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परिवादी ने परेशान होकर की एसीबी में शिकायत


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खेतड़ीझुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

परिवादी ने परेशान होकर की एसीबी में शिकायत

गुणीनीचा गांव में 105.92 हेक्टेयर का चल रहा था एसडीएम कोर्ट में मामला, 1 अक्टूबर को तत्कालीन एसडीएम ने दिए आदेश के बावजूद नहीं किया काम

खेतड़ी नगर : खेतड़ी एसडीएम को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा ट्रैप करने के बाद दुसरे दिन एसडीएम कार्यालय परिसर में सन्नाटा पसरा रहा। उपखंड कार्यालय में हर कोई एसडीएम बंशीधर योगी के ट्रैप होने की चर्चा करता नजर। पूरे मामले की पड़ताल के लिए जनमानस शेखावाटी संवाददाता जब उपखंड कार्यालय पंहुचे तो कार्यालय में अधिकांश कुर्सी खाली नजर आई तथा एसडीएम बंशीधर योगी का चैम्बर भी बंद पाया गया। इस दौरान पड़ताल में सामने आया कि खेतड़ी उपखंड के माधोगढ़ पंचायत के गुणीनीचा गांव में 105.92 हेक्टेयर भूमि है। जिसमे एसीबी को शिकायत करने वाले परिवादी की 19.36 हेक्टेयर भूमि है। उक्त भूमि में हरियाणा व दिल्ली के सात साझेदार है।

एसडीएम बंशीधर योगी

परिवादी ने बताया कि उसने वर्ष 2007 में यह जमीन खरीदी थी, जिसमें उसने फार्म हाउस संचालित कर रखा है। पहले शुरुवात में जब दिल्ली से यहां आकर जमीन खरीदी तो उसे यह नहीं पता था कि जमीन को एसडीएम कोर्ट में डिक्री करने की कार्रवाई की जाती है। इसके बाद उनका मामला एसडीएम कोर्ट में आया तो वह दिल्ली से खेतड़ी आकर जमीन को दर्ज करवाने के प्रयास करने लगा। इसके बाद उसके प्रयास पर तत्कालीन एसडीएम से 1 अक्टूबर को डिक्री जारी करने के आदेश दिए। इसके बाद उनका स्थानांतरण होने पर 18 अक्टूबर को एसडीएम बंशीधर योगी ने एसडीएम के रूप में ज्वाइन किया। परिवादी ने बताया कि एसडीएम के ज्वाइन करने के बाद वह एसडीएम से मिलकर उसके हिस्से की जमीन का मामला निपटाने का आग्रह किया, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। वह अपने काम के लिए कई बार दिल्ली से खेतड़ी के चक्कर लगाए। इस दौरान परिवादी ने अपनी परिचित महिला सांसद से एसडीएम को फोन भी करवाया, लेकिन एसडीएम बंशीधर योगी ने उनका काम करने पर बीस बीघा जमीन देने की डिमांड की। परिवादी ने जमीन देने पर असमर्थता जताई तो पांच लाख रुपए मांगे गए। इसके बाद तीन लाख रुपए देने पर सहमति बन पाई। जिस पर परिवादी ने परेशान होकर एसीबी मुख्यालय में शिकायत की तथा एसीबी की ओर से 25 नवंबर को एक लाख रुपए देकर सत्यापन करवाया गया। वहीं देर शाम को दो लाख रुपए की रिश्वत लेते एसडीएम बंशीधर योगी को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान एसीबी की टीम ने दो क्राकरी सेट बरामद किए हैं जिनकी कीमत करीब नौ हजार रुपए है।

एसडीएम बंशीधर योगी ने रिश्वत के साथ यह क्रॉकरी सेट भी लिया था।
एसडीएम बंशीधर योगी ने रिश्वत के साथ यह क्रॉकरी सेट भी लिया था।

कार्यालय में होने वाली थी कार्रवाई, लेकिन एसडीएम थे नीमकाथाना मीटिंग में
एसीबी की ओर से एसडीएम को दबोचने के लिए पुरा प्लान तैयार कर लिया था। एसीबी की ओर से उपखंड कार्यालय में कार्रवाई की प्लानिंग की गई, लेकिन मंगलवार को एसडीएम बंशीधर योगी नीमकाथाना में मीटिंग में होने के कारण कार्रवाई नहीं हो पाई। इसके बाद शाम को साढ़े सात बजे एसडीएम खेतड़ीनगर में आवासीय क्वार्टर पर रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिए गए। इसके बाद एसीबी की टीम ने पूरी कार्रवाई करने के बाद रात करीब पौने दो बजे एसडीएम बंशीधर योगी को अपने साथ जयपुर ले गई।

डिक्री की पालना करने के लिए तहसीलदार के नाम तहरीर जारी करने की एवज में ली रिश्वत
परिवादी के पक्ष में उपखंड न्यायालय से एक अक्टूबर 2024 को तत्कालीन एसडीएम के द्वारा डिक्री जारी की गई थी। जिसकी पालना करने के लिए तहसीलदार खेतड़ी के नाम तहरीर जारी करने के परिवादी के निवेदन पर उपखंड अधिकारी द्वारा उक्त डिक्री की अपील की समय सीमा की अवधि बीतने के लिए कहा गया। उक्त अवधि बीतने पर परिवादी ने दोबारा निवेदन किया तो उससे रूपय की डिमांड की, जिस पर एसीबी की ओर से कार्रवाई की गई है।

एडवोकेट संजय कुमार सुरोलिया ने बताया कि कानूनी प्रावधानों के अनुसार किसी भी पक्षकार के पक्ष में उपखंड न्यायालय से अंतिम डिक्री जारी के पश्चात उसकी पालना के लिए नियमानुसार तहसीलदार को तहरीर जारी की जाती है। यदि विरूद्ध पक्षकार अंतिम डिक्री से संतुष्ट नहीं हैं तो उसे अपीलीय न्यायालय में अपील का अधिकार होता है, जिसके लिए 60 दिन का समय होता है। यदि अपीलीय न्यायालय से कोई स्थगन आदेश नहीं होता है तो डिक्री की पालना करवाई जाती है।

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