स्वस्थ परिवार निर्माण में शिक्षित वर्ग की अहम भूमिका – एडवोकेट रामेश्वर प्रजापति
स्वस्थ परिवार निर्माण में शिक्षित वर्ग की अहम भूमिका - एडवोकेट रामेश्वर प्रजापति
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जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान
चूरू : जिला मुख्यालय पर वनविहार स्थिति राउप्रावि कन्या विद्यालय के सभागार में राज्य स्तरीय मोटिवेशनर एडवोकेट रामेश्वर प्रजापति जिला अध्यक्ष सिवील राईट सोसायटी चुरु ने बालिकाओं को सुस्वास्थ्य और संस्कारित शिक्षा पर मोटिवेशनल स्पीच दिया। उन्होंने बालिकाओं से कहा कि स्वस्थ परिवार निर्माण के लिए महिला में बारह से चौदह अच बी ब्लड होना चाहिए और पुरुष में चौदह से सौलह पोइंट ब्लड अच्छे स्वास्थ्य के लिए होना आवश्यक है स्वस्थ परिवार निर्माण में बालिका की चौहद से अठारह की उम्र में ही मोग्लोबीन जांच करवा कर बारह से उपर चौदह अच बी तक होना जरूरी है उन्होंने कहा प्यारे बच्चों जब बालिका की शादी बीस इक्कीस वर्ष की उम्र में हो तो हिमोग्लोबिन पुरा होना चाहिए ।
शादी के बाद बच्चा होने पर स्वस्थ परिवार निर्माण के लिए कम से कम दो वर्ष मां का दुध पिलाना चाहिए। दो से पांच वर्ष तक स्थानीय जैविक सब्जियां सांगरी,कैरीया,खींपोली, ग्वारफली, सावणी सब्जियां खानी सिखानी चाहिए, बच्चों को चाय से इस उम्र में दुर रखना चाहिए। जब बच्चे की आयु पांच वर्ष की हो और शाला में प्रवेश देने पर वो बच्चा हर क्षेत्र में अन्य बच्चों से अग्रणी रहेगा क्योंकि बच्चे की मां के स्वास्थ्य का ध्यान चौदह वर्ष की आयु से ही रखा गया है । अच बी बारह से उपर होने पर पिंचानवें प्रतिशत नोर्मल डिलेवरी होगी, स्थानीय उत्पादन की सब्जी ओर खाद्यान्न जैसे बाजारा खाने बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
उन्होंने कहा कि प्यारे बच्चों सुस्वास्थ्य ही शैक्षणिक विकास की प्रथम सिढी होती है। बच्चों को चीनी, रिफाइंड तेल, बाजार की सब्जी आलु, फास्ट फूड से दूर रहना चाहिए।तब कोई जाकर स्वस्थ परिवार निर्माण होगा, उन्होंने बच्चों कहा कि मम्मी इस तरह काम करती है जैसे आज आज करना है तो घर जाकर मम्मी को कहना है कि बीस पच्चीस रुपए की छोटी सी अच बी की जांच करवाने का कहना है और मम्मी का हीमोग्लोबिन चैहद पोइंट तक बढ़ाना है उन्होंने कहा कि प्यारे बच्चों अच बी यदि आठ है तो आठ घंटे ही काम कर सकते हैं नोंवे घन्टे थकान जायेगी, यदि अच बी दस है ग्यारहवें घंटे काम करने पर थकान आ जायेगी। जबकि मम्मी सुबह पांच बजे उठकर रात ग्यारह बजे तक घर में अठारह घंटे काम करती है ओर हिमोग्लोबिन है आठ तो बिमारी की शुरुआत का मुख्य कारण यह है इसलिए स्वस्थ समाज निर्माण में हर शिक्षित वर्ग की जिम्मेदारी है और उस शिक्षित वर्ग की प्रथम पायदान पर विद्यार्थी वर्ग है उन्होंने कहा बच्चों से कहा कि आप कीतने शौभाग्यशाली हो जो आपको शाला नसीब है कै ईयो के पापा को तो आपके सपने साकार करने,घर चलाने के लिए पढ़ाई छोड़नी पड़ी।
प्रजापति ने बच्चों को कुरितियां निवारण एवं हास्य रस की कविता सुनाते हुए मोटिवेट किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शाला प्रधान अलका टाक ने की। उन्होंने शाला की गति विधियां बताते हुए कहा कि बच्चे हमारी शाला के अनुशासित है बच्चों के लक्ष्य उच्च है उसके अनुरूप ही हमरा स्टाफ पढ़ाई के साथ साथ मोटिवेट करता है इस क्रम में ही आज ये कार्यक्रम आयोजित किया है कार्यक्रम का संचालन करते हुए रुचिका सैनी ने बच्चों को आदर्श बालिका के रुप में शाला आने का संकल्प दिलाया। ओर कहा कि प्यारे बच्चों मेहनत असम्भव को सम्भव बना सकती है कार्यक्रम में मो वसिम अली ने स्वागत भाषण हुये बच्चों को घर ओर शाला में अनुशासित रहने के टिप्स बताए। कार्यक्रम में मुस्कानबानो, प्रतिमा, सरोज, मोनिका जांगीड़, सृष्टि सोनी, सोनु बानों, वन्दना, अबीदा बानो आदि ने सहभागिता दी।