गहलोत बोले- मेरे वक्त भी फोन टैपिंग के आरोप लगे:मैने सदन में जवाब दिया था, सीएम भजनलाल को मेरी तरह कहने का भाव क्यों नहीं आया
गहलोत बोले- मेरे वक्त भी फोन टैपिंग के आरोप लगे:मैने सदन में जवाब दिया था, सीएम भजनलाल को मेरी तरह कहने का भाव क्यों नहीं आया
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जयपुर : मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग के आरोपों और बीजेपी की तरफ से उन्हें नोटिस देने के मामले में सियासी आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि विपक्ष सदन में सरकार से मांग कर रहा था कि वास्तविकता क्या है। मेरे वक्त में भी फोन टैपिंग के आरोप लगे थे। मैंने खुद हाउस में खड़े होकर कहा था कि किसी भी सांसद विधायक का टेलीफोन न टैप हुआ है, न हो रहा है, ना आगे होगा। अगर टैप नहीं हो रहा है तो मेरी तरह सीएम भजनलाल भी गृह मंत्री हैं। सदन के नेता हैं। उनको मेरी तरह बात करने का भाव क्यों नहीं आया।
गहलोत ने कहा- क्यों नहीं उन्होंने सदन में कहा कि किरोड़ी लाल मीणा का फोन टैप नहीं किया गया। बात खत्म हो जाती। विपक्ष के लोग भी सहयोग करते। बहस होती।

कुछ लोग हवा में आरोप लगा देते हैं, बेढम बाहर बोल रहे थे सदन में क्यों नहीं बोले
गहलोत ने कहा- कुछ लोग हवा में आरोप लगा देते हैं। इस केस में किरोड़ी लाल मीणा का क्या हुआ है। अगर आउट ऑफ वे जाकर टेलीफोन टैप किया है तो सरकार ने क्राइम किया है। इसको स्पष्ट कौन करेगा? विधानसभा के बाहर आकर गृह राज्य मंत्री बेढम बोल रहे हैं , वो सदन के अंदर क्यों नहीं बोले। इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए।
टेलीफोन टैप करने की परंपरा राजस्थान में नहीं
गहलोत ने कहा- टेलीफोन टैप करने की परंपरा राजस्थान में नहीं है। कानून किसी का टेलीफोन टैप करने की अनुमति नहीं देता। जब तक कोई असामाजिक तत्व नहीं हो। किसी पर शक बना हुआ है की कोई राजद्रोह का काम कर रहा है। उसके फोन जरूर गृह मंत्रालय की अनुमति से टैप करने का काम होता है। कोई भी अधिकारी टेलीफोन टैप नहीं कर सकता है। होम मिनिस्ट्री से परमिशन लेनी पड़ती है। उसका पूरा प्रोसेस बना हुआ है।

सदन में मुख्यमंत्री ऐसे बोल रहे थे जैसे सीएम नहीं विपक्ष का नेता बोल रहा है, कटारिया से भी आगे निकल गए
गहलोत ने कहा- राज्यपाल के अभिभाषण पर जो बहस चल रही थी, उसमें नेता प्रतिपक्ष जूली बोलते। सीएम का जवाब आता, सब सुनते। मुख्यमंत्री का 2 घंटे तक एकतरफा जवाब चलता रहा। दो घंटे में मुख्यमंत्री क्या-क्या बोले, उनके भाषण को आम नागरिक भी ऑनलाइन देखें तो लगता है कि यह मुख्यमंत्री का स्पीच है या नेता प्रतिपक्ष बोल रहा है। जैसे नेता प्रतिपक्ष रहते हुए गुलाब चंद कटारिया बोलते थे। उन्होंने उनसे भी आगे बढ़कर भाषण दिया, जो समझ से परे है।