरोध में किसानों की रैली:बोले- किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे, ये तीन काले कानून की पुनरावृत्ति
नई राष्ट्रीय कृषि नीति के विरोध में किसानों की रैली:बोले- किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे, ये तीन काले कानून की पुनरावृत्ति

झुंझुनूं : राष्ट्रव्यापी आह्वान पर नई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति के विरोध में अखिल भारतीय किसान महासभा ने झुंझुनूं में धरना प्रदर्शन किया। इससे पहले कार्यकर्ता शहीद भगतसिंह पार्क में एकत्रित हुए। वहा से विभिन्न मार्गो से होते हुए रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पर पहुंचे।
कलेक्ट्रेट परिसर के मुख्य गेट जमकर नारेबाजी की। फिर धरना-प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव कामरेड रामचंद्र कुलहरि ने कहा कि नई राष्ट्रीय नीति रद्द करवाए तीन काले कानून की पुनरावृत्ति है। इससे नई कृषि बाजार के नीति के नाम पर थोपा जा रहा है। इस नीति का पूरे देशभर में विरोध है। नई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
फसलों के खराबे का मुआवजा देने की मांग
विरोध प्रदर्शन के माध्यम से अन्य मुद्दे पर भी उठाए गए। जिसमें एमएसपी को कानूनी गारंटी देने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश अनुसार फसल की लागत का डेढ़ गुना भाव तय करने, झुंझुनूं जिले में यमुना नहर के लिए राज्य सरकार द्वारा बजट का प्रावधान करने, चनाना में उप तहसील व पंचायत समिति मंजूर करने, जिले की खेतड़ी, उदयपुरवाटी सहित सभी तहसीलों की 2022-23 की रबी फसलों के खराबे का मुआवजा देने, बिजली सुधार कानून 2023 वापस लेने, 150 यूनिट प्रतिमाह बिजली छूट में सोलर पैनल की बाध्यता खत्म करने, ओलावृष्टि से प्रभावित तोगडा खुर्द, कुमावास व मणास सहित तमाम ग्रामों की फसलों के नुकसान का सर्वे कर अविलंब मुआवजा देने, भैंस के दुग्ध का 80 रुपए प्रति लीटर व गाय के दुग्ध का 60 रुपए प्रति लीटर भाव तय करने, उच्च क्षमता की विद्युत लाइन के टावरों से प्रभावित खेती वाले किसानों को बाजार भाव से दुगुनी कीमत का मुआवजा देने सहित विभिन्न मांग की गई।
धरना प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड फूलचंद ढेवा, जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश झारोड़ा, जिला उपाध्यक्ष इंद्राज सिंह चारावास, रामस्वरूप मणकश, राम सिंह सारी, सरपंच अनिल उर्फ टोनी, सुरेश महला, रोहतास काजला, अमर सिंह चाहर, सुबेदार मेजर मेघसिंह, रामनारायण ढेवा, सुभाष, सुबेदार बजरंग, बहादुरमल, त्रिलोक सिंह डूडी सहित अनेक किसान मौजूद रहे। इस दौरान 22 फरवरी को सभी ग्रामों में नई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति की प्रतियां जलाने की घोषणा की गई ।