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केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान और राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के मध्य हुआ एमओयू


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केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान और राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के मध्य हुआ एमओयू

ज्ञान और कौशल के विकास मोर्चे पर आरटीयू के विद्यार्थी बनेंगे सशक्त : प्रो.एस.के. सिंह, कुलपति

कोटा : सीएसआईआर -केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई), नई दिल्ली और राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू), कोटा के मध्य गुवाहाटी में भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2024 के दौरान सीएसआईआर मंडप में सहयोगात्मक अनुसंधान हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) संपन्न हुआ। आरटीयू के सह जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि सीएसआईआर-सीआरआरआई के निदेशक प्रो. मनोरंजन परिदा और आरटीयू के कुलपति प्रो.एस.के. सिंह ने सीएसआईआर के महानिदेशक और भारत सरकार के डीएसआईआर के सचिव डॉ. एन. कलैसेलवी की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन को औपचारिक रूप दिया। इस समारोह में संस्थान के शीर्ष वैज्ञानिक के साथ मुख्य वैज्ञानिक और सूचना, संपर्क और प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. रवींद्र कुमार सहित वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों ने भी भाग लिया। इस अवसर पर दोनों पक्षो नें आपसी सहयोग, संयुक्त कार्यक्रमों और कौशल विकास के असिमित अवसरों पर सहमति जताई हैं। दोनों पक्षो नें द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक गहरा करने, जीवंत साझेदारी को मज़बूत करने तथा शिक्षा, कौशल विकास, गहन तकनीकी अनुसंधान एवं पारस्परिक हित के विभिन्न क्षेत्रों में जुड़ाव बढ़ाने के बारे में भी सार्थक बातचीत की, साथ ही दोनों ने तकनीकी शिक्षा मे सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि हैं। इस एमओयू का उद्देश्य सड़क अवसंरचना, परिवहन प्रणाली, पर्यावरणीय स्थिरता और सिविल इंजीनियरिंग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोग के क्षेत्र में अनुसंधान और शैक्षणिक तालमेल को मजबूत करना है।

कुलपति प्रो. एसके सिंह ने कहा की निःसन्देह यह आपसी साझेदारी तकनीकी विश्वविद्यालय की शोध यात्रा को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। शोध-अनुसंधान, नवाचार और हमारी तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थियों का इसमें सक्रिय योगदान हमारे शिक्षा व्यवस्था की चहुमुखी उन्नति के आधार स्तम्भ है।यह एमओयू दोनों तकनीकी संस्थानों के बीच शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर समन्वय और साझेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर बोलते हुए, प्रो. परिदा ने इस साझेदारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यह समझौता ज्ञापन सहयोगी अनुसंधान, अकादमिक आदान-प्रदान और अत्याधुनिक तकनीकों के एकीकरण के माध्यम से सड़क और परिवहन इंजीनियरिंग में दबाव वाली चुनौतियों का समाधान करने में एक मील का पत्थर है।

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